कसरत की थकान से उबरने और स्वास्थ्य के लिए लोकप्रिय है ‘आइस बाथ’, लेकिन क्या कहता है विज्ञान?
प्रीति नेत्रपाल
- 12 Mar 2025, 04:37 PM
- Updated: 04:37 PM
(हंटर बेनेट और बेन सिंह, साउथ ऑस्ट्रेलिया यूनिवर्सिटी)
एडिलेड, 12 मार्च (द कन्वरसेशन) पिछले कुछ साल में ‘आइस बाथ’ का चलन तेजी से बढ़ा है। दुनिया भर में खुद को स्वस्थ रखने वाले और व्यायाम करने वाले लोग इसे अपना रहे हैं, हालांकि पहले केवल एथलीट ही इसका उपयोग करते थे।
‘आइस बाथ’ का मतलब बर्फ के छोटे-छोटे टुकड़ों से भरे पानी में नहाना है। इसमें आपको एक निश्चित समय के लिए बहुत ठंडे पानी में रहना पड़ता है।
‘आइस बाथ’ के दौरान तापमान आमतौर पर 10-15 डिग्री सेल्सियस तक होता है, हालांकि कई लोग ऐसे पानी में नहाना पसंद करते हैं, जो सचमुच बर्फीला होता है।
सोशल मीडिया पर ‘आइस बाथ’ लेने वाले कई लोगों के वीडियो उपलब्ध हैं। इन लोगों का मानना है कि ‘आइस बाथ’ कसरत की थकान से उबरने से लेकर मानसिक रूप से स्वस्थ रहने में मदद करता है।
कसरत की थकान से उबरने के लिए ‘आइस बाथ’
‘आइस बाथ’ लेने का मुख्य कारण मांसपेशियों में दर्द को कम करना और व्यायाम के बाद थकान से उबरना है। धावक, भारोत्तोलक और फुटबॉल खिलाड़ी सहित एथलीट आमतौर पर ‘आइस बाथ’ का उपयोग करते हैं। इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि ‘आइस बाथ’ लेने से कसरत के बाद होने वाली थकान को दूर किया जा सकता है।
शोध से पता चला है कि गहन व्यायाम के तुरंत बाद ‘आइस बाथ’ लेने से अगले कुछ घंटे और दिनों में मांसपेशियों का दर्द कम हो सकता है। ‘आइस बाथ’ से मांसपेशियों की ताकत, मजबूती और लचीलेपन जैसी चीजों में मदद मिल सकती है।
‘आइस बाथ’ से व्यायाम के बाद होने वाली सूजन, मांसपेशियों की सूजन और मांसपेशियों की क्षति जैसी चीजों में सुधार हो सकता है।
अगर आप ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें लगातार कई दिन तक तीव्र व्यायाम करना पड़ता है तो आपके लिए ‘आइस बाथ’ एक अच्छा विकल्प हो सकता है, लेकिन अगर आप एक एथलीट हैं तब भी हमेशा ‘आइस बाथ’ नहीं लेना चाहिए।
बार-बार ‘आइस बाथ’ लेने से (अधिकांश व्यायाम के बाद) व्यायाम के दौरान अर्जित शक्ति, सहनशक्ति और ताकत में वृद्धि के साथ मांसपेशियों की वृद्धि भी धीमी हो सकती है।
इसमें हालांकि खास बात यह है कि ‘आइस बाथ’ लेने से ‘एरोबिक फिटनेस’ को कोई नुकसान नहीं पहुंचता। इसका मतलब है कि आप ‘एरोबिक ट्रेनिंग सेशन’ के बाद जितनी बार चाहें उतनी बार ‘आइस बाथ’ ले सकते हैं।
‘आइस बाथ’ और स्वास्थ्य
हाल ही में, स्वास्थ्य के क्षेत्र में ‘आइस बाथ’ ने लोकप्रियता हासिल की है। समर्थकों का मानना है कि इससे मानसिक स्वास्थ्य और रोग प्रतिरोधक क्षमता में मदद मिलती है।
लेकिन इस क्षेत्र में बहुत कम शोध किया गया है।
हमने हाल ही में सामान्य आबादी (एथलीट को छोड़कर) में ‘आइस बाथ’ और स्वास्थ्य परिणामों पर प्रकाशित सभी शोधों की जांच की।
हमें केवल 11 अध्ययन मिले, जिनमें से कुछ में ‘आइस बाथ’ के बजाय ठंडे पानी से नहाने का प्रयोग किया गया था। सबूतों से पता चला है कि नियमित रूप से ठंडे पानी में नहाने से तनाव में थोड़ी कमी आ सकती है, नींद की गुणवत्ता और जीवन की गुणवत्ता में थोड़ा सुधार हो सकता है तथा लोगों के बीमार होने की आवृत्ति (जैसे सर्दी या फ्लू) में भी कमी आ सकती है।
क्यो कोई जोखिम है?
जनसंख्या स्तर पर ‘आइस बाथ’ के खतरों की जांच करने वाला कोई शोध उपलब्ध नहीं है, लेकिन फिर भी कुछ संभावित जोखिम हैं।
दुर्लभ मामलों में ऐसा देखा गया है कि ठंडे पानी में नहाने से ‘कोल्ड शॉक’ हो सकता है। इस स्थिति में सांस फूलना, तेजी से सांस लेने की वजह से खून में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा में कमी होना, उच्च रक्तचाप और कभी-कभी दिल की धड़कन की गति असामान्य हो सकती है और ऐसे में तुरंत उपचार न मिलने से यह घातक भी हो सकती है।
अगर आप ‘आइस बाथ’ लेना चाहते हैं तो आपकों इन बातों को ध्यान में रखना चाहिेए:
1. बहुत ज्यादा ठंडे पानी में न नहाएं: यदि आप ‘आइस बाथ’ लेना चाहते हैं तो आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि इस पानी का तापमान केवल 10 से 15 डिग्री सेल्सियस हो।
2. बहुत अधिक देर तक ‘आइस बाथ’ न लें: शोध में ‘आइस बाथ’ लेने की अवधि काफी भिन्न-भिन्न पाई गई है। कुछ अवधि तीन मिनट से भी कम होती है जबकि अन्य अवधि 30 मिनट तक होती है। हालांकि, सबसे आम समयसीमा 10-20 मिनट है जो स्वास्थ्य और व्यायाम के बाद थकान दूर करने के लिए पर्याप्त है। इसलिए आप पहली बार ‘आइस बाथ’ ले रहे हैं तो केवल 10 मिनट तक ही लें और इसे तीन से पांच मिनट में बांट दें।
(द कन्वरसेशन)
प्रीति