हेडगेवार स्मारक की टोह लेने के आरोपी ने जमानत के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया
खारी नेत्रपाल
- 12 Mar 2025, 08:43 PM
- Updated: 08:43 PM
नागपुर, 12 मार्च (भाषा) जैश-ए-मोहम्मद का आतंकवादी होने तथा नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) संस्थापक के स्मारक की टोह लेने के आरोपी जम्मू-कश्मीर के एक निवासी ने बंबई उच्च न्यायालय में जमानत याचिका दायर की है, जिसमें दावा किया गया है कि उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं है।
रईस अहमद शेख असदुल्ला शेख को 15 सितंबर, 2021 को नागपुर के रेशिमबाग इलाके में स्थित आरएसएस के संस्थापक डॉ. के.बी. हेडगेवार के स्मारक डॉ. हेडगेवार स्मृति मंदिर की टोह लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
निचली अदालत द्वारा जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद शेख ने 11 मार्च को उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ का रुख किया।
शेख वर्तमान में नागपुर केंद्रीय कारागार में बंद है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, शेख ने कथित तौर पर शहर के महल इलाके में स्थित आरएसएस मुख्यालय की टोह लेने की भी साजिश रची थी, लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाया।
अधिवक्ता निहालसिंह राठौड़ के माध्यम से दायर जमानत याचिका में शेख ने दावा किया कि यह साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है कि उसने किसी भी गैरकानूनी गतिविधि को अंजाम देने के लिए उपरोक्त स्थानों की टोह ली थी।
उसके वकील ने अदालत में दलील दी कि शेख का कृत्य, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के दायरे में नहीं आता।
सरकारी वकील देवेंद्र चौहान ने अदालत को बताया कि यह साबित करने के लिए पर्याप्त सामग्री है कि आरोपी शेख प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा है।
उन्होंने कहा कि शेख की गतिविधियां भविष्य में आतंकवादी हमले के लिए थीं और इसलिए इसे यूएपीए के दायरे में माना जाएगा।
चौहान ने कहा, ‘‘किसी भी आतंकवादी कृत्य को अंजाम देने से पहले की गई तैयारी (टोह) को भी आतंकवादी कृत्य ही माना जाता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उसका नागपुर आना स्वाभाविक नहीं था। आरोपी का कोई रिश्तेदार भी यहां नहीं है या व्यावसायिक उद्देश्य नहीं था और न ही कोई अन्य कारक जो यह साबित करते हो कि उसका आना स्वाभाविक था।’’
जिन ऑटोरिक्शा का शेख ने इस्तेमाल किया उनके चालकों और जिन होटल में वह ठहरा उनके कर्मचारियों के बयान की तरफ भी चौहान ने अदालत का ध्यान आकर्षित किया।
चौहान ने अदालत को यह भी बताया कि आरोपी द्वारा देश के बाहर की गई फोन कॉल से संबंधित डेटा भी उपलब्ध है।
मामले में अगली सुनवाई 17 मार्च को होगी।
पुलिस की जांच के अनुसार, शेख आरएसएस मुख्यालय को जोड़ने वाली छह गलियों की भी टोह लेना चाहता था। हालांकि, सुरक्षा के लिए तैनात बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को देखने के बाद वह गलियों में घुसने की हिम्मत नहीं कर सका।
जम्मू-कश्मीर पुलिस और खुफिया एजेंसियों से ठोस सबूत मिलने के बाद शेख के खिलाफ यूएपीए की संबंधित धाराओं के तहत कोतवाली थाने में मामला दर्ज किया गया।
भाषा
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