लाल किला विस्फोट: चोट, आघात और भविष्य की चिंताओं से जूझ रहे घायल
जितेंद्र पवनेश दिलीप
- 14 Nov 2025, 08:08 PM
- Updated: 08:08 PM
(नेहा मिश्रा)
नयी दिल्ली, 14 नवंबर (भाषा) दिल्ली में लाल किला के पास सोमवार शाम को हुए शक्तिशाली विस्फोट में घायल हुए लोग न सिर्फ शारीरिक जख्म, बल्कि आघात और अनिश्चित भविष्य की चिंता से भी जूझ रहे हैं।
लाल किले के पास लाल बत्ती पर धीमी गति से चलती हुई एक कार में विस्फोट की घटना में 13 लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हो गए।
हादसे में घायल लोगों में से कुछ ने अपनी आंख खो दी, तो कुछ लोग टूटी हड्डियों से लेकर खराब आर्थिक स्थिति से गुजरने को मजबूर हैं।
हादसे में घायल हुए लोग अब चोट, आघात और भविष्य की चिंताओं से जूझ रहे हैं।
इन्हीं में में से एक हैं, शाहदरा निवासी अंकुश शर्मा हैं, जो सोमवार शाम को चांदनी चौक स्थित गौरी शंकर मंदिर में दर्शन करने आए थे।
जब अंकुश दर्शन के लिए मंदिर की ओर जा रहा थे, तभी विस्फोट ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया। अंकुश (32) के भाई अंकित शर्मा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “जो कुछ हुआ उसने मेरे भाई की जिंदगी पूरी तरह बदल दी।”
उन्होंने बताया कि अंकुश की एक आंख हमेशा के लिए चली गई, उसकी हड्डी टूट गई, प्लास्टिक सर्जरी हुई है और वह फिलहाल आईसीयू में है।
अंकुश के पास ही रोहित नाम का एक कैब चालक और अपने परिवार का इकलौता कमाने वाला व्यक्ति था।
रोहित ने अपनी कैब लाल किले की पार्किंग में खड़ी की हुई थी और कुछ देर से कोई सवारी न मिलने के कारण जल्दी से खाना खाने के लिए चांदनी चौक की ओर चल पड़ा था।
विस्फोट में घायल हुए रोहित ने बताया, “मुझे भूख लगी थी, इसलिए मैं कुछ खाने के लिए बाजार गया। और फिर विस्फोट हो गया। मैं जमीन पर गिर पड़ा। सब जगह अंधेरा छा गया था।”
रोहित अपने परिवार के लिए अकेला कमाने वाला है और उसके परिवार में माता-पिता, पत्नी और आठ साल की बेटी है।
गंभीर चोटों के कारण रोहित को डर है कि ठीक होने का लंबा रास्ता उन पर आर्थिक रूप से भी भारी पड़ेगा।
उन्होंने कहा, “मेरा शरीर अभी पूरी तरह से काम नहीं कर रहा है। मुझे नहीं पता कि इसे ठीक होने में कितना समय लगेगा। मैं ही कमाने वाला अकेला सदस्य हूं...सब कुछ मुझ पर निर्भर है।”
इस घटना के बाद के हालात से जूझ रहा एक और परिवार रीता का है, जो एक रिश्तेदार से मिलने चांदनी चौक गई थी।
लौटते समय, वह अपनी घड़ी ठीक करवाने के लिए एक दुकान पर रुकी। जब वह अपनी टैक्सी का इंतजार कर रही थी, तो चालक ने उसे दूसरी तरफ आने को कहा।
जब विस्फोट हुआ, तब वह दूसरी तरफ जाने की कोशिश कर रही थी।
घटना के बाद से अस्पताल में मौजूद रीता की बहन अंजू ने कहा कि परिवार अब भी उस घटना को समझने की कोशिश कर रहा है और शुक्र है कि वह बच गई।
अंजू ने कहा, “वह (रीता) सड़क पार करने के लिए आगे बढ़ी ही थी कि सब कुछ हिल गया। वह गिर गई, और उसे लेने आया कैब चालक भी घायल हो गया।”
हादसे में बचे लोग शुक्रगुज़ार हैं कि वे बच गए, लेकिन उनके ठीक होने का सफर अभी शुरू ही हुआ है।
भाषा जितेंद्र पवनेश