बिहार में हार ‘महागठबंधन’ के लिए झटका, नतीजे उम्मीद के मुताबिक नहीं : वाम नेता
शफीक अविनाश
- 14 Nov 2025, 09:48 PM
- Updated: 09:48 PM
नयी दिल्ली, 14 नवंबर (भाषा) वामपंथी दलों ने शुक्रवार को बिहार में मिली हार को महागठबंधन के लिए एक बड़ा झटका बताया लेकिन कहा कि नतीजे जमीनी हकीकत से मेल नहीं खाते हैं।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव एम ए बेबी ने कहा कि नतीजे ‘‘काफी अप्रत्याशित’’ हैं तथा विपक्षी गठबंधन को और अधिक एकजुट प्रयासों की जरूरत है।
बेबी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘नतीजे काफी अप्रत्याशित हैं। हमारा आकलन था कि निर्वाचन आयोग के ‘दुरुपयोग’, बिहार में बेरोजगारी की स्थिति और लोकतांत्रिक शासन के अभाव पर हमने जो व्यापक अभियान चलाया था... उसे देखते हुए हम महागठबंधन की जीत की उम्मीद कर रहे थे। लेकिन अब महागठबंधन को एक बड़ा झटका लगा है।’’
उन्होंने सत्तारूढ़ राजग पर सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने, तरह-तरह की हेराफेरी करने और भारी मात्रा में धन का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।
माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य अवधेश कुमार ने कहा कि नतीजे उनकी उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहे और हार के कारणों का विश्लेषण किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि नतीजों के बावजूद जनता के मुद्दों पर वाम दल का संघर्ष जारी रहेगा।
कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हमें इस नतीजे की उम्मीद नहीं थी। हमें कारणों का विश्लेषण करना होगा, चाहे वह महिलाओं को दिए गए 10,000 रुपये हों या कोई और कारण।’’
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव डी. राजा ने कहा कि उनके प्रचार अभियान में भारी भीड़ उमड़ी थी और गठबंधन को इस बात पर गंभीरता से आत्मचिंतन करना चाहिए कि आखिर हुआ क्या।
राजा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘इंडिया गठबंधन के दलों को इस बात पर गंभीरता से आत्मचिंतन करना चाहिए कि आखिर ऐसा नतीजा क्यों आया, क्योंकि प्रचार अभियान के दौरान हमने जो देखा वह एक अलग ही नजारा था। महागठबंधन की सभी प्रचार सभाओं में लोग उमड़ रहे थे। हम भारी जनसमर्थन देख सकते थे, बिहार के युवा बदलाव की चाहत में थे।’’
भाकपा (माले) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि बिहार चुनाव के नतीजे राज्य की ज़मीनी हकीकत से मेल नहीं खाते।
चुनाव परिणाम के बारे में पूछे जाने पर भट्टाचार्य ने कहा कि यह समझ से परे है कि दो दशक से सत्ता में रही सरकार 2010 के अपने प्रदर्शन को कैसे दोहरा रही है।
भट्टाचार्य ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ये नतीजे बिल्कुल अस्वाभाविक हैं; ये बिहार की जमीनी हकीकत से बिल्कुल मेल नहीं खाते।’’
उन्होंने कहा, ‘‘दो दशक से सत्ता में रही सरकार 2010 के अपने प्रदर्शन को दोहरा रही है, यह समझ से परे है।’’
बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) 243 में से करीब 200 सीटों पर जीत हासिल कर प्रचंड बहुमत से सरकार बनाने की ओर अग्रसर है जबकि लगभग 90 प्रतिशत ‘स्ट्राइक रेट’ के साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राज्य की सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरती दिख रही है।
भाषा
शफीक