निर्यातकों के लिए 45,000 करोड़ रुपये की योजनाओं से निर्यात को मिलेगी गति, प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ेगी
रमण अजय
- 13 Nov 2025, 06:48 PM
- Updated: 06:48 PM
नयी दिल्ली, 13 नवंबर (भाषा) निर्यातकों के लिए 45,000 करोड़ रुपये से अधिक के व्यय वाली दो योजनाओं को मंजूरी दिए जाने से देश के निर्यात को बढ़ावा मिलने और वैश्विक बाजारों में घरेलू वस्तुओं की प्रतिस्पर्धी क्षमता में वृद्धि होने की उम्मीद है।
सरकार ने बुधवार को निर्यात संवर्धन मिशन (25,060 करोड़ रुपये) और ऋण गारंटी योजना (20,000 करोड़ रुपये) को मंजूरी दी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि निर्यात संवर्धन मिशन निर्यात प्रतिस्पर्धी क्षमता में सुधार करेगा, एमएसएमई, पहली बार निर्यात करने वालों और श्रम गहन क्षेत्रों की मदद करेगा।
मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘विश्व बाजार में ‘मेड इन इंडिया’ की गूंज और भी जोरदार होगी! केंद्रीय मंत्रिमंडल ने निर्यात संवर्धन मिशन (ईपीएम) को मंजूरी दे दी है, जिससे निर्यात प्रतिस्पर्धी क्षमता में सुधार होगा, एमएसएमई, पहली बार निर्यात करने वालों और श्रम-प्रधान क्षेत्रों को मदद मिलेगी।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि निर्यातकों के लिए ऋण गारंटी योजना से वैश्विक प्रतिस्पर्धी क्षमता को बढ़ावा मिलेगा और सुचारू व्यापार संचालन सुनिश्चित होगा।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल के 25,060 करोड़ रुपये के ‘निर्यात संवर्धन मिशन’ को मंजूरी देने से भारत के निर्यात क्षेत्र को मजबूती मिली है।
उन्होंने कहा, ‘‘ यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उस दृष्टिकोण की दिशा में एक मजबूत कदम है जिसके तहत भारतीय उत्पादों के वैश्वीकरण के माध्यम से निर्यात क्षेत्र को और अधिक प्रतिस्पर्धी बनायेगा एवं साथ ही युवाओं के लिए रोजगार के व्यापक अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे।’’
गृह मंत्री ने कहा कि मंत्रिमंडल ने निर्यातकों के लिए ऋण गारंटी योजना को भी मंजूरी दी है जिसके तहत निर्यातकों को 20,000 करोड़ रुपये तक की बिना किसी गारंटी के ऋण सहायता सुनिश्चित होगी।
उन्होंने कहा, ‘‘ यह ऐतिहासिक कदम नकदी प्रवाह को बढ़ावा देगा, एमएसएमई को सशक्त बनाएगा और एक हजार अरब अमेरिकी डॉलर के निर्यात लक्ष्य की ओर भारत की प्रगति को गति देगा जो ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में एक निर्णायक कदम है।’’
इस बारे में निर्यातकों ने कहा कि सरकार के निर्यात का बढावा देने के लिए मंजूर की गई 45,000 करोड़ रुपये की दो योजनाओं से उद्योग को किफायती वित्त, अनुपालन जटिलताओं और ‘ब्रांडिंग’ अंतर जैसी दीर्घकालिक चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी।
सीआईआई की राष्ट्रीय निर्यात समिति के चेयरमैन एवं पैटन इंटरनेशनल लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजय बुधिया ने कहा कि इन उपायों का उद्देश्य एमएसएमई, पहली बार निर्यात करने वाले और श्रम-प्रधान क्षेत्रों को सशक्त बनाना है ताकि वैश्विक व्यापार अनिश्चितताओं के बीच मजबूती सुनिश्चित हो सके।
बुधिया ने कहा, ‘‘ वित्तीय एवं गैर-वित्तीय हस्तक्षेपों को एकीकृत करके यह किफायती वित्त, अनुपालन जटिलताओं और ‘ब्रांडिंग’ अंतराल जैसी दीर्घकालिक चुनौतियों का समाधान करता है। साथ ही एमएसएमई के लिए नए अवसरों को खोलता है।’’
भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (फियो) के अध्यक्ष एस. सी. रल्हन ने कहा कि यह मिशन वैश्विक व्यापार गतिशीलता के लिए आवश्यक निरंतरता, मजबूती और जवाबदेही प्रदान करता है।
उन्होंने कहा, ‘‘ यह विशेष रूप से एमएसएमई को सशक्त बनाएगा जिन्हें अक्सर किफायती वित्त एवं अनुपालन सहायता प्राप्त करने में कठिनाई होती है।’’
भाषा रमण