पाकिस्तान ने 21 दिन बाद बीएसएफ जवान को भारत को सौंपा
वैभव मनीषा
- 14 May 2025, 01:06 PM
- Updated: 01:06 PM
(जवान के उपनाम में बदलाव के साथ)
अमृतसर, 14 मई (भाषा) पाकिस्तान ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान पूर्णम कुमार शॉ को बुधवार को पंजाब में अटारी-वाघा सीमा पर भारत को सौंप दिया। उन्हें 23 अप्रैल को पाकिस्तान रेंजर्स ने पंजाब में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास से पकड़ लिया था।
बीएसएफ ने बताया कि पाकिस्तान रेंजर्स ने सुबह 10.30 बजे शॉ को अमृतसर जिले में अटारी में संयुक्त जांच चौकी पर (पाकिस्तान में वाघा सीमा के सामने) उसके हवाले कर दिया।
बीएसएफ ने शॉ की एक तस्वीर जारी की जिसमें उन्हें दाढ़ी, मूंछ और बिखरे बालों के साथ देखा जा सकता है। वह गोल गले की हरे रंग की टीशर्ट पहने हुए हैं।
बीएसएफ प्रवक्ता ने कहा, ‘‘आज सुबह 10.30 बजे कांस्टेबल पूर्णम कुमार शॉ को अटारी-वाघा सीमा पर पाकिस्तान द्वारा बीएसएफ के सुपुर्द कर दिया गया है।’’
प्रवक्ता ने कहा कि शॉ 23 अप्रैल को फिरोजपुर सेक्टर में अभियान संबंधी ड्यूटी करते हुए रात करीब 11.50 बजे अनजाने में पाकिस्तान के क्षेत्र में चले गए थे और पाक रेंजर्स ने उन्हें पकड़ लिया।
अधिकारियों ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि जवान की पूरे शरीर की जांच और मेडिकल परीक्षण किया जाएगा जिसके बाद उनकी काउंसलिंग होगी और ‘डीब्रीफिंग’ सत्र में बीएसएफ के अधिकारी उन्हें रेंजर्स द्वारा 21 दिन तक पकड़कर रखने के बारे में ‘प्रासंगिक प्रश्न’ पूछेंगे।
उन्होंने कहा कि 24वीं बीएसएफ बटालियन के इस जवान को सक्रिय ड्यूटी में शामिल नहीं किया जाएगा और वह बीएसएफ के पंजाब फ्रंटियर की आधिकारिक जांच में भी शामिल होंगे, जिसमें रेंजर्स द्वारा उन्हें पकड़े जाने के घटनाक्रम की जांच की जाएगी और खामियों का पता लगाया जाएगा।
प्रवक्ता ने कहा कि स्थापित प्रोटोकॉल के तहत शांतिपूर्ण तरीके से सीमा पर जवान को बल के सुपुर्द किया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान रेंजर्स के साथ नियमित फ्लैग बैठकों और अन्य संचार चैनलों के माध्यम से बीएसएफ के सतत प्रयासों के कारण बीएसएफ जवान की वापसी संभव हुई है।’’
शॉ को पाकिस्तान रेंजर्स ने पहलगाम आतंकी हमले के एक दिन बाद 23 अप्रैल को फिरोजपुर जिले में भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास से पकड़ा था।
अधिकारियों ने बताया कि जवान ‘किसान गार्ड’ का हिस्सा थे, जिसे सीमा पर बाड़ के पास अपनी जमीन जोतने वाले भारतीय किसानों की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था।
अधिकारियों के मुताबिक, जवान ने अंतरराष्ट्रीय सीमा को लेकर ‘गलत अनुमान’ लगाया और पास के एक पेड़ के नीचे आराम करने चले गए, जहां से उन्हें रेंजर्स ने पकड़ लिया।
शॉ पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के रिशरा के रहने वाले हैं और उनकी पत्नी बीएसएफ अधिकारियों और प्रेस से अपने पति के ठिकाने का पता लगाने और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य हमले के मद्देनजर उनकी जल्द रिहाई की मांग कर रही थीं।
भाषा वैभव