सीबीआई ने साइबर गुलामी से जुड़े मानव तस्करी के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया
तान्या नरेश सुरेश
- 12 Nov 2025, 09:00 PM
- Updated: 09:00 PM
नयी दिल्ली, 12 नवंबर (भाषा) केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने साइबर गुलामी के लिए भारतीयों की तस्करी के सिलसिले में म्यांमा स्थित ठिकानों से दो लोगों को गिरफ्तार किया है। यह जानकारी अधिकारियों ने बुधवार को दी।
साइबर गुलामी मानव तस्करी का एक उभरता हुआ रूप है।
अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने केंद्र सरकार के प्रयासों से म्यांमा से वापस लाये गये पीड़ितों द्वारा एजेंटों की पहचान किये जाने के बाद मामले की जांच शुरू कर दी है।
एजेंसी ने इस मामले से संबंधित दो मामले दर्ज किए हैं, जिसके बाद सोयल अख्तर और मोहित गिरि को हिरासत में ले लिया गया है। इन्होंने ही कथित तौर पर पीड़ितों को राजस्थान और गुजरात से म्यांमा भेजा था।
दोनों एजेंट विदेश से लौट रहे थे, तभी उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
सीबीआई प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘‘ये मामले मानव तस्करी और गलत तरीके से बंधक बनाने के अपराधों से संबंधित हैं, जिनमें आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है।’’
सीबीआई प्रवक्ता ने कहा, ‘‘जांच के दौरान, सीबीआई ने विदेशी घोटालेबाज कम्पनियों की ओर से काम कर रहे कई एजेंटों की पहचान की। राजस्थान और गुजरात से पीड़ितों की तस्करी कर उन्हें इन कम्पनियों में लाने वाले दो एजेंटों को बचाए गए व्यक्तियों के साथ भारत लौटते हुए पाया गया, जिन्हें यहां पहुंचते ही तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया।’’
एजेंसी ने पाया है कि भोले-भाले भारतीयों को थाईलैंड के रास्ते म्यांमा में तस्करी करके बड़े पैमाने पर साइबर धोखाधड़ी के लिए समर्पित परिसरों में साइबर अपराध में शामिल होने के लिए भेजा जा रहा था, जिसमें डिजिटल गिरफ्तारी घोटाले, निवेश घोटाले और भारतीय नागरिकों सहित वैश्विक स्तर पर लोगों को निशाना बनाने वाली रोमांस धोखाधड़ी शामिल थी।
प्रवक्ता के अनुसार, ‘‘एक संगठित अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट लोगों को विदेशों में उच्च वेतन वाली नौकरियों और आकर्षक रोजगार के अवसरों के झूठे वादों के जरिये लुभाता है। भारत से बाहर ले जाने के बाद, उन्हें म्यांमा भेज दिया जाता है, जहां उन्हें गलत तरीके से बंदी बना लिया जाता है।’’
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘तस्करी के शिकार लोगों को धमकाया जाता है, बंधक बनाया जाता है और शारीरिक शोषण किया जाता है, तथा उनकी इच्छा के विरुद्ध उन्हें अवैध साइबर अपराध गतिविधियों में शामिल होने के लिए मजबूर किया जाता है। इन पीड़ितों को आमतौर पर 'साइबर गुलाम' कहा जाता है।’’
सीबीआई ने नागरिकों, विशेषकर नौकरी चाहने वाले युवाओं से अपील की थी कि वे सोशल मीडिया, ऑनलाइन विज्ञापनों या अनधिकृत एजेंटों के माध्यम से किए गए किसी भी विदेशी रोजगार प्रस्ताव के प्रति अत्यधिक सावधानी बरतें।
भाषा
तान्या नरेश