राहुल के सच बोलने से भाजपा का तंत्र घबरा गया है : कांग्रेस
हक माधव
- 10 Sep 2024, 06:07 PM
- Updated: 06:07 PM
नयी दिल्ली, 10 सितंबर (भाषा) कांग्रेस ने अमेरिका में राहुल गांधी की टिप्पणियों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हमले पर पलटवार करते हुए मंगलवार को कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के सच बोलने से भाजपा का पूरा तंत्र घबराया और लड़खड़ाया हुआ है।
मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि भाजपा को यह समझना चाहिए कि उसकी या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की निंदा भारत की निंदा नहीं है।
कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘भाजपा का तंत्र घबराया हुआ है और लड़खड़ा रहा है क्योंकि राहुल गांधी जी ने बिल्कुल सच बोला है। ‘‘मोदी का बुलबुला’’ फूट गया है। उनकी डर की राजनीति विफल हो गई है, और कोई भी उन्हें या उनके ‘चीयरलीडर्स के बैंड’ को गंभीरता से नहीं लेता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘राहुल जी ने बार-बार भाजपा-आरएसएस की नफरत और विभाजन की खतरनाक राजनीति के बारे में आगाह किया है। उनका पूरा मिशन सार्वजनिक जीवन में प्यार, सम्मान और विनम्रता लाना तथा इस विचार को बढ़ावा देना है कि भारत एक ऐसा देश है जहां कई विचार और पहचान सह-अस्तित्व में हैं।’’
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि भाजपा-आरएसएस इस समावेश के लिए सबसे बड़ा खतरा है।
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा के लिए अमेरिका में राहुल जी द्वारा दिए गए बयानों के बारे में शिकायत करना भी पाखंड है क्योंकि प्रधानमंत्री अपनी घिसी-पिटी बात कि '2014 से पहले 60 वर्षों में कुछ नहीं हुआ' को दोहराने का एक भी मौका नहीं चूकते, जो वास्तव में एक अपमान है।’’
वेणुगोपाल ने कहा कि भाजपा के लिए अच्छा होगा कि वह आलोचना को रचनात्मक ढंग से ले, बजाय इसके कि जब उसे आईना दिखाया जाए तो वह निरर्थक आक्रोश व्यक्त करे।
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि मुख्य विपक्षी दल के रूप में जब कांग्रेस भारत में सरकार की आलोचना करती है तो पूरी दुनिया सुनती है तथा जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘कपड़ों से पहचानने’ की बात करते हैं और हिंदू-मुसलमान करते हैं, तब भी पूरा विश्व सुनता है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘भाजपा कब से भारत हो गई कि भाजपा की निंदा करने का मतलब भारत की निंदा करना है। भाजपा या नरेन्द्र मोदी को यह गलतफहमी नहीं होनी चाहिए कि उनकी निंदा करना भारत की निंदा करना है। यह (धारणा) गलत है।’’
खेड़ा ने कहा, ‘‘भारत के राष्ट्र निर्माताओं की निंदा जब ये (प्रधानमंत्री) करते हैं तो किसकी निंदा करते हैं? उस समय हम इनकी नीतियों की निंदा करेंगे, सवाल उठाएंगे, हमारा काम है। इनको क्या आपत्ति है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक बात चुनावों की निष्पक्षता की है तो एक स्वतंत्र संस्था ने अपने आंकड़े रखे कि कैसे 79 लोकसभा सीट पर गड़बड़ हुई। अचानक वोट बढ़ जाता है, यह बात सबके सामने है।’’
खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस सत्ता में आने के बाद जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘जब हम सवाल देश में पूछते हैं, तो तब भी पूरा विश्व सुनता है, जब प्रधानमंत्री अटपटी बातें करते हैं, जब मन की बात करते हैं, जब कपड़ों से पहचानने की बात करते हैं, जब हिंदू-मुसलमान कर रहे होते हैं, तब भी पूरा विश्व सुनता है। क्या भाजपा को इतनी समझ नहीं है।’’
खेड़ा ने कहा कि भाजपा हिजाब का विरोध करती है और आज हिजाब की बात है तो कल यह बात सिखों की पगड़ी तक पहुंच सकती है।
भाजपा ने अमेरिका में सिख समुदाय के बारे में राहुल गांधी की टिप्पणी को लेकर उन पर निशाना साधते हुए कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष विदेश में ‘संवेदनशील मुद्दों’ पर बोलकर ‘खतरनाक विमर्श’ गढ़ने का प्रयास कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने यहां भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि राहुल की टिप्पणी ‘भयावह’ है, क्योंकि उन्होंने अपनी रोटियां सेकने के लिए विदेश में रह रहे सिख समुदाय के सदस्यों के बीच झूठ फैलाने की कोशिश की।
सिख समुदाय से ताल्लुक रखने वाले भाजपा नेता ने कहा, ‘‘सिखों के पगड़ी और कड़ा पहनने के बारे में उनके द्वारा की गई टिप्पणी की मैं कड़े शब्दों में निंदा करता हूं।’’
वाशिंगटन के वर्जीनिया उपनगर में हर्नडॉन में भारतीय अमेरिकी समुदाय के सैकड़ों लोगों को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) कुछ धर्मों, भाषाओं और समुदायों को अन्य की तुलना में कमतर मानता है।
उन्होंने कहा कि भारत में राजनीति के लिए नहीं, बल्कि इसी बात की लड़ाई लड़ी जा रही है।
उन्होंने कहा कि सबसे पहले आपको यह समझना होगा कि लड़ाई किस बारे में है। उन्होंने कहा कि लड़ाई राजनीति के बारे में नहीं है। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘लड़ाई इस बात की है कि क्या एक सिख को भारत में पगड़ी या कड़ा पहनने का अधिकार है या नहीं। या एक सिख के रूप में वह गुरुद्वारा जा सकते हैं या नहीं। लड़ाई इसी बात के लिए है और यह सिर्फ उनके लिए ही नहीं बल्कि सभी धर्मों के लिए है।’’
भाषा हक
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