साइबर अपराधों से निपटने के लिए एआई का उपयोग करें एजेंसियां : अमित शाह
शफीक पवनेश
- 10 Sep 2024, 09:30 PM
- Updated: 09:30 PM
(तस्वीर सहित)
नयी दिल्ली, 10 सितंबर (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को साइबर सुरक्षा एजेंसियों से आग्रह किया कि वे साइबर अपराधों से निपटने के लिए कृत्रिम मेधा (एआई) का उपयोग करें।
उन्होंने कहा कि लोगों की गाढ़ी कमाई को ठगने, फर्जी खबरें फैलाने और महिलाओं व बच्चों के साथ ऑनलाइन दुर्व्यवहार करने वाले अपराधियों के अपराध करने के तौर-तरीकों की पहचान के लिए एजेंसियां एआई का सहारा लें।
उन्होंने यहां भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि वैश्विक डिजिटल लेन-देन में भारत की लगभग 46 प्रतिशत या लगभग आधी भागीदारी है, जिससे इन एजेंसियों का काम ‘‘चुनौतीपूर्ण’’ हो जाता है।
वर्ष 2018 में स्थापित ‘आई4सी’ गृह मंत्रालय के अंतर्गत एक विभाग है। इसका काम देश में साइबर अपराध से संबंधित सभी मुद्दों को हल करने के लिए एक राष्ट्रीय स्तर का समन्वय केंद्र स्थापित करना है।
गृह मंत्री ने कहा, ‘‘मैं आपसे आग्रह करूंगा कि आप एआई का उपयोग करके अपराधियों द्वारा अपनाए गए तौर-तरीकों की पहचान करें...इससे आपको साइबर अपराधों से लड़ने के नए तरीके खोजने में मदद मिलेगी।’’
उन्होंने कुछ आंकड़े प्रस्तुत करते हुए बताया कि देश में इंटरनेट और साइबर पहुंच किस प्रकार बढ़ी है। शाह ने कहा, ‘‘31 मार्च तक देश में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या 95 करोड़ रही, जबकि 2014 में इसी अवधि के दौरान यह संख्या 25 करोड़ थी।’’
मंत्री ने कहा कि साइबर अपराधों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए ‘आई4सी’ द्वारा बुधवार से शुरू किए जा रहे विशेष अभियान के दौरान राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन टेलीफोन नंबर ‘1930’ को लोकप्रिय बनाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें इसके (साइबर अपराध के) खिलाफ और अधिक प्रयास करने की जरूरत है... हम एक बिंदु पर पहुंच गए हैं, लेकिन लक्ष्य अभी बहुत दूर है।’’
साइबर सुरक्षा को राष्ट्रीय सुरक्षा का अभिन्न हिस्सा बताते हुए शाह ने कहा कि देश की प्रगति साइबर सुरक्षा के बिना संभव नहीं है।
शाह ने एक कार्यक्रम में यह भी कहा कि साइबर अपराध की कोई सीमा नहीं होती और इसलिए यह जरूरी है कि सभी पक्ष मिलकर इस समस्या से निपटें।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रौद्योगिकी के बढ़ते इस्तेमाल से कई तरह के खतरे भी पैदा हो रहे हैं। यही वजह है कि साइबर सुरक्षा अब सिर्फ डिजिटल दुनिया तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा का भी अहम पहलू बन गई है।’’
गृह मंत्री ने कहा कि सरकार भारत में साइबर अपराधों से निपटने के लिए अगले पांच साल में 5,000 साइबर कमांडो को प्रशिक्षित करने और उन्हें तैयार करने की योजना बना रही है।
भाषा शफीक