कोलकाता के आईएसआई परिसर में घृणास्पद भित्तिचित्र सामने आए, संस्थान ने की निंदा
धीरज नरेश
- 13 Nov 2025, 07:38 PM
- Updated: 07:38 PM
कोलकाता, 13 नवंबर (भाषा)कोलकाता स्थित प्रतिष्ठित भारतीय सांख्यिकी संस्थान (आईएसआई) परिसर में एक धार्मिक समुदाय के खिलाफ घृणास्पद संदेश वाले भित्तिचित्र बनाने का मामला सामने आने के बाद अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को इस कृत्य की निंदा करते हुए एक नोटिस जारी किया।
दिल्ली में लाल किले के नजदीक कार में हुए विस्फोट के एक दिन बाद आईएसआई पुरुष छात्रावास के पास दो ऐसे भित्तिचित्र मिले थे। दिल्ली में हुए विस्फोट में 13 लोग मारे गए हैं।
अधिकारियों के मुताबिक एक दरवाजे पर पहले से ‘कुत्तों का परिसर में प्रवेश वर्जित है’ का नोट लगा था। उसके आगे एक समुदाय विशेष को इंगित करते हुए दो शब्द लिख दिये गए। इसी समुदाय को निशाना बनाकर लिखा गया एक ऐसा ही संदेश बगल की एक दीवार पर भी लगा था।
छात्रों और शोधकर्ताओं ने उन घृणास्पद संदेशों को लिखने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
इस कृत्य की निंदा करते हुए आईएसआई की निदेशक संघमित्रा बंद्योपाध्याय ने कहा कि संस्थान हमेशा बहुलवादी परंपराओं के साथ खड़ा रहा है और उसने अपने हितधारकों के बीच किसी भी लैंगिकता-आधारित, धार्मिक और भाषाई भेदभाव के खिलाफ शैक्षणिक और अनुसंधान उत्कृष्टता को बढ़ावा दिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम इस कृत्य में शामिल व्यक्ति या समूह का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। सेमेस्टर परीक्षाएं समाप्त होने के बाद, हम इसमें शामिल पाए गए लोगों की काउंसलिंग सहित सभी आवश्यक सुधारात्मक उपाय करेंगे।’’
बंद्योपाध्याय इस समय कोलकाता से बाहर हैं। उन्होंने कहा कि आईएसआई जैसी संस्था में ऐसा कभी नहीं हुआ है, जिसका गौरवशाली अतीत रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘भले ही कुछ गुमराह तत्वों ने यह कृत्य किया हो, लेकिन वे आईएसआई परिवार का प्रतिनिधित्व नहीं करते। यह (घृणास्पद भित्तिचित्र) एक छुटपुट घटना थी और मुझे उम्मीद है कि भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति नहीं होगी।’’
एक प्रश्न के उत्तर में निदेशक ने कहा कि इस तरह के कृत्य की निंदा करने तथा ऐसे किसी भी घृणित पोस्टर को प्रतिबंधित करने संबंधी नोटिस शीघ्र ही इस प्रतिष्ठित संस्थान के आंतरिक ग्रुप में अपलोड किया जा रहा है।
बंद्योपाध्याय ने कहा कि हालांकि जिस क्षेत्र में भित्तिचित्र बनाया गया था, वह पूरी तरह से सीसीटीवी कैमरे की जद में नहीं था, ‘‘हम (आस-पास के स्थानों से) फुटेज का विश्लेषण कर रहे हैं।’’ उन्होंने स्वीकार किया कि भित्तिचित्र बहुत ही घृणास्पद संदेश देते हैं।
निदेशक ने कहा कि भित्तिचित्रों की तस्वीरें ले ली गई हैं और अब उन्हें हटा दिया जाना चाहिए।
संस्थान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बृहस्पतिवार को अधिकारियों द्वारा आईएसआई कोलकाता समुदाय के लिए एक आंतरिक नोटिस जारी किया जा चुका है, जिसमें ‘‘किसी भी विभाजनकारी अभियान, पोस्टर के प्रदर्शन, भित्तिचित्रों या सार्वजनिक रूप से ऐसी बातों की निंदा की गई है, जिनसे नफरत फैलने की आशंका हो।’’
केंद्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अधीन कार्यरत आईएसआई के अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने दिशा-निर्देशों का उल्लंघन होने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।’’
शोधकर्ता रणदीप कुमार ने बताया कि दिल्ली में विस्फोट होने के करीब 12 घंटे बाद 11 नवंबर की सुबह पुरुष छात्रावास क्षेत्र में दो नए घृणास्पद भित्तिचित्र देखे गए।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की छात्र शाखा स्टुडेंट्स् फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने घटना पर आक्रोश व्यक्त करते हुए इसके पीछे शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की तथा उनके कृत्य को भारत की भावना और लोकाचार के विरुद्ध बताया।
एसएफआई राज्य समिति के सदस्य सुभाजीत सरकार ने ‘पीटीआई-भाषा’से कहा, ‘‘ यह चिंताजनक है कि आईएसआई जैसे प्रगतिशील परिसर के अंदर इस तरह की सांप्रदायिक नफरत फैलाई जा रही है।’’
डेमोक्रेटिक राइट्स प्रोटेक्शन एसोसिएशन (एपीडीआर) ने भी आईएसआई जैसी प्रमुख संस्था में घृणित भित्तिचित्रों पर चिंता व्यक्त की।
एपीडीआर के महासचिव रंजीत सूर ने एक बयान में कहा, ‘‘अगर कोई छात्र या शोधकर्ता इसमें संलिप्त पाया जाता है, तो उसे मनोचिकित्सक से परामर्श दिलाया जाना चाहिए। अगर कोई शिक्षण या गैर-शिक्षण कर्मचारी इसके पीछे है, तो उसे कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि संस्थान प्रशासन के समक्ष लिखित शिकायत पहले ही दर्ज करा दी गई है।
भाषा धीरज