अदाणी मामले में राहुल के बयान पर भाजपा ने कहा-2002 से कर रहे मोदी की छवि खराब करने की कोशिश
जोहेब मनीषा
- 21 Nov 2024, 05:41 PM
- Updated: 05:41 PM
नयी दिल्ली, 21 नवंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अमेरिकी अभियोजकों द्वारा उद्योगपति गौतम अदाणी पर रिश्वतखोरी के आरोप लगाए जाने के बाद बृहस्पतिवार को इस संबंध में राहुल गांधी के बयान को लंबे समय से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छवि खराब करने के लिए किए जा रहे प्रयासों का हिस्सा करार दिया।
भाजपा प्रवक्ता और सांसद संबित पात्रा ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए स्पष्ट किया कि जहां तक अदाणी समूह के खिलाफ आरोपों का सवाल है, तो यह कंपनी पर है कि वह स्पष्टीकरण जारी करके अपना बचाव करे।
प्रधानमंत्री और केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ राहुल के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए पात्रा ने कहा, “कानून अपना काम करेगा।”
पात्रा ने यह भी कहा कि अभियोग में उल्लिखित अवधि के दौरान जिन चार राज्यों आंध्र प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़ तमिलनाडु में अनुकूल शर्तों के बदले सरकारी अधिकारियों को कथित तौर पर 25 करोड़ अमेरिकी डॉलर से अधिक की रिश्वत दी गई थी, वहां उस समय भाजपा की सरकार नहीं थी।
एक ओर, कांग्रेस और उसके सहयोगी छत्तीसगढ़ व तमिलनाडु में सत्ता में थे, तो वहीं राष्ट्रीय स्तर पर सत्तापक्ष या विपक्ष से दूर रहे वाईएसआर कांग्रेस और बीजू जनता दल (बीजद) का क्रमशः आंध्र प्रदेश और ओडिशा पर शासन था।
भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी, उनकी मां सोनिया गांधी और कांग्रेस 2002 से मोदी की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वे सफल नहीं हुए और जिस दिन विपक्षी दल उन पर हमला कर रहा है, उसी दिन प्रधानमंत्री को विदेश में सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार मिला है।
राहुल ने संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि विपक्ष अदाणी के साथ मोदी की कथित निकटता को लेकर प्रधानमंत्री की विश्वसनीयता को खत्म करने में सफल रहा है।
कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के शासन वाले विभिन्न राज्यों में अदाणी समूह के निवेश का हवाला देते हुए, पात्रा ने कहा कि समूह ने छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल और राजस्थान में अशोक गहलोत की सरकार के दौरान क्रमश: 25 हजार करोड़ रुपये और 65 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया था।
उन्होंने कहा कि समूह ने द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) शासित तमिलनाडु में 45 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया था और हाल ही में कौशल विकास फाउंडेशन के लिए तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को 100 करोड़ रुपये का दान दिया था।
पात्रा ने कहा कि अगर अदाणी "भ्रष्ट" हैं, तो कांग्रेस सरकारें उनकी कंपनी को निवेश क्यों करने दे रही हैं।
अमेरिकी अभियोजकों ने अदाणी पर भारत में सौर ऊर्जा अनुबंध हासिल करने के लिए अनुकूल शर्तों के बदले भारतीय अधिकारियों को 25 करोड़ डॉलर (लगभग 2,100 करोड़ रुपये) की रिश्वत देने का आरोप लगाया है।
अमेरिकी अभियोजकों का आरोप है कि दी गई रिश्वत की जानकारी अमेरिकी बैंकों और निवेशकों से छिपाई गई, जिनसे अदाणी समूह ने 12 गीगावाट सौर ऊर्जा की आपूर्ति करने वाली परियोजनाओं के लिए अरबों डॉलर जुटाए थे। अमेरिकी कानून अपने निवेशकों या बाजारों से जुड़े विदेशों में भ्रष्टाचार के आरोपों को आगे बढ़ाने की अनुमति देता है।
हालांकि, अदाणी समूह ने आरोपों को खारिज किया है।
पात्रा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस मोदी के प्रधानमंत्री रहते भारतीय अर्थव्यवस्था का मजबूत होना बर्दाश्त नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि भारत अब तीसरी सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था वाला देश बनने की राह पर है।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी हर तरह के आरोप लगाकर भारतीय अर्थव्यवस्था को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं और बृहस्पतिवार को भी शेयर बाजार में गिरावट के कारण 2.5 करोड़ से अधिक निवेशकों ने अपना काफी पैसा गंवा दिया।
भाजपा नेता ने कहा कि राहुल ने राफेल विमान सौदे में कथित भ्रष्टाचार और कोविड टीकों के मुद्दे को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा था जबकि उच्चतम न्यायालय ने लड़ाकू विमानों की खरीद में रिश्वतखोरी के आरोपों को खारिज कर दिया था।
पात्रा ने कहा कि अगर गांधी को लगता है कि कोई गलत काम हुआ है तो संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाने के बजाय उन्हें अदालत का रुख करना चाहिए और मामले दर्ज कराने चाहिए।
पात्रा ने राहुल के इस दावे पर भी आपत्ति जताई कि उनकी पार्टी को न्यायपालिका का काम भी करना है। उन्होंने कहा कि यह अदालत की अवमानना है।
भाजपा नेता ने कहा कि राहुल किसी मुद्दे से जुड़े कानूनी और तकनीकी पहलुओं को नहीं समझते और केवल कुछ सलाहकारों की बताई गईं बातों को ही दोहराते हैं।
उन्होंने दावा किया कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल अब 25 नवंबर से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने पर "नाटक" शुरू करेंगे और कार्यवाही को बाधित करने व अर्थव्यवस्था को निशाना बनाने की कोशिश करेंगे।
भाषा जोहेब