आपदाओं के लिए स्थानीय प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली विकसित करेगा केरल : मुख्यमंत्री
नेत्रपाल माधव
- 03 Sep 2024, 04:40 PM
- Updated: 04:40 PM
तिरुवनंतपुरम, तीन सितंबर (भाषा) केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा है कि राज्य सरकार ने भविष्य में वायनाड जैसे भूस्खलन और अन्य आपदाओं से निपटने के अपने प्रयासों के तहत भूमि के वैज्ञानिक उपयोग और स्थानीय प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों पर ध्यान केंद्रित करने का निर्णय किया है।
उन्होंने कहा कि भूस्खलन पूर्वानुमान प्रणाली ‘‘प्रारंभिक’’ चरण में है और उनकी सरकार अब जलवायु परिवर्तन का अध्ययन करने के लिए केरल के संस्थानों और विभागों को बढ़ी हुई श्रमशक्ति तथा आधुनिक उपकरण प्रदान करके ‘‘मजबूत’’ करना चाहती है।
वायनाड जिले के पुंचिरीमट्टम, चूरलमाला, मुंडक्कई तथा अट्टामला में 30 जुलाई को भीषण भूस्खलन की घटना में भारी तबाही हुई और 230 से अधिक लोग मारे गए तथा मलबे और चलियार नदी से इतने ही मानव अंग बरामद हुए थे।
विजयन ने पीटीआई-भाषा के साथ सप्ताहांत में एक साक्षात्कार के दौरान कहा, ‘‘जलवायु परिवर्तन के युग में, जमीन की मजबूती एक ऐसा मामला है जिसे जमीनी हकीकत, सामाजिक आकांक्षाओं और कानून द्वारा निर्धारित सीमाओं के संबंध में संतुलित करने की आवश्यकता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जलवायु संबंधी अधिकतर आपदाओं को पूरी तरह से रोका नहीं जा सकता। हालाँकि, उनके प्रभावों को कम किया जा सकता है।’’
विजयन ने कहा, ‘‘केरल सरकार ने भूमि के वैज्ञानिक उपयोग और स्थानीय समुदाय-आधारित प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों पर ध्यान केंद्रित करने का निर्णय लिया है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि नौ तटीय जिलों में 18 स्थानीय तटीय क्षेत्रों और इडुक्की जिले के सात पर्वतीय पंचायत क्षेत्रों में राहत शिविर बनाए गए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इस संख्या को बढ़ाने की जरूरत है जिसके लिए हम एक परियोजना डिजाइन की प्रक्रिया में हैं।’’
मौसम पूर्वानुमान प्रणाली के बारे में विजयन ने कहा कि इसमें ‘‘सुधार की जरूरत है।’’
उन्होंने कहा कि केरल सरकार ने केंद्र सरकार से अधिक रडार सहित निगरानी प्रणाली बढ़ाने की मांग की है।
विजयन ने कहा, ‘‘भूस्खलन पूर्वानुमान प्रणालियाँ प्रारंभिक अवस्था में हैं। राष्ट्रीय नोडल एजेंसियों द्वारा अधिक गहन अनुसंधान करके इसे तेजी से विकसित करने की आवश्यकता होगी। इसलिए, केरल सरकार ने भारत सरकार से राष्ट्रीय एजेंसियों के स्थानीय अनुसंधान केंद्र स्थापित करने का अनुरोध किया है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि केरल ने राज्य विशिष्ट अनुसंधान के लिए जलवायु परिवर्तन अध्ययन संस्थान की स्थापना की है और उन्हें निकट भविष्य में इन संस्थानों को मजबूत करने के लिए वित्तीय सहायता की आवश्यकता है।
राज्य सरकार ने घोषणा की है कि वह वायनाड त्रासदी के पीड़ितों की आवास आवश्यकताओं के लिए एक या दो नगरों की स्थापना करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘पुनर्वास योजना केरल के विशिष्ट विकासात्मक दर्शन में निहित होगी, जो मानव-केंद्रित विकास और सामाजिक कल्याण को प्राथमिकता देगी तथा मलयाली लोगों की सामूहिक चेतना के साथ प्रतिध्वनित होगी।’’
उन्होंने कहा कि सरकार इस नीति का सफल कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए अथक परिश्रम करेगी, जिससे कि प्रभावित परिवार गरिमा के साथ अपने जीवन का पुनर्निर्माण कर सकें।
विजयन ने कहा कि वह वायनाड भूस्खलन के प्रभावित लोगों की आशंकाओं और चिंताओं को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
उन्होंने कहा कि वायनाड पर्यटकों के स्वागत के लिए ‘‘हमेशा तैयार’’ है क्योंकि इससे आजीविका बहाल करने में मदद मिलेगी और प्रभावित समुदाय के बीच सामान्य स्थिति की भावना उत्पन्न होगी।
भाषा नेत्रपाल