सिद्धरमैया के मुख्यमंत्री बने रहने में क्या बुराई है: शिवकुमार
खारी नरेश
- 12 Nov 2025, 08:39 PM
- Updated: 08:39 PM
बेंगलुरु, 12 नवंबर (भाषा) कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने बुधवार को कहा कि वह और मुख्यमंत्री सिद्धरमैया एकजुटता के साथ काम कर रहे हैं और सवाल किया कि अगर मुख्यमंत्री (सिद्धरमैया) पद पर बने रहते हैं तो इसमें क्या बुराई है?
कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष शिवकुमार, मंत्री बी. जेड. जमीर अहमद खान के हालिया बयान पर यह प्रतिक्रिया दे रहे थे। खान ने कहा था कि 2028 में सिद्धरमैया के पांच साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद शिवकुमार राज्य के मुख्यमंत्री बन सकते हैं।
कांग्रेस सरकार नवंबर में अपने पांच साल के कार्यकाल का आधा पड़ाव पूरा करने जा रही है, और इसके साथ ही राज्य में मुख्यमंत्री बदलने की चर्चा जोरों पर है। कुछ लोग इस महीने को “नवंबर क्रांति” भी कह रहे हैं।
खान के बयान पर पूछे गए सवाल के जवाब में शिवकुमार ने संवाददाताओं से कहा, “बहुत खुश हूं। इसमें गलत क्या है? मुख्यमंत्री हैं, उन्हें बने रहने दीजिए। हमें कोई दुख नहीं है। हम साथ मिलकर काम कर रहे हैं। हम सब एकजुट हैं और आगे भी एकजुट रहेंगे।”
राज्य की राजनीतिक हलकों, खासकर सत्तारूढ़ कांग्रेस के भीतर कुछ समय से मुख्यमंत्री बदलने की चर्चा है। कहा जा रहा है कि सिद्धरमैया और शिवकुमार के बीच ‘‘सत्ता साझा’’ करने का एक समझौता हुआ था।
सिद्धरमैया के 15 नवंबर को प्रस्तावित नई दिल्ली दौरे के बारे में पूछे जाने पर शिवकुमार ने कहा कि वह भी राज्यसभा सदस्य और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल के एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए राष्ट्रीय राजधानी जाएंगे।
उन्होंने कहा, “मैं भी जा रहा हूं। कपिल सिब्बल मेरे वकील हैं। उन्होंने यहां और दिल्ली दोनों अदालतों में मेरा प्रतिनिधित्व किया है। उन्होंने मुझे बुलाया है और मैं भी जा रहा हूं।”
दिल्ली दौरे के दौरान बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल फेरबदल पर कांग्रेस आलाकमान के साथ कोई चर्चा होगी या नहीं, इस सवाल पर शिवकुमार ने कहा कि यह मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी है।
यह पूछे जाने पर कि क्या मुख्यमंत्री ने प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते उनसे मंत्रिमंडल विस्तार या फेरबदल के बारे में चर्चा की है, शिवकुमार ने कहा, “उन्होंने (मुख्यमंत्री ने) अभी तक मुझसे कोई चर्चा नहीं की है।”
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि वह एग्जिट पोल पर भरोसा नहीं करते। उन्होंने विश्वास जताया कि कांग्रेस और राजद से मिलकर बना महागठबंधन बिहार में सत्ता में आएगा।
उन्होंने कहा, “सभी एग्जिट पोल सच नहीं हुए हैं। मैं एक व्यावहारिक नेता हूं... मुझे बिहार की जनता पर विश्वास है।”
बिहार चुनाव परिणामों का राज्य की राजनीति पर असर पड़ने की अटकलों को खारिज करते हुए शिवकुमार ने कहा कि कर्नाटक विकास, सामाजिक बदलाव, प्रशासनिक और वित्तीय अनुशासन के मामले में एक अग्रणी राज्य है।
बिहार में छह और 11 नवंबर को दो चरणों में चुनाव हुए थे। मतगणना 14 नवंबर को होगी।
भाषा खारी