‘भड़काऊ नारे न लगाएं, हथियार न लहराएं’: मुख्यमंत्री ने कांवड़ यात्रा और मुहर्रम पर्व पर निर्देश दिए
जफर खारी
- 26 Jun 2025, 12:31 AM
- Updated: 12:31 AM
लखनऊ, 25 जून (भाषा) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगामी त्योहारों के मद्देनजर सुदृढ़ कानून-व्यवस्था, सौहार्दपूर्ण वातावरण और जनसुविधाओं की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु बुधवार देर शाम शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की।
बैठक में राज्यभर के सभी पुलिस आयुक्तों, संभागीय आयुक्तों, जिलाधिकारियों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों के साथ व्यापक चर्चा की गई।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी धार्मिक आयोजन श्रद्धा, सुरक्षा और सामाजिक सद्भाव के साथ आयोजित किए जाएं तथा प्रशासनिक तंत्र पूरी संवेदनशीलता और सतर्कता के साथ काम करे।
एक बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी 11 जुलाई से नौ अगस्त तक पवित्र श्रावण मास रहेगा जिसके दौरान कांवड़ यात्रा, श्रावण शिवरात्रि, नागपंचमी और रक्षाबंधन जैसे पर्व मनाए जाएंगे और इसी अवधि में 27 जून से आठ जुलाई तक जगन्नाथ रथ यात्रा तथा 27 जून से छह-सात जुलाई तक मुहर्रम के आयोजन संभावित हैं।
मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया, ‘‘यह अवधि प्रदेश की कानून-व्यवस्था, चिकित्सा, स्वच्छता, शिक्षा और आपदा प्रबंधन के लिहाज से अत्यंत संवेदनशील है। अतः सभी संबंधित विभाग और जिला प्रशासन समन्वय के साथ जिम्मेदारीपूर्वक कार्य करें।’’
कांवड़ यात्रा के शांतिपूर्ण और गरिमामय आयोजन को लेकर मुख्यमंत्री ने विशेष निर्देश दिए।
उन्होंने कहा, ‘‘यह यात्रा आस्था, अनुशासन और उल्लास का प्रतीक है। उत्तराखंड सीमा से सटे जनपदों सहित गाजियाबाद, मेरठ, बरेली, अयोध्या, प्रयागराज, काशी, बाराबंकी और बस्ती जैसे जिले विशेष सतर्कता बरतें। अंतरराज्यीय समन्वय निरंतर बना रहना चाहिए।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यात्रा मार्ग पर डीजे, ढोल-ताशा और संगीत की ध्वनि निर्धारित मानकों के अनुरूप ही होनी चाहिए। कानफोड़ू आवाज, भड़काऊ नारे, और परंपरा से इतर रूट परिवर्तन किसी दशा में स्वीकार्य नहीं होंगे।’’
उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि किसी शोभायात्रा के लिए पेड़ काटना, झुग्गियां हटाना या गरीबों का आश्रय उजाड़ना कदापि स्वीकार्य नहीं होगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि धार्मिक यात्राओं में अस्त्र-शस्त्र का प्रदर्शन और धार्मिक प्रतीकों का राजनीतिक उपयोग सौहार्द को खंडित करने वाले तत्व हैं, जिन पर पूरी सख्ती से रोक लगनी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘सोशल मीडिया की सघन निगरानी हो और आवश्यकता पड़ने पर ड्रोन के माध्यम से निगरानी सुनिश्चित की जाए।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘कांवड़ यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटते होते हैं, जिनमें वेश बदलकर अराजक तत्वों के शामिल होने की आशंका बनी रहती है।’’
इसके मद्देनजर मुख्यमंत्री ने सभी जनपदों को सतर्क रहने का निर्देश देते हुए कहा, ‘‘थाना, हल्का और चौकी स्तर पर स्थानीय प्रशासन कांवड़ संघों के साथ संवाद बनाए रखें और सभी व्यवस्थाओं की पूर्व समीक्षा सुनिश्चित करें।’’
उन्होंने दोहराया कि श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं का सम्मान सर्वोपरि है, किंतु किसी शरारती तत्व को अवसर नहीं मिलना चाहिए।
श्रद्धालुओं की सुविधा को प्राथमिकता देते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए, ‘‘कांवड़ यात्रा मार्ग पर कहीं भी खुले में मांस आदि की बिक्री न हो। यात्रा मार्गों की स्वच्छता, रोशनी, पेयजल, शौचालय एवं प्राथमिक चिकित्सा की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। जर्जर बिजली के खंभे और लटकते तारों की मरम्मत तत्काल पूर्ण हो। शिविर लगाने वाली संस्थाओं का सत्यापन कर उनके सहयोग से जनसुविधा केंद्र संचालित किए जाएं।’’
मुख्यमंत्री ने तय कीमत से अधिक पर खाद बेचने के संबंध में प्राप्त शिकायतों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि संबंधित जिलाधिकारी औचक निरीक्षण करें और दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करें।
मुहर्रम के आयोजनों के लिए भी मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए, ‘‘विगत वर्षों में हुई दुर्घटनाओं से सबक लेते हुए इस वर्ष सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। शांति समिति एवं आयोजन समितियों से संवाद कर कार्यक्रमों को परंपरागत मार्गों पर शांतिपूर्वक संपन्न कराया जाए।’’
मुख्यमंत्री ने प्रशासन को यह भी निर्देश दिया कि कार्रवाई के लिए शासन से आदेश की प्रतीक्षा कतई न करें, तत्परता से और कानूनसम्मत कार्रवाई करें।
भाषा जफर