श्रीलंका में 21 सदस्यीय मंत्रिमंडल ने शपथ ली, कुछ नए चेहरे भी
वैभव मनीषा
- 18 Nov 2024, 02:10 PM
- Updated: 02:10 PM
कोलंबो, 18 नवंबर (भाषा) श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायका ने सोमवार को अपनी नई सरकार में 21 सदस्यीय मंत्रिमंडल की नियुक्ति की। उन्होंने शासन प्रणाली को सुव्यवस्थित करने और करदाताओं पर बोझ कम करने के उनके चुनाव पूर्व किए गए वादे को ध्यान में रखते हुए मंत्रिमंडल में कम सदस्यों को ही जगह दी है।
श्रीलंका की सत्ता में आई दिसानायके की नेशनल पीपुल्स पॉवर (एनपीपी) जनता के लिए लागत कम करने के वास्ते एक लघु सरकार की वकालत करती रही है। सितंबर में राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद से, सरकार राष्ट्रपति सहित सिर्फ 3 मंत्रियों के साथ काम कर रही थी।
श्रीलंका के संविधान के अनुसार, 30 सदस्यीय मंत्रिमंडल की नियुक्ति का प्रावधान है।
दिसानायका ने वित्त और रक्षा विभागों को अपने पास ही रखा है, जबकि 12 नए संसद सदस्यों को प्रमुख पदों पर नियुक्त किया। उन्होंने वर्ष 2000 से सेवाएं दे रहे आठ अनुभवी सदस्यों को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी हैं। कैबिनेट में नए चेहरों में पांच प्रोफेसर भी हैं।
कैबिनेट में दो महिला सदस्य हैं जिनमें प्रधानमंत्री हरिनी अमरसूर्या के पास शिक्षा विभाग है और सरोजा सावित्री पॉलराज के पास महिला और बाल मामलों के विभाग की जिम्मेदारी है। सिंहला बहुल दक्षिण से अल्पसंख्यक तमिल पॉलराज पार्टी के लंबे संघर्ष में शामिल रही हैं।
शपथ ग्रहण समारोह की कुछ खास बातों में मत्स्य पालन मंत्री रामलिंगम चंद्रशेखरन का तमिल में शपथ लेना शामिल है, जो नई सरकार में अल्पसंख्यक समुदाय के प्रतिनिधित्व पर प्रकाश डालता है।
नई संसद की पहली बैठक बृहस्पतिवार को होगी। दिसानायके के नेतृत्व वाली एनपीपी ने बृहस्पतिवार को हुए संसदीय चुनावों में दो-तिहाई बहुमत हासिल करके जीत दर्ज की। इसने जाफना निर्वाचन क्षेत्र में भी अपना दबदबा बनाया जो देश के तमिल अल्पसंख्यकों का गढ़ है। एनपीपी ने 225 सदस्यीय विधानसभा में 159 सीटों में से दो तिहाई बहुमत के साथ लगभग 62 प्रतिशत वोट हासिल किए।
नए मंत्रिमंडल को संबोधित करते हुए दिसानायके ने कहा, ‘‘हमें दी गई बड़ी शक्ति का हम दुरुपयोग नहीं करेंगे, इसमें कोई संदेह नहीं है। हमें विश्वास है कि आप इस बात को कायम रखेंगे कि शक्ति की सीमाएं होंगी।’’
दिसानायके ने कहा कि संसद और मंत्रिमंडल में नए होने के बावजूद उनके अधिकतर सदस्य राजनीति में नए नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘सत्ता हासिल करने के लिए दशकों तक आपने हमारी लड़ाई में कड़ी मेहनत की है। चुनाव से पहले हमें हमारे सही राजनीतिक नारों और राजनीतिक रास्ते के आधार पर आंका गया था। लेकिन अब से हमें इस आधार पर आंका जाएगा कि हम अपने नारों के प्रति कितने सच्चे हैं।’’
भाषा वैभव