दिल्ली सरकार जल्द ही आईएसबीटी पर बसों के लिए नयी दरें और मानदंड अधिसूचित करेगी
शुभम अमित
- 08 Sep 2024, 10:32 PM
- Updated: 10:32 PM
नयी दिल्ली, आठ सितंबर (भाषा) दिल्ली स्थित अंतरराज्यीय टर्मिनल पर कार्यकुशलता सुनिश्चित करने के लिए निजी और सरकारी बसों के लिए समान पार्किंग शुल्क, पार्किंग समय बढ़ने पर जुर्माना और फास्टैग के बिना बसों को प्रवेश नहीं देने जैसे कदमों की योजना बनायी गई है। राज निवास के अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने 31 अगस्त को कश्मीरी गेट स्थित महाराणा प्रताप आईएसबीटी का निरीक्षण किया। इसके बाद उन्होंने एक उच्चस्तरीय बैठक की, जिसमें दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत भी शामिल हुए।
परिवहन विभाग प्रतिष्ठित टर्मिनल का उपयोग करने वाली अंतरराज्यीय बसों के लिए नयी दरें और मानदंड अधिसूचित करने की तैयारी में है।
दिल्ली में तीन अंतरराज्यीय बस टर्मिनल (आईएसबीटी) हैं, जिनमें कश्मीरी गेट, आनंद विहार और सराय काले खां शामिल हैं।
राज निवास के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘उपराज्यपाल ने इस बात पर जोर देते हुए कि सुविधाओं का अधिकतम उपयोग हासिल करने के लिए दक्षता और समानता दो सबसे महत्वपूर्ण कारक हैं, सरकारी और निजी बसों के लिए समान पार्किंग दर और पार्किंग समय को समान रूप से कम करने का सुझाव दिया।"
उन्होंने कहा कि नयी योजना के अनुसार, निजी और सरकारी अंतरराज्यीय बसें आईएसबीटी पर समान पार्किंग शुल्क का भुगतान करेंगी।
अधिकारी ने कहा कि अभी तक, निजी बसों से अधिक किराया लिया जाता है। अधिकारी ने कहा कि इससे ऐसी स्थिति पैदा होती है कि उन्हें आईएसबीटी परिसरों के बाहर सड़कों पर पार्क किया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप भारी यातायात जाम होता है, इसके अलावा राज्य द्वारा संचालित बसों के लिए यात्री/राजस्व का नुकसान होता है। नये मानदंडों के तहत, बसों को 25 मिनट तक पार्किंग के लिए 500 रुपये एवं जीएसटी और 25 मिनट से 30 मिनट के बीच अधिक रुकने पर 50 रुपये एवं जीएसटी का जुर्माना देना होगा। तीस मिनट से अधिक या 35 मिनट तक खड़ी बसों पर जुर्माना के रूप में 200 रुपये एवं जीएसटी लिया जाएगा, जबकि यदि समय 35 मिनट से अधिक और 40 मिनट तक जाता है, तो जुर्माना 250 रुपये एवं जीएसटी होगा।
एक अधिकारी ने कहा कि 40 मिनट से अधिक के लिए लागू जुर्माना 300 रुपये एवं जीएसटी होगा, जबकि 45 मिनट से अधिक के लिए शुल्क वृद्धिशील आधार पर प्रति पांच मिनट 350 रुपये एवं जीएसटी होगा।
उन्होंने सक्सेना ने यह भी निर्देश दिया कि केवल ‘फास्टैग’ लगी बसों को ही टर्मिनल में प्रवेश की अनुमति दी जाए, ताकि ठीक से निगरानी सुनिश्चित हो सके। उन्होंने बताया कि टर्मिनल के बाहर फास्टैग खरीदने की सुविधा उपलब्ध होगी।
उन्होंने कहा कि अधिसूचित होने के बाद, टर्मिनल वर्तमान 1,700 के मुकाबले 3,000 बसों की इष्टतम क्षमता पर काम करने में सक्षम होंगे।
अधिकारी ने पार्किंग दरों में अंतर, पार्किंग स्थलों का खराब प्रबंधन, कर्मचारियों द्वारा टर्मिनलों को आराम करने के स्थल के रूप में इस्तेमाल करने जैसे प्रणालीगत मुद्दों को टर्मिनलों की क्षमता के कम उपयोग के लिए जिम्मेदार ठहराया।
सक्सेना, दिल्ली पुलिस और परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ, अगस्त की शुरुआत से साप्ताहिक आधार पर यातायात और परिवहन मुद्दों की समीक्षा कर रहे हैं।
उन्होंने 31 अगस्त को कश्मीरी गेट स्थित महाराणा प्रताप आईएसबीटी का निरीक्षण किया और टर्मिनल से बसों की परिचालन प्रक्रियाओं और यात्री सुविधाओं का जायजा लिया।
उन्होंने परिवहन विभाग को टर्मिनल का पूर्ण रूप से कायाकल्प सुनिश्चित करने और अंतर-राज्यीय बसों के ‘टर्नअराउंड’ समय को घटाने का निर्देश दिया था, ताकि बसों का परिचालन तेज हो और उनका संचालन बेहतर हो।
एक अधिकारी ने कहा कि नयी अधिसूचना के साथ, बसों का ‘टर्नअराउंड’ (वापसी का समय) समय कम होगा, उनका संचालन तेज होगा और उनका संचालन बेहतर होगा। अधिकारी ने कहा कि इसके परिणामस्वरूप सड़कों पर भीड़भाड़ कम होगी। उन्होंने कहा कि इस दिशा में अगला कदम आईएसबीटी परिसर और उसके आसपास स्वच्छता और बुनियादी ढांचे में सुधार करना होगा।
भाषा शुभम