बेहतर बुनियादी ढांचा, सपनों को जोड़ने और प्रगति में तेजी लाने के बारे में है: प्रधानमंत्री मोदी
ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र मनीषा
- 26 Nov 2024, 11:53 AM
- Updated: 11:53 AM
नयी दिल्ली, 26 नवंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि तीन रेल परियोजनाओं को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी से महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश को फायदा होगा और मुंबई तथा प्रयागराज के बीच व्यस्त खंड के विकास को बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘बेहतर बुनियादी ढांचा, सपनों को जोड़ने और प्रगति में तेजी लाने के बारे में है।’’
मंत्रिमंडल के अन्य फैसलों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती पर राष्ट्रीय मिशन भारतीय कृषि में एक परिवर्तनकारी बदलाव लाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘इस प्रयास के माध्यम से, हम मिट्टी के स्वास्थ्य का पोषण कर रहे हैं, जैव विविधता की रक्षा कर रहे हैं और अपने कृषि भविष्य को सुरक्षित कर रहे हैं। यह टिकाऊ खेती और किसानों की समृद्धि के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।’’
केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा ‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ योजना को मंजूरी दिए जाने का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि यह देश को अनुसंधान, सीखने और ज्ञान का केंद्र बनाने के प्रयासों को मजबूत करेगी तथा बहुविषयक अध्ययन को प्रोत्साहित करेगी। उन्होंने कहा कि यह भारतीय शिक्षा जगत और युवा सशक्तिकरण के लिए एक ‘गेम-चेंजर’ है।
एक अन्य पोस्ट में मोदी ने कहा, ‘‘अटल नवोन्मेष मिशन को जारी रखने से संबंधित मंत्रिमंडल का फैसला नवाचार को बढ़ावा देने के प्रति हमारी सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है।’’
उन्होंने कहा कि यह मिशन विज्ञान, प्रौद्योगिकी और उद्योग जैसे क्षेत्रों में भारत की प्रगति को लगातार बढ़ा रहा है।
मोदी की अध्यक्षता में सोमवार को हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 7,927 करोड़ रुपये की कुल लागत वाली रेल मंत्रालय की तीन परियोजनाओं को मंजूरी दी।
इन परियोजनाओं में जलगांव-मनमाड चौथी लाइन (160 किलोमीटर), भुसावल-खंडवा तीसरी और चौथी लाइन (131 किलोमीटर) और प्रयागराज (इरादतगंज)-मानिकपुर तीसरी लाइन (84 किलोमीटर) शामिल हैं।
सरकार ने अगले दो वर्षों में 2,481 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 7.5 लाख हेक्टेयर पर एक करोड़ किसानों के बीच प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रीय मिशन की भी घोषणा की।
भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र