‘वोट जिहाद’ जैसी कोई चीज नहीं, यह भाजपा की चुनावी बयानबाजी: एआईएमआईएम नेता जलील
ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र मनीषा
- 12 Nov 2024, 01:39 PM
- Updated: 01:39 PM
(आदित्य वाघमारे)
छत्रपति संभाजीनगर, 12 नवंबर (भाषा) ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के उम्मीदवार इम्तियाज जलील ने मंगलवार को कहा कि ‘वोट जिहाद’ जैसी कोई चीज नहीं है बल्कि यह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की चुनावी बयानबाजी का हिस्सा है।
महाराष्ट्र की औरंगाबाद पूर्व विधानसभा सीट से उम्मीदवार जलील ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में दावा किया कि सत्तारूढ़ भाजपा, एआईएमआईएम जैसी छोटी पार्टी से डरी हुई है।
औरंगाबाद से पूर्व लोकसभा सदस्य ने यह भी कहा कि लोगों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके वोटों से भाजपा और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना को फायदा न हो।
इस सीट पर राज्य सरकार के मंत्री व भाजपा नेता अतुल सावे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे जलील ने यह भी कहा कि सत्तारूढ़ पक्ष द्वारा खेला गया ‘हिंदू-मुस्लिम’ कार्ड छत्रपति संभाजीनगर में किसी तरह की अशांति पैदा नहीं करेगा।
महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए 20 नवंबर को मतदान होना है और मतों की गिनती 23 नवंबर को होगी।
गौरतलब है कि उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को यहां दावा किया था कि चुनावी राज्य महाराष्ट्र में ‘वोट जिहाद’ शुरू हो गया है और इसका मुकाबला वोट के ‘धर्म युद्ध’ से किया जाना चाहिए।
इस टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर जलील ने कहा, ‘‘कोई जिहाद (वोट) नहीं है। भाजपा को ये शब्द पसंद हैं और जब चुनाव होते हैं तो वे इनका इस्तेमाल करते हैं। वे अपनी दुकान चलाने के लिए तीन तलाक, पाकिस्तान, मंदिर, मस्जिद, हिजाब जैसे मुद्दों का इस्तेमाल करते हैं। अब उनके पास यहां अपना कामकाज दिखाने के लिए कुछ नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वे कहते हैं ‘बंटोगे तो कटोगे’। मैं अब समझ पा रहा हूं कि देवेंद्र फडणवीस हमारे जैसी छोटी पार्टी से इतना डरते क्यों हैं। उनका पूरा भाषण हमारे खिलाफ होता है।’’
सत्तारूढ़ गठबंधन पर निशाना साधते हुए जलील ने कहा कि वे यह नहीं बताते कि वे राज्य के लिए क्या कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘वे ओवैसी (एआईएमआईएम प्रमुख) को सपने में भी देखते हैं। यह स्पष्ट है कि सभी पार्टियां कमजोर हैं और उनकी लड़ाई हमारे खिलाफ है।’’
जलील ने दावा किया कि उन्हें हराने के लिए भाजपा ने 28 मुस्लिम उम्मीदवारों को खड़ा किया है और यहां तक कि वह उनके प्रचार वाहन का खर्च भी वहन कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘आपको लग सकता है कि वे (मतदाता) बंटे हुए हैं लेकिन जब लोग वोट देने जाएंगे तो वे ‘पतंग’ (एआईएमआईएम का चुनाव चिह्न) को वोट देंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘विधानसभा चुनाव स्थानीय मुद्दों पर लड़ा जाना चाहिए, लेकिन यह ‘बंटोगे तो कटोगे’ पर लड़ा जा रहा है और प्रधानमंत्री यहां नए नारे देते हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता होने के नाते फडणवीस शहर का नाम बदलने की बात करते हैं। जब उनके पास कुछ नहीं बचता है, तो वे ऐसे विषयों को उठाते हैं।’’
एआईएमआईएम नेता ने चुनाव जीतने का भरोसा जताते हुए कहा कि उन्हें लोगों का समर्थन मिल रहा है।
साल 2019 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस बार उनकी पार्टी के कम सीटों पर चुनाव लड़ने के बारे में पूछे जाने पर जलील ने कहा कि उन्होंने काफी सोचने के बाद यह फैसला किया है क्योंकि वे नहीं चाहते कि भाजपा जीते।
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, हमने चुनाव लड़ने और उन सीटों पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया है जहां हमारे पास मजबूत उम्मीदवार हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने संदेश दिया है कि लोगों को यह देखना चाहिए कि उनके वोट से भाजपा और एकनाथ शिंदे की शिवसेना को फायदा नहीं हो।’’
जलील ने मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे से कई बार मुलाकात की थी, लेकिन चुनावों के लिए मराठा-मुस्लिम गठबंधन नहीं बन सका।
इस बारे में पूछे जाने पर जलील ने मराठा समुदाय का समर्थन मिलने का भरोसा जताया।
भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र