आप छोड़ने के एक दिन बाद कैलाश गहलोत भाजपा में शामिल हुए
सुरभि मनीषा
- 18 Nov 2024, 02:49 PM
- Updated: 02:49 PM
नयी दिल्ली, 18 नवंबर (भाषा) दिल्ली के पूर्व मंत्री कैलाश गहलोत आम आदमी पार्टी (आप) से इस्तीफा देने के एक दिन बाद सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। उन्होंने अपनी पूर्व पार्टी पर केंद्र के साथ लगातार लड़ाई करने तथा उन मूल्यों से समझौता करने का आरोप लगाया जिनकी वजह से लोग पार्टी की ओर झुकाव रखते हैं।
वह केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर एवं हर्ष मल्होत्रा, भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा, पार्टी उपाध्यक्ष बैजयंत जय पांडा और राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी सहित अन्य की उपस्थिति में भाजपा मुख्यालय में पार्टी में शामिल हुए।
पार्टी में शामिल होने के बाद मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा कि गलत धारणा बनाने का प्रयास किया जा रहा है कि आप छोड़ने का उनका निर्णय ईडी और सीबीआई के दबाव का परिणाम है।
उन्होंने कहा कि तथ्य यह है कि आप ने अपने मूल्यों से समझौता कर लिया है। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने कभी किसी के दबाव में आकर काम नहीं किया।
उन्होंने कहा कि केंद्र के साथ अच्छा रिश्ता बनाए रखना दिल्ली के विकास के लिए आवश्यक है। उन्होंने आरोप लगाया कि आप सरकार भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के साथ लगातार लड़ती रहती है।
गहलोत ने आरोप लगाया कि चाहे वह मुख्यमंत्री हों या मंत्री, सभी हर समय छोटे से छोटे मुद्दे पर केंद्र से लड़ते रहते हैं। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने उपराज्यपाल समेत केंद्र के साथ हमेशा बेहतर रिश्ता बनाए रखा।
उन्होंने कहा कि उनके जैसे लोग व्यक्तिगत महत्वकांक्षा के कारण आप में शामिल नहीं हुए थे बल्कि वे दिल्ली का विकास चाहते थे और इसी वजह से वह भाजपा में शामिल हुए हैं।
गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और एजेंडे की तारीफ की।
उन्होंने आप पर उन मूल्यों से समझौता करने का आरोप लगाया, जिनके कारण अन्ना हजारे के नेतृत्व वाले भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के बाद एक राजनीतिक दल के रूप में इसका जन्म हुआ और बड़ी संख्या में लोग इसकी ओर आकर्षित हुए।
उन्होंने कहा कि लोगों ने एक व्यक्ति और पार्टी की विचारधारा में उम्मीद देखी, लेकिन उन मूल्यों से समझौता किया गया। उनका स्पष्ट संकेत आप संयोजक अरविंद केजरीवाल की ओर था।
गहलोत ने दावा किया कि वे (आप से जुड़े लोग) ‘‘आम’’ से ‘‘खास’’ बन गए हैं।
खट्टर ने गहलोत के भाजपा में शामिल होने को राष्ट्रीय राजधानी की राजनीति में एक ‘‘अहम मोड़’’ बताया।
भाजपा को उम्मीद है कि गहलोत के पार्टी में शामिल होने से आगामी विधानसभा चुनावों में उसकी संभावनाएं बढ़ेंगी क्योंकि पार्टी का उद्देश्य आप से सत्ता हासिल करना है।
सचदेवा ने कहा कि दो बार विधायक रहे और पेशे से वकील गहलोत अपने अच्छे काम के लिए जाने जाते हैं।
पूर्व परिवहन मंत्री ने रविवार को आप छोड़ दी और आरोप लगाया कि ‘‘राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं’’ लोगों के प्रति पार्टी की प्रतिबद्धता पर हावी हो गई हैं।
आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को भेजे अपने त्यागपत्र में 50 वर्षीय नेता ने कहा, ‘‘लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने के बजाय, हम केवल अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए लड़ रहे हैं।’’
आप का प्रमुख चेहरा रहे गहलोत ने केजरीवाल पर कटाक्ष करते हुए कई मुद्दे उठाए। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री के पूर्व आधिकारिक आवास को लेकर ‘शीशमहल’ जैसे कुछ ‘अजीब’ और ‘शर्मनाक’ विवादों का जिक्र किया और कहा कि इससे सभी को संदेह होता है कि क्या ‘‘हम अब भी ‘आम आदमी’ होने में विश्वास करते हैं?’’
आप ने दावा किया था कि गहलोत का फैसला केंद्रीय एजेंसियों द्वारा उनके खिलाफ की जा रही जांच से प्रभावित है।
भाषा सुरभि