पुणे भूमि सौदा में दोहरे स्टाम्प शुल्क नोटिस पर विभाग से स्पष्टीकरण मांगेंगे: बावनकुले
अमित प्रशांत
- 12 Nov 2025, 09:00 PM
- Updated: 09:00 PM
पुणे, 12 नवंबर (भाषा) महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने बुधवार को कहा कि वह उस नोटिस पर स्पष्टीकरण मांगेंगे, जिसमें उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ से जुड़ी एक कंपनी को 42 करोड़ रुपये का दोहरा स्टाम्प शुल्क अदा करने का नोटिस भेजा गया है, जबकि जमीन का सौदा रद्द किया जा रहा है।
संयुक्त महानिरीक्षक पंजीकरण ने शुक्रवार को अमाडिया एंटरप्राइजेज एलएलपी को पुणे के मुंधवा क्षेत्र स्थित सरकारी भूमि के निरस्तीकरण विलेख पर आगे बढ़ने से पहले दोगुने स्टाम्प शुल्क का भुगतान करने के लिए नोटिस जारी किया।
राजनीतिक विवाद के बीच, जिसमें विपक्ष ने कंपनी पर 1,800 करोड़ रुपये की बहुमूल्य भूमि को 300 करोड़ रुपये में खरीदने का प्रयास करने का आरोप लगाया था, अजित पवार ने घोषणा की थी कि सौदा रद्द कर दिया गया है।
राजस्व विभाग का प्रभार संभाल रहे बावनकुले ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह सरकारी जमीन है। मैं स्टाम्प एवं पंजीकरण विभाग से स्पष्टीकरण मांगूंगा कि जब जमीन का सौदा ही रद्द हो रहा है तो अमाडिया एंटरप्राइजेज एलएलपी को करीब 42 करोड़ रुपये का दोहरा स्टाम्प शुल्क की मांग वाला नोटिस क्यों जारी किया गया। मुझे यह पता लगाना है कि 42 करोड़ रुपये किस श्रेणी में मांगे गए हैं और क्यों।’’
मंत्री ने कहा कि वह पंजीकरण महानिरीक्षक (आईजीआर) से पूछेंगे कि फर्म को नोटिस क्यों जारी किया गया।
बावनकुले ने दोहराया कि फर्म के बहुलांश भागीदार पार्थ पवार का नाम प्राथमिकी में शामिल नहीं किया गया क्योंकि यह भूमि के दस्तावेज में उल्लिखित नामों पर आधारित था।
मंत्री ने कहा कि कार्यकर्ता अंजलि दमानिया ने बुधवार को जमीन सौदे के सिलसिले में उनसे मुलाकात की। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने उनसे कहा है कि अगर उनके पास कोई सबूत है, तो वे उसे जांच समिति को सौंप सकती हैं।’’
बावनकुले ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर ली गई हैं और जमीन सौदे के मामले में जिन अधिकारियों की भूमिका सामने आई है, उन्हें निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर जांच के दौरान कुछ और अधिकारियों की भूमिका सामने आती है, तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।’’
दमानिया द्वारा अजित पवार के इस्तीफे की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए, बावनकुले ने कहा कि जांच का नेतृत्व कर रहे एसीएस विकास खरगे एक ईमानदार अधिकारी हैं और किसी भी तरह का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा कि चूंकि सभी कागजात पहले से ही समिति के पास हैं, इसलिए जांच के दौरान किसी भी तरह के हस्तक्षेप की कोई गुंजाइश नहीं है।
अमाडिया एंटरप्राइजेज से जुड़े जमीन सौदे के संबंध में हस्ताक्षरकर्ताओं और विक्रेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। हालांकि, पार्थ पवार का नाम पुलिस मामले में शामिल नहीं किया गया है, लेकिन उनके रिश्तेदार के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जो कंपनी में साझेदार हैं।
महानिरीक्षक रजिस्ट्रार कार्यालय द्वारा दर्ज करायी गई प्राथमिकी में दिग्विजय पाटिल, शीतल तेजवानी (जिन्होंने पावर ऑफ अटॉर्नी के माध्यम से जमीन के 272 'मालिकों' का प्रतिनिधित्व किया था) और उप-पंजीयक आर बी तारू के खिलाफ कथित गबन और धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है।
आलोचनाओं का सामना कर रहे अजित पवार ने घोषणा की थी कि पार्थ की कंपनी द्वारा निष्पादित बिक्री विलेख को रद्द कर दिया गया है। हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि कंपनी को लेनदेन रद्द कराने के लिए दोगुना स्टाम्प शुल्क चुकाना होगा, जो 42 करोड़ रुपये के बराबर है।
अजित पवार ने दावा किया था कि पार्थ को इस बात की जानकारी नहीं थी कि कंपनी द्वारा खरीदी गई जमीन सरकारी है।
भाषा अमित