सबरीमला सोना मामला : टीडीबी के पूर्व अध्यक्ष वासु पर महत्वपूर्ण तथ्य छिपाने का आरोप
शफीक पवनेश
- 12 Nov 2025, 10:13 PM
- Updated: 10:13 PM
पथनमथिट्टा (केरल), 12 नवंबर (भाषा) सबरीमला सोना मामले की जांच कर रही एसआईटी ने रन्नी की एक अदालत को बताया है कि त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड (टीडीबी) के पूर्व अध्यक्ष एन वासु ने बोर्ड को सौंपी अपनी रिपोर्ट में सबरीमला मंदिर से गायब हुए सोने के बारे में महत्वपूर्ण विवरण जानबूझकर छिपाए थे।
वासु, जो बोर्ड के अध्यक्ष बनने से पहले बोर्ड के आयुक्त के रूप में कार्यरत थे, को पहाड़ी मंदिर के ‘श्रीकोविल’ (गर्भगृह) के चौखटों और उसके आसपास के परिवेश से सोना गायब होने के मामले में तीसरा आरोपी बनाया गया है।
विशेष जांच दल (एसआईटी) ने कहा कि देवस्वओम आयुक्त के रूप में कार्य करते हुए कथित तौर पर यह अपराध करने वाले वासु को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया और अब वह न्यायिक हिरासत में हैं।
रिमांड रिपोर्ट के अनुसार, छह मार्च 2019 को त्रावणकोर देवस्वओम सचिव को भेजे गए एक पत्र में, वासु ने जानबूझकर इस तथ्य को छिपाया कि वस्तुओं पर पहले सोने की परत चढ़ाई गई थी और इसके बजाय उन्हें ‘‘तांबे की चादर’’ बताया।
तत्कालीन देवस्वओम बोर्ड ने रिपोर्ट को इसी रूप में अनुमोदित किया था। उस अनुमोदन के आधार पर, बोर्ड सचिव ने बाद में एक आदेश जारी किया जिसमें पहले आरोपी उन्नीकृष्णन पोट्टी को सोने की परत चढ़ाने के लिए चौखट भेजने का आदेश दिया गया।
पोट्टी ‘द्वारपालक’ (संरक्षक देवता) की मूर्तियों पर चढ़ी सोने की परत और मंदिर के श्रीकोविल की चौखटों से सोना गायब होने से संबंधित दो मामलों में आरोपी है। पोट्टी के अलावा, एसआईटी ने इस मामले में दो वरिष्ठ अधिकारियों और एक सेवानिवृत्त अधिकारी को भी गिरफ्तार किया है।
इस बीच, कांग्रेस ने केरल की वामपंथी सरकार और टीडीबी के खिलाफ अपना विरोध तेज कर दिया है और कथित रूप से सोने की चोरी में शामिल सभी लोगों को न्याय के कटघरे में लाने की मांग की है।
कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस तब तक चैन से नहीं बैठेगी जब तक कि मामले से जुड़े सभी लोगों - जिनमें वासु के कथित राजनीतिक समर्थक भी शामिल हैं - को जवाबदेह नहीं ठहराया जाता।
कांग्रेस द्वारा सचिवालय के पास आयोजित एक धरने को संबोधित करते हुए, वेणुगोपाल ने सभी संदिग्धों की गिरफ्तारी और देवस्वओम मंत्री के इस्तीफे की मांग की।
भाषा शफीक