एनएचआरसी महिला से बलात्कार, हत्या के प्रयास के मामले में तेलंगाना सरकार को नोटिस जारी किया
आशीष माधव
- 10 Sep 2024, 10:12 PM
- Updated: 10:12 PM
नयी दिल्ली, 10 सितंबर (भाषा) राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने मंगलवार को कहा कि उसने तेलंगाना सरकार को एक खबर पर नोटिस जारी किया है जिसमें आरोप लगाया गया कि कुमुराम भीम आसिफाबाद जिले में आदिवासी संगठनों के विरोध प्रदर्शन के बीच एक महिला से बलात्कार और हत्या के प्रयास ने ‘‘सांप्रदायिक तनाव और हिंसा’’ की स्थिति को बढ़ा दिया।
एनएचआरसी ने कहा कि खबर अगर सच है, तो यह मानवाधिकार उल्लंघन का गंभीर मुद्दा उठाती है। एनएचआरसी ने बयान में कहा कि खबर के मुताबिक कुछ दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को जला दिया गया और एक धार्मिक स्थल पर पथराव किया गया। प्रशासन को प्रभावित क्षेत्र में कर्फ्यू लगाना पड़ा और इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध लगाना पड़ा, साथ ही अतिरिक्त पुलिस बल भी तैनात किए गए। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और समुदाय के बुजुर्गों ने स्थिति को शांत किया।
एनएचआरसी ने कहा कि उसने तेलंगाना के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। मामले में प्राथमिकी, पीड़िता के स्वास्थ्य और काउंसलिंग तथा राज्य अधिकारियों द्वारा उसे दिए जाने वाले मुआवजे के बारे में भी जानकारी दो सप्ताह के भीतर देने के लिए कहा है।
पांच सितंबर को मीडिया में आई खबर के अनुसार, ऑटो-रिक्शा चालक ने महिला के शोर मचाने के कारण उसका यौन शोषण करने में विफल रहने पर उसे डंडे से मारकर हत्या करने का प्रयास किया, जिससे वह बेहोश होकर सड़क पर गिर गई। महिला को अस्पताल ले जाया गया और होश में आने के बाद उसने पुलिस को घटना के बारे में बताया।
एनएचआरसी ने झारखंड सरकार को भी एक मामले में नोटिस जारी किया है।
एनएनआरसी ने कहा कि उसने झारखंड सरकार को उन खबरों पर नोटिस जारी किया है, जिनमें कहा गया है कि प्रसव पीड़ा से गुजर रही एक गर्भवती महिला को बेहतर चिकित्सा देखभाल के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र द्वारा ‘रेफर’ किए जाने के बाद अस्पताल में लगभग 27 घंटे तक उसकी देखभाल नहीं की गई।
एनएचआरसी ने मीडिया की खबर का स्वतः संज्ञान लिया, जिसमें कहा गया कि जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल में प्रसव पीड़ा से गुजर रही एक गर्भवती महिला की लगभग 27 घंटे तक देखभाल नहीं की गई, जबकि उसे बेहतर चिकित्सा देखभाल के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र द्वारा ‘रेफर’ किया गया था।
एनएचआरसी ने झारखंड सरकार के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट में महिला के स्वास्थ्य की स्थिति और राज्य के सरकारी अस्पतालों में बेड की उपलब्धता के साथ-साथ अन्य सुविधाओं की जानकारी देने को कहा गया है। बयान में कहा गया है कि रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया जाना चाहिए कि क्या अधिकारियों द्वारा महिला के परिवार को कोई मुआवजा दिया गया है।
भाषा आशीष