पश्चिमी ओडिशा में उच्च न्यायालय पीठ की स्थापना सरकार के विचाराधीन: मुख्यमंत्री माझी
नेत्रपाल नरेश
- 03 Sep 2024, 04:41 PM
- Updated: 04:41 PM
भुवनेश्वर, तीन सितंबर (भाषा) ओडिशा विधानसभा को यह सूचित करने के एक दिन बाद कि राज्य में उच्च न्यायालय की पीठ का कोई औचित्य नहीं है, मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने मंगलवार को कहा कि पश्चिमी ओडिशा में संबंधित पीठ स्थापित करने का मुद्दा राज्य सरकार के ‘‘विचाराधीन’’ है।
माझी ने सदन में शून्यकाल शुरू होने से पहले विधानसभा में एक बयान में यह बात कही।
उन्होंने कहा, ‘‘पश्चिमी ओडिशा में उच्च न्यायालय की पीठ स्थापित करने का मुद्दा सरकार के विचाराधीन है।’’
यह उल्लेख करते हुए कि उनकी सरकार लोगों को शीघ्र न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है, माझी ने विधानसभा में स्पष्ट किया कि उनकी सरकार राज्य में उच्च न्यायालय की पीठ स्थापित करने के खिलाफ नहीं है।
हालाँकि, विधानसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में माझी ने सोमवार को सदन को सूचित किया था कि ‘‘उच्चतम न्यायालय के फैसले के अनुसार, राज्य के किसी भी हिस्से में उच्च न्यायालय की पीठ रखने का कोई औचित्य नहीं है।’’
विधानसभा में माझी के इस बयान से आक्रोश उत्पन्न हो गया और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों ने भी इस विचार का विरोध किया। सदन में माझी के बयान को लेकर विपक्षी बीजू जनता दल (बीजद) और कांग्रेस ने राज्य सरकार की आलोचना की है।
वरिष्ठ भाजपा विधायक और राज्य के पश्चिमी क्षेत्र के नेता जयनारायण मिश्रा ने कहा, ‘‘हमने (भाजपा) पश्चिमी ओडिशा में उच्च न्यायालय की पीठ स्थापित करने की मांग वापस नहीं ली है। मुख्यमंत्री ने उच्चतम न्यायालय के फैसले का हवाला दिया है, लेकिन राज्य की जनसंख्या में वृद्धि के साथ ही उच्च न्यायालय में मामले बढ़ रहे हैं। जब उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में भी उच्च न्यायालय की पीठ है तो ओडिशा में उच्च न्यायालय की पीठ क्यों नहीं हो सकती?’’
लिखित प्रश्न पूछने वाले बोलांगीर से बीजद विधायक कलिकेश सिंह देव ने कहा, ‘‘आज, मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि मामला विचाराधीन है। उन्हें सदन के पटल पर आश्वासन देना चाहिए कि बोलांगीर में सर्किट पीठ स्थापित की जाएगी या उच्च न्यायालय की स्थायी पीठ। उन्हें इसके साथ ही इसके लिए निर्धारित समयसीमा का भी उल्लेख करना चाहिए।’’
सिंह देव ने कहा कि संबलपुर में वकीलों से नवंबर 2022 में आंदोलन समाप्त करने के लिए कहने के साथ ही उच्चतम न्यायालय ने टिप्पणी थी कि सर्किट पीठ की मांग समय बीतने और प्रौद्योगिकी के आगमन के साथ निरर्थक हो गई है।
उन्होंने कहा, ‘‘उच्च न्यायालय की पीठ पर शीर्ष अदालत की ओर से कोई फैसला नहीं आया। प्रौद्योगिकी दूसरी पीठ या सर्किट पीठ का विकल्प नहीं है। स्थायी पीठ के लिए बोलांगीर का पहला अधिकार है क्योंकि स्वतंत्रता-पूर्व युग में यहां एक पीठ थी।’’
पश्चिमी ओडिशा के वकीलों और पश्चिमी ओडिशा में उच्च न्यायालय पीठ की स्थापना के लिए केंद्रीय समन्वय समिति के सदस्यों ने भी मुख्यमंत्री के बयान पर नाराजगी जताई थी।
मुख्यमंत्री के स्पष्टीकरण पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय समन्वय समिति के संयोजक अशोक दास ने कहा कि माझी के सामने गलत तथ्य पेश किए गए जबकि उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय पीठ की स्थापना पर कोई टिप्पणी नहीं की थी।
भाषा
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