ममता ने शुभेंदु की टिप्पणी की निंदा की, भाजपा पर ‘फर्जी हिंदुत्व’ का आरोप लगाया
देवेंद्र नेत्रपाल
- 12 Mar 2025, 06:06 PM
- Updated: 06:06 PM
कोलकाता, 12 मार्च (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी पर मुस्लिम विधायकों के संबंध में उनकी विवादास्पद टिप्पणी को लेकर बुधवार को निशाना साधा और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर राज्य में ‘‘फर्जी हिंदुत्व’’ लाने का आरोप लगाया।
उन्होंने अल्पसंख्यकों के साथ भाजपा के व्यवहार को लेकर भी चिंता व्यक्त की और लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर करने के लिए विपक्षी पार्टी की आलोचना की।
बनर्जी की यह टिप्पणी अधिकारी के उस बयान के जवाब में आई जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि भाजपा सत्ता में आती है तो तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के मुस्लिम विधायकों को विधानसभा से ‘‘बाहर कर दिया जाएगा’’।
विधानसभा में इस मुद्दे पर बनर्जी ने कहा, ‘‘आपके आयातित हिंदू धर्म को हमारे प्राचीन वेदों या हमारे संतों का समर्थन नहीं है। आप नागरिक के तौर पर मुस्लिमों के अधिकार को कैसे नकार सकते हैं? यह फर्जीवाड़ा नहीं तो और क्या है? आप फर्जी हिंदुत्व लेकर आए हैं।’’
बनर्जी ने कहा, ‘‘मुझे हिंदू धर्म की रक्षा करने का अधिकार है लेकिन यह आपके तरीके से नहीं होगा। कृपया ‘हिंदू कार्ड’ नहीं खेलें।’’
मुख्यमंत्री ने अधिकारी के उस बयान पर भी सवाल उठाया जिसमें उन्होंने कहा था कि हिंदू आबादी तृणमूल कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर देगी। उन्होंने कहा, ‘‘आपके नेता यह कैसे कह सकते हैं कि जब मुसलमान जीतेंगे तो आप लोग उन्हें विधानसभा से बाहर कर देंगे? वे 33 प्रतिशत आबादी को कैसे खारिज कर सकते हैं?’’
बनर्जी ने मौलाना अबुल कलाम आजाद जैसे नेताओं की विरासत का हवाला देते हुए देश की नीतियों का सम्मान करने के महत्व पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘यह एक ऐसा देश है जिसकी अपनी नीतियां हैं और मैं इसके खिलाफ नहीं बोलती।’’
राज्य की धार्मिक विविधता पर प्रकाश डालते हुए बनर्जी ने कहा, ‘‘राज्य में हमारे 23 प्रतिशत आदिवासी भाई-बहन हैं, साथ ही मुस्लिमों समेत अन्य समुदाय भी हैं। हम सभी धर्मों की रक्षा और शांति को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’
उन्होंने धर्म के आधार पर लोगों के बीच विभाजन पैदा करने के किसी भी प्रयास की निंदा करते हुए कहा, ‘‘धर्म के नाम पर छल-कपट न करें। मैं उन लोगों की निंदा करती हूं जो धर्म के आधार पर लोगों को बांटते हैं। वे हिंदू और मुस्लिम की बात करते हैं लेकिन मानवता के सच्चे संदेश को नजरअंदाज करते हैं।’’
बनर्जी ने इस मौके पर यह भी स्पष्ट किया कि तृणमूल कांग्रेस ने फरहाद हाकिम, हुमायूं कबीर और मदन मित्रा समेत पार्टी के कुछ सदस्यों को ऐसी टिप्पणियां नहीं करने की सलाह दी है, जिन्हें अनुचित माना जा सकता है।
उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘यह हमारी पार्टी का आंतरिक मामला है।’’
अन्य राज्यों में शासन के संबंध में बनर्जी ने मणिपुर में भाजपा के शासन पर चिंता जताई।
उन्होंने सवाल किया, ‘‘आप मणिपुर जैसे राज्य को नहीं संभाल सकते, तो बंगाल को कैसे संभालेंगे?’’
भाजपा को कड़ा संदेश देते हुए बनर्जी ने धार्मिक असहिष्णुता के खिलाफ अपना रुख दोहराया और कहा, ‘‘हम इस सांप्रदायिक विद्वेष की निंदा करते हैं।’’
एकता के महत्व के बारे में बनर्जी ने कहा, ‘‘हम एक धर्मनिरपेक्ष, बहुलवादी राष्ट्र हैं। हर किसी को अपने अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है। बहुसंख्यकों का कर्तव्य अल्पसंख्यकों की रक्षा करना है। हमें अपने देश की संप्रभुता और धर्मनिरपेक्षता की रक्षा करनी चाहिए।’’
बनर्जी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस सभी धर्मों का सम्मान करती है और शांति एवं सद्भाव बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने धर्मनिरपेक्षता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए कहा, ‘‘मैं सभी धर्मों से प्यार करती हूं और हम किसी भी राजनीतिक दल द्वारा किसी भी समुदाय के खिलाफ नफरत फैलाने के प्रयासों की निंदा करते हैं।’’
बनर्जी ने लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार के महत्व पर जोर देते हुए अपने संबोधन का समापन किया।
उन्होंने राजनीतिक संवाद में परस्पर सम्मान का आह्वान करते हुए कहा, ‘‘मैं लोकतंत्र का सम्मान करती हूं। मैं विपक्ष से अनुरोध करती हूं कि मुझे बोलने दें। अगर आपके पास कहने के लिए कुछ है, तो कहें। आइए हम सम्मानजनक बातचीत करें। मैं यहां लोगों की सेवा करने के लिए हूं।’’
बनर्जी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के मुख्य सचेतक शंकर घोष ने कहा, ‘‘तृणमूल कांग्रेस विधानसभा में अपना दबदबा बनाना चाहती है...हमने आपकी चिंताओं को सुना है और हमें उम्मीद है कि आप अपने सिद्धांतों को नहीं छोड़ेंगी।’’
इसके बाद भाजपा ने सदन से बहिर्गमन किया और बाद में विधानसभा के बाहर धरना दिया।
भाषा
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