प्रकृति और रोमांच पर ध्यान केंद्रित करके नए पर्यटन स्थल बनाने की जरूरत: बजाज
शुभम नरेश
- 06 Sep 2024, 06:27 PM
- Updated: 06:27 PM
छत्रपति संभाजीनगर, छह सितंबर (भाषा) पद्मश्री से सम्मानित अजीत बजाज ने कहा कि विश्व आर्थिक मंच के अनुसार भारत की प्राकृतिक विरासत विश्व स्तर पर 10वें स्थान पर है इसलिए इसका लाभ उठाने तथा प्रकृति और रोमांच पर केंद्रित नए पर्यटन स्थल बनाने की जरूरत है।
साहसिक खेलों में अपनी उपलब्धियों के लिए 2012 में पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त करने वाले बजाज ने प्रकृति की रक्षा के लिए 'टिकाऊ और सुव्यवस्थित पर्यटन' के सृजन की आवश्यकता पर भी बल दिया।
उन्होंने 'पीटीआई भाषा' से कहा, "सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक पर्यटन भारत में पर्यटन की ताकत रहे हैं। विश्व आर्थिक मंच के अनुसार भारत की प्राकृतिक विरासत दुनिया भर में सर्वश्रेष्ठ 10 में से एक है। इसमें हिमालय, रेगिस्तान, द्वीप शामिल हैं...हमारे देश में हर प्रकार का भूभाग है। इसलिए हमें इसका लाभ उठाना चाहिए और प्रकृति व रोमांच पर ध्यान केंद्रित करते हुए नए गंतव्य बनाने चाहिए।"
उन्होंने कहा, "हम युवाओं का देश हैं और उन्हें रोमांच तथ प्रकृति से जुड़ने की जरूरत है। अन्य पहलुओं को बढ़ावा देते हुए हम साहसिक पर्यटन की ओर भी देखते हैं।"
बजाज ने कहा, "हिमालय पर्वतमाला का 73 प्रतिशत हिस्सा भारत में है और यहां 7,000 किलोमीटर से अधिक समुद्र तट, द्वीप और कई अन्य चीजें हैं। हम इसे टिकाऊ बनाना चाहते हैं और इन स्थानों को (पर्यटकों से) भरना नहीं चाहते, क्योंकि प्रकृति को अच्छी तरह से प्रबंधित, योजनाबद्ध पर्यटन की आवश्यकता है।"
देश में साहसिक पर्यटन के नए चलन के बारे में बात करते हुए बजाज ने कहा, "हम दो नई चीजों पर विचार कर रहे हैं। एक है मेगा ट्रेल्स। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय दो मेगा 'वॉकिंग ट्रेल्स' बनाने पर विचार कर रहा है- जम्मू से लद्दाख होते हुए उत्तराखंड तक और गौमुख से बंगाल की खाड़ी में गंगासागर तक।"
उन्होंने कहा कि विदेशों में ऐसे ट्रेल्स हैं, जहां पर्यटक लंबी दूरी तक पैदल चल सकते हैं और रास्ते में होम स्टे में ठहर सकते हैं या फिर अपने रहने का इंतजाम खुद कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि देश भर में कई ऐसे 'ट्रेल्स' की योजना बनाई जा सकती है, जिसमें उत्तर पूर्व, पश्चिमी तट, पूर्वी तट शामिल हैं। वे इस क्षेत्र के लिए बदलाव लाने वाले साबित होंगे।
उन्होंने कहा कि हम पर्यटन मंत्रालय और सेना के साथ मिलकर सीमावर्ती पर्यटन को बढ़ावा देने पर विचार कर रहे हैं। हमारा विचार साहसिक पर्यटन के माध्यम से इन क्षेत्रों को मुख्यधारा में शामिल करना है।
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