केरल: कॉलेज में रैगिंग का एक और मामला, छात्र ने वरिष्ठों पर ‘बेरहमी से पीटने’ का आरोप लगाया
जितेंद्र नरेश
- 18 Feb 2025, 06:24 PM
- Updated: 06:24 PM
तिरुवनंतपुरम, 18 फरवरी (भाषा) केरल के तिरुवनंतपुरम में एक सरकारी कॉलेज के छात्र ने रैगिंग का आरोप लगाते हुए दावा किया कि उसके वरिष्ठों ने उसकी बेरहमी से पिटाई की।
कार्यावत्तोम सरकारी कॉलेज में प्रथम वर्ष के बायोटेक्नोलॉजी के छात्र बिन्स जोस ने मंगलवार को बताया कि 11 फरवरी को परिसर में सात वरिष्ठ छात्रों के एक समूह ने उसकी कथित तौर पर पिटाई की, उसका उत्पीड़न किया और धमकी दी।
कोट्टायम के एक सरकारी नर्सिंग कॉलेज में एक कनिष्ठ छात्र का क्रूर तरीके से शारीरिक उत्पीड़न का मामला केरल में व्यापक जन आक्रोश का मुद्दा बना हुआ है और इसकी पृष्ठभूमि में यह नई घटना सामने आई है।
जोस ने बताया कि उसने मारपीट के दिन ही पुलिस और कॉलेज प्रशासन के समक्ष शिकायत दर्ज करा दी थी।
पीड़ित ने मंगलवार को संवाददाताओं को बताया, “यह घटना उस समय हुई जब मैं और मेरा दोस्त अभिषेक कैंपस से गुजर रहे थे। तभी वरिष्ठ छात्रों के एक समूह ने हमें रोक लिया और मुझे पीटना शुरू कर दिया। मेरा दोस्त किसी तरह वहां से भाग निकला और प्राधानाचार्य को इसकी जानकारी दी।”
पीड़ित छात्र ने वरिष्ठ छात्रों पर लाठियों और बेल्ट से पीटने का आरोप लगाया।
जोस ने उस दिन के भयावह अनुभव को याद करते हुए बताया, “इसके बाद मुझे यूनिट रूम में ले जाया गया और वहां बंद कर दिया गया। मेरी शर्ट उतार दी गई और उन्होंने मुझे घुटनों के बल बैठा दिया। जब मैंने पीने के लिए पानी मांगा, तो उनमें से एक ने आधा गिलास पानी में थूका और मुझे दे दिया।”
पीड़ित ने यह भी आरोप लगाया कि वरिष्ठ छात्रों ने उसे धमकी दी कि अगर उसने इस घटना के बारे में किसी को बताया तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। जोस ने बताया कि आरोपी छात्रों ने उसे अपने दोस्त के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए भी मजबूर किया।
कझाकुट्टम थाने के एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने 11 फरवरी को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं के तहत इस घटना के संबंध में मामला दर्ज कर लिया है, जिसमें दंगा, गलत तरीके से बंधक बनाना आदि शामिल हैं।
उन्होंने बताया, “केरल रैगिंग निषेध अधिनियम 1998 के प्रावधानों के अनुसार, पुलिस ने कॉलेज के यूनिट प्रमुख (प्रधानाचार्य) से अनुरोध किया है कि वे शिकायत के अनुसार संस्थान में कोई रैगिंग हुई है या नहीं, इसकी जांच करके हमें रिपोर्ट सौंपें।”
प्रधानाचार्य ने सोमवार को इस संबंध में एक रिपोर्ट दी, जिसमें छात्र की शिकायत में उल्लेखित मुद्दे सही होने की पुष्टि की गई।
अधिकारी ने बताया, “जैसे ही हमें रिपोर्ट मिली, हमने मामले में रैगिंग की धाराएं भी जोड़ दीं।”
उन्होंने बताया कि घटना के संबंध में एक रिपोर्ट जल्द ही अदालत को सौंपी जाएगी और कार्रवाई की जाएगी।
इस बीच, कांग्रेस नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) विपक्ष ने मंगलवार को कार्यावत्तोम के सरकारी कॉलेज में रैगिंग की घटना की कड़ी निंदा की और आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की छात्र शाखा स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के कार्यकर्ता इस घटना के पीछे हैं।
यूडीएफ के संयोजक एमएम हसन ने कहा, “एसएफआई कार्यकर्ताओं ने प्रथम वर्ष के छात्र के साथ जिस तरह का व्यवहार किया, उसे सुनकर बहुत बुरा लगा।”
उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाया कि वह शुरू में पीड़ित की शिकायत के आधार पर रैगिंग की धारा जोड़ने की इच्छुक नहीं थी।
उन्होंने एक बयान में आरोप लगाया कि एसएफआई राज्य के कॉलेज परिसरों में मादक पदार्थ के खतरे को फैलाने में मदद कर रही है।
हसन ने एसएफआई के कार्यकर्ताओं को अपराधी करार देने तथा वामपंथी संगठन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की।
भाषा जितेंद्र