आईआईटी मद्रास 28 फरवरी से एक मार्च तक ‘आईइन्वेनटिव’ रिसर्च एक्सपो के तीसरे संस्करण का आयोजन करेगा
जितेंद्र नोमान
- 16 Jan 2025, 04:07 PM
- Updated: 04:07 PM
नयी दिल्ली, 16 जनवरी (भाषा) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास 28 फरवरी से एक मार्च तक राष्ट्रीय एक्सपो ‘आईइन्वेनटिव 2025’ का आयोजन करेगा। इस एक्सपो में देश के अग्रणी प्रौद्योगिकी संस्थानों के अत्याधुनिक शोध को प्रदर्शित किया जाएगा। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
एक्सपो का उद्घाटन केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान करेंगे और इसमें सभी आईआईटी, एनआईटी (राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान), आईआईएससी (भारतीय विज्ञान संस्थान) और आईआईएसईआर (भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान) के साथ-साथ एनआईआरएफ रैंकिंग में शीर्ष 50 में स्थान पाने वाले शीर्ष सरकारी और निजी इंजीनियरिंग संस्थानों की अनुसंधान व विकास परियोजनाएं प्रदर्शित की जाएंगी।
आईआईटी मद्रास के निदेशक वी. कामकोटी ने बताया, “इस एक्सपो का मुख्य उद्देश्य उद्योग जगत में तकनीकी सफलताओं के बारे में जागरूकता बढ़ाना और बेहतर उद्योग-अकादमिक सहयोग प्राप्त करना है। इस वर्ष की मुख्य बात यह है कि इसमें भाग लेने वाले संस्थानों (लगभग 300) की बड़ी संख्या में प्रदर्शनी लगाई जाएगी, जिसमें इन संस्थानों से अनुसंधान और विकास के आधार पर शुरू किए गए स्टार्टअप का अच्छा प्रतिनिधित्व होगा।”
उन्होंने बताया, “परिपक्व टीआरएल (प्रौद्योगिकी तत्परता स्तर) चरण सात से नौ में प्रौद्योगिकियों पर विशेष जोर दिया जाएगा, जो व्यावसायीकरण के लिए तैयार हैं और इन्हें कार्यक्रम के दौरान ही उद्योग को हस्तांतरित किया जा सकता है।”
‘आईइन्वेनटिव’ शिक्षा मंत्रालय का एक प्रमुख कार्यक्रम है। कामकोटी ने बताया, “इस वर्ष, इस आयोजन में निजी संस्थान सहित कई और संस्थान भाग ले रहे हैं। यह दो दिवसीय कार्यक्रम संस्थानों के आविष्कारों और रचनात्मकता को प्रदर्शित करने के लिए है। हमें उम्मीद है कि इस कार्यक्रम में बहुत सारे निवेशक और बड़े औद्योगिक संगठन भाग लेंगे, जिससे उद्योग-अकादमिक सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।”
इस एक्सपो में जिन विषयगत क्षेत्रों को सामने लाया जाएगा उनमें कृत्रिम मेधा (एआई), मशीन लर्निंग (एमएल) प्रौद्योगिकियां, विमानन, रक्षा व अंतरिक्ष, समुद्री प्रौद्योगिकी, चिकित्सा या स्वास्थ्य देखभाल इंजीनियरिंग, ग्रामीण प्रौद्योगिकी, स्मार्ट शहर और बुनियादी ढांचा समेत अन्य शामिल हैं।
भाषा जितेंद्र