चिकित्सकों ने जंतर-मंतर पर कहा: केंद्रीय कानून के बिना महिला चिकित्सक सुरक्षित महसूस नहीं करेंगी
सुरेश रंजन
- 31 Aug 2024, 08:31 PM
- Updated: 08:31 PM
नयी दिल्ली, 31 अगस्त (भाषा) कोलकाता के आर जी कर चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में एक प्रशिक्षु महिला चिकित्सक के साथ कथित बलात्कार एवं हत्या की घटना के विरुद्ध प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय राजधानी के चिकित्सक शनिवार को जंतर-मंतर पर इकट्ठा हुए और कहा कि महिला स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय कानून के बिना महिला चिकित्सक कार्यस्थल पर कभी सुरक्षित महसूस नहीं कर सकेंगी।
चिकित्सकों के संगठनों ने बताया कि प्रदर्शनकारी चिकित्सक कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की पीड़ित प्रशिक्षु चिकित्सक को न्याय दिलाने एवं केंद्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा अधिनियम के क्रियान्वयन में तेजी लाने की मांग को लेकर अपराह्न तीन बजे से जंतर-मंतर पर इकट्ठा होने शुरू हुए।
प्रदर्शनकारी डॉक्टर दीपिका ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, "मैं अपनी बेटियों को यहां कभी डॉक्टर नहीं बनने दूंगी... क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि हम सभी महिला चिकित्सक अब डरी हुई हैं? हमें काम करते समय डर लगता है और हमें सुरक्षा की जरूरत है। क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि पीड़िता के साथ कार्यस्थल पर बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई?’’
उन्होंने कहा, "हम सुरक्षा चाहते हैं ताकि सभी महिला चिकित्सक बिना किसी डर के फिर से काम कर सकें।"
फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (एफएआईएमए) के अध्यक्ष रोहन कृष्णन ने कहा कि उन्होंने उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप के कारण (कुछ दिन पहले) विरोध वापस ले लिया था।
उन्होंने कहा, "...एक गिरफ्तारी के बावजूद मामले में कोई खास प्रगति नहीं हुई है। इसलिए हम अपना मौन विरोध जारी रखना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि हमारी महिला डॉक्टर और नर्स काम करते समय सुरक्षित महसूस करें और (उन्हें) न्याय मिले।"
एफएआईएमए की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि सरकार पर पीड़िता के परिजनों को न्याय दिलाने और पूरे देश में स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा के लिए लंबित केंद्रीय स्वास्थ्य देखभाल संरक्षण अधिनियम को जल्द लागू करने का दबाव डालने के वास्ते प्रदर्शन किया जाएगा।
एसोसिएशन के एक प्रवक्ता ने कहा, ''एफएआईएमए इस जघन्य कृत्य से बहुत व्यथित है, जिसने न केवल चिकित्सा बिरादरी को झकझोरकर रख दिया है, बल्कि उन चिंताजनक मुद्दों को भी उजागर किया है, जिनका सामना स्वास्थ्य पेशेवर रोजाना करते हैं।''
एफएआईएमए के संस्थापक और मुख्य सलाहकार मनीष जांगड़ा ने कहा, ''न्याय मिलने तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी।"
जांगड़ा ने बताया कि दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के आसपास के शहरों, जैसे- अलीगढ़ और रोहतक आदि के अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर्स ऑफ इंडिया (आरडीए) के सदस्य भी प्रदर्शन में शामिल होंगे।
आर जी कर अस्पताल के सेमिनार हॉल में नौ अगस्त को प्रशिक्षु महिला चिकित्सक का शव अर्धनग्न अवस्था में मिला था, जिसके बाद देशभर के रेजिडेंट चिकित्सक 12 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए थे।
उच्चतम न्यायालय में 22 अगस्त को इस मामले पर सुनवाई हुई, जिसके बाद चिकित्सकों ने हड़ताल वापस ले ली और कहा, "आरजी कर अस्पताल की घटना और चिकित्सकों की सुरक्षा के मामले में उच्चतम न्यायालय के आग्रह, आश्वासन और हस्तक्षेप के बाद हम काम पर लौट रहे हैं। हम अदालत की कार्यवाही की सराहना करते हैं और उसके निर्देशों का पालन करने का आह्वान करते हैं।''
भाषा सुरेश