मणिपुर में ड्रोन, मिसाइल हमले के बाद अत्याधुनिक रॉकेट के अवशेष मिले : पुलिस
शफीक नरेश
- 10 Sep 2024, 05:36 PM
- Updated: 05:36 PM
इंफाल, 10 सितंबर (भाषा) मणिपुर में हाल ही में हुए ड्रोन और हाई-टेक मिसाइल हमलों के बाद अत्याधुनिक रॉकेट के अवशेष बरामद किए गए हैं। एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
मणिपुर पुलिस ने असम राइफल्स के सेवानिवृत्त महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल पी.सी. नायर के हाल में मीडिया को दिए साक्षात्कार में किए गए इस दावे को खारिज कर दिया कि (राज्य में) हमलों में किसी ड्रोन या रॉकेट का इस्तेमाल नहीं किया गया।
नायर ने मणिपुर पुलिस को ‘‘मेइती पुलिस’’ भी कहा था, जो जातीय संघर्ष में उनकी कथित पक्षपातपूर्ण भूमिका का संकेत था।
पुलिस महानिरीक्षक (प्रशासन) के. जयंत सिंह ने पत्रकारों से कहा, ‘‘यह बयान अपरिपक्व है और ऐसा लगता है कि यह बल (असम राइफल्स) के नहीं बल्कि उनके निजी विचार हैं। हम इसे दृढ़ता से खारिज करते हैं। ड्रोन और हाई-टेक मिसाइल हमलों के सबूत हैं। ड्रोन बरामद किए गए हैं। नागरिक क्षेत्रों पर दागे गए अत्याधुनिक रॉकेटों के अवशेष बरामद किए गए हैं। ऐसे सबूतों के बावजूद, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक प्रतिष्ठित कमांडर द्वारा इस तरह का बयान दिया गया।’’
पुलिस महानिरीक्षक (अभियान) आई. के. मुइवा ने कहा, ‘‘हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि यहां कोई ‘मेइती पुलिस या कुकी पुलिस’ नहीं है बल्कि मणिपुर पुलिस है। मणिपुर पुलिस में नगा, मेइती, मणिपुरी मुस्लिम और गैर-मणिपुरी सहित विभिन्न समुदाय शामिल हैं। इस बल में ईसाई, मुस्लिम और हिंदू भी हैं।’’
तंगखुल नगा समुदाय से ताल्लुक रखने वाले मुइवा ने कहा, ‘‘यह बयान कि मणिपुर पुलिस ‘मेइती पुलिस’ है, एक संकुचित मानसिकता को दर्शाता है।’’
ड्रोन हमलों पर मुइवा ने कहा, ‘‘हमने ड्रोन बम हमलों के संबंध में आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर जानकारी साझा की है और हम इस पर कायम हैं।’’
राज्य में जारी छात्रों के विरोध-प्रदर्शन पर पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘रैली और धरना लोकतांत्रिक व्यवस्था का अभिन्न अंग हैं। हम छात्रों से अपील करते हैं कि वे हिंसा में शामिल न हों। कुछ निहित स्वार्थी समूह (हिंसा) भड़का रहे हैं और हम सोशल मीडिया मंचों पर नजर रख रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि हिंसा भड़काने वालों और छेड़छाड़ की गई तस्वीरों के साथ झूठे संदेश फैलाने वालों का दस्तावेजीकरण करने के लिए संबंधित सामग्री के ‘स्क्रीनशॉट’ लिए जा रहे हैं।
जयंत सिंह ने कहा, ‘‘संकट अब बहुत गंभीर है। अब समय आ गया है कि सीमांत क्षेत्रों में किसी भी हमले से निपटने के लिए सुरक्षा बलों की सहायता ली जाए। छात्रों के मौजूदा आंदोलन ने प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती पर मजबूर कर दिया है।’’
उन्होंने दावा किया कि ऐसे कठिन समय में, जब सीमांत क्षेत्रों में हमलों से जान-माल की रक्षा के लिए सुरक्षा बलों की आवश्यकता होती है, उपद्रवी और असामाजिक तत्व सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के लिए इस तरह के आंदोलन को अवसर के तौर पर ले रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सोमवार को थौबल में प्रदर्शनकारियों द्वारा चलाई गई गोली से एक पुलिसकर्मी घायल हो गया।
भाषा शफीक