पीडीपी विधायक ने जम्मू कश्मीर विधानसभा में दो संगठनों पर प्रतिबंध का मुद्दा उठाया
राजकुमार नेत्रपाल
- 12 Mar 2025, 03:59 PM
- Updated: 03:59 PM
जम्मू, 12 मार्च (भाषा) पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के सदस्य वाहिद पारा ने बुधवार को विधानसभा में जम्मू-कश्मीर के दो संगठनों पर प्रतिबंध का मुद्दा उठाया और इसे हटाने की मांग की।
केंद्र सरकार ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के दो संगठनों - अवामी एक्शन कमेटी और जम्मू-कश्मीर इत्तिहादुल मुस्लिमीन पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम, 1967 के तहत पांच साल का प्रतिबंध लगा दिया था।
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही पारा ने यह मुद्दा उठाया। प्रश्नकाल शुरू होने के कारण अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर ने उन्हें बैठने का निर्देश दिया।
सदन के बाहर पारा ने पत्रकारों से कहा, ‘‘यह कदम जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक और सामाजिक-धार्मिक चीजों को संकुचित करता है। भाजपा कई वर्षों से ऐसा करने का प्रयास कर रही है।’’
प्रतिबंध की निंदा करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मीरवाइज (उमर फारूक) साहब संसद के साथ बातचीत शुरू करने वाले पहले व्यक्ति थे। उनके साथ जो व्यवहार किया गया वह खेदजनक है। हम इसका विरोध और इसकी निंदा करते हैं। हम प्रतिबंध हटाने की मांग करते हैं।’’
भाजपा की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘संसद के माध्यम से हम भाजपा सरकार से अपील करते हैं कि वह सभी संगठनों पर प्रतिबंध पर पुनर्विचार करे और उन्हें अवसर प्रदान करे। मीरवाइज का संगठन हम सभी के लिए धार्मिक महत्व का प्रतीक है। हम उनके साथ एकजुट हैं। हम धार्मिक स्वतंत्रता चाहते हैं।’’
लेकिन विपक्ष के नेता एवं विधायक सुनील शर्मा ने इन दोनों संगठनों पर प्रतिबंध का स्वागत किया।
उन्होंने विधानसभा के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘‘ये दोनों संगठन भारत की एकता को कमजोर कर रहे थे। इन संगठनों पर गृह मंत्रालय का प्रतिबंध सराहनीय है। भाजपा इस फैसले का समर्थन करती है।’’
शर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि ‘‘किसी भी व्यक्ति या संगठन को हमारे देश की अखंडता और एकता के खिलाफ काम करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।’’
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती द्वारा की जा रही आलोचना का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘पीडीपी की नींव अलगाववादी भावनाओं में निहित है। जब भी कट्टरपंथी और भारत विरोधी संगठनों का सामना किया जाता है, तो महबूबा जी दुख व्यक्त करती हैं।’’
भाषा
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