मोदी ने 1969 में ही मुख्यमंत्री बनने की बात कही थी: प्रधानमंत्री के बचपन के मित्र
वैभव मनीषा
- 17 Sep 2025, 11:41 AM
- Updated: 11:41 AM
वडनगर, 17 सितंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर गुजरात के मेहसाणा जिले के वडनगर निवासी और उनके बचपन के दोस्त दशरथभाई पटेल ने बताया कि मोदी ने 2001 में मुख्यमंत्री पद संभालने से तीन दशक से भी पहले 1969 में ही गुजरात के मुख्यमंत्री बनने का सपना देखा था।
प्रधानमंत्री की साधारण पृष्ठभूमि का जिक्र करते हुए, पटेल ने बताया कि कैसे मोदी स्कूल में रहते हुए वडनगर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को चाय बेचने के लिए एक डिब्बे से दूसरे डिब्बे में जाते थे, जहां उनके पिता की चाय की दुकान थी।
प्रधानमंत्री के 75वें जन्मदिन के मौके पर पटेल ने कहा, ‘‘मोदी और मैंने प्राथमिक विद्यालय से लेकर विसनगर (मेहसाणा जिले में) कॉलेज तक साथ-साथ पढ़ाई की। हम आरएसएस की शाखाओं में साथ-साथ जाते थे। मोदी और उनके दोस्त एक बार मेरे खेत पर आए थे और हम सभी ने सूरत के स्वादिष्ट व्यंजन उंधियू का आनंद लिया। हम स्कूल के नाटकों में भी हिस्सा लेते थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘1969 में, मोदी और मैं वडनगर (प्रधानमंत्री के गृहनगर) में जुड़वां बहनों और गायिकाओं, ताना और रीरी के एक छोटे और जीर्ण-शीर्ण स्मारक के पास से गुजर रहे थे। उस समय, मोदी ने मुझसे कहा था कि मुख्यमंत्री बनने के बाद वह इस स्मारक का जीर्णोद्धार करेंगे। उन्होंने कई वर्षों तक इस सपने को जीवित रखा। जब वह अंततः (2001 में) मुख्यमंत्री बने, तो उन्होंने अपना वादा निभाया और स्मारक के जीर्णोद्धार का आदेश दिया।’’
पटेल ने बताया कि उनके पिता वडनगर स्टेशन पर एक दुकान चलाते थे, जहां मोदी के पिता की चाय की दुकान थी।
पटेल ने कहा, ‘‘स्टेशन पर केवल दो ट्रेनें आती थीं, एक सुबह और दूसरी शाम को। यह तब की बात है जब हम स्कूल में थे। हाथ में केतली लिए, मोदी एक डिब्बे से दूसरे डिब्बे में जाकर रेल यात्रियों को चाय बेचते थे।’’
पटेल ने बताया कि कैसे मोदी एक बार वडनगर की शर्मिष्ठा झील से एक मगरमच्छ के बच्चे को पकड़कर घर ले आए थे, लेकिन बाद में अपनी मां हीराबा के कहने पर उसे वापस जलाशय में छोड़ दिया था।
भाषा वैभव