सरकार की 45,000 करोड़ की योजनाओं से कपड़ा क्षेत्र की वृद्धि को मिलेगी गति: उद्योग
निहारिका रमण
- 13 Nov 2025, 06:18 PM
- Updated: 06:18 PM
नयी दिल्ली, 13 नवंबर (भाषा) सरकार के निर्यातकों की सहायता के लिए मंजूर की गई 45,000 करोड़ रुपये की दो योजनाओं से कपड़ा उद्योग की वृद्धि को गति के साथ वैश्विक स्तर पर क्षेत्र को प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद मिलेगी। उद्योग जगत से जुड़े लोगों ने यह बात कही।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को निर्यातकों की सहायता के लिए दो योजनाओं...निर्यात संवर्धन मिशन (25,060 करोड़ रुपये) एवं ऋण गारंटी योजना (20,000 करोड़ रुपये)... को मंजूरी दी। इस पहल का मकसद निर्यातकों को उच्च अमेरिकी शुल्क के प्रभाव से निपटने में मदद करना है।
कपड़ा क्षेत्र का प्रमुख निकाय कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्री (सिटी) के चेयरमैन अश्विन चंद्रन ने कहा, ‘‘ यह कदम सुनिश्चित करेगा कि हमारा कपड़ा एवं परिधान क्षेत्र विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन सके, मुक्त व्यापार समझौतों के माध्यम से खुलने वाले अवसरों का बेहतर लाभ उठा सके, नए बाजारों में विविधता ला सके और हमारे युवाओं के लिए अधिक एवं बेहतर गुणवत्ता वाली नौकरियों उत्पन्न हो।’’
उन्होंने कहा कि भारत के कपड़ा और परिधान क्षेत्र का बड़ा हिस्सा एमएसएमई से बना है और निर्यात संवर्धन मिशन भारत के कपड़ा एवं परिधान एमएसएमई के सामने आने वाली संरचनात्मक चुनौतियों का समाधान करेगा जिनमें से कई को आसानी से वित्त प्राप्त करना मुश्किल लगता है।
परिधान बनाने वाली कंपनी सीटीए अपैरल्स के चेयरमेन डॉ. मुकेश कंसल ने कहा, ‘‘ सरकार का सहायता पैकेज निर्यातक समुदाय के लिए समय पर उठाया गया कदम है। ऋण तक बेहतर पहुंच और एक अधिक सक्षम वित्तीय ढांचा, वैश्विक चुनौतियों के बावजूद एमएसएमई को गति बनाए रखने में मदद करेगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ कपड़ा व परिधान क्षेत्र के लिए जहां दक्षता और वित्तीय मजबूती महत्वपूर्ण है, ये उपाय विशेष रूप से प्रभावशाली हैं। यह संतुलित दृष्टिकोण इस क्षेत्र की आवश्यकताओं को लेकर एक विचारशील समझ को दर्शाता है...। इस तरह की पहल वृद्धि, निवेश और वैश्विक प्रतिस्पर्धी क्षमता के लिए एक अधिक स्थिर आधार तैयार करती है।’’
गौरतलब है कि निर्यात संवर्धन मिशन का उद्देश्य विशेष रूप से एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम), पहली बार निर्यात करने वाले और श्रम-प्रधान क्षेत्रों के लिए निर्यात प्रतिस्पर्धी क्षमता को मजबूत करना है। वहीं ऋण गारंटी योजना (सीजीएसई) निर्यातकों के लिए बिना किसी गारंटी के ऋण सहायता सुनिश्चित करेगी जिससे वैश्विक बाजार में व्यवधानों से निपटने में मदद मिलेगी।
भाषा निहारिका