प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों को हटाने के प्रावधान वाले विधेयकों संबंधी समिति गठित, अपराजिता अध्यक्ष
हक हक अविनाश
- 12 Nov 2025, 07:56 PM
- Updated: 07:56 PM
नयी दिल्ली, 12 नवंबर (भाषा) प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को गंभीर आरोपों में लगातार 30 दिनों तक हिरासत में रहने की स्थिति में पद से हटाने के प्रावधान वाले तीन विधेयकों पर विचार के लिए बुधवार को संयुक्त समिति का गठन कर दिया गया, जिसकी अध्यक्षता भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद अपराजिता सारंगी करेंगी।
लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी बुलेटिन में कहा गया है कि 31 सदस्यीय संयुक्त समिति का गठन किया गया है तथा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सारंगी को समिति का प्रमुख नियुक्त किया है।
इस समिति में लोकसभा के 21 और राज्यसभा के 10 सदस्य शामिल हैं। विपक्ष के चार सांसद इस समिति में शामिल हैं।
संयुक्त समिति में लोकसभा के जिन 21 सदस्यों को शामिल किया गया है, उनमें भाजपा से अपराजिता सारंगी, रविशंकर प्रसाद, भर्तृहरि महताब, प्रदन बरुआ, बृजमोहन अग्रवाल, विष्णु दयाल राम, पुरुषोत्तम रुपाला और अनुराग ठाकुर शामिल हैं।
राजग के घटक जनता दल (यूनाइटेड) के लोकसभा सदस्य देवेश चंद्र ठाकुर, तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के लावु श्रीकृष्णा, शिवसेना से धैर्यशील माने, जनसेना पार्टी के बालाशौरी वल्लभनेनी, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के इंद्र हंग सुब्बा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सुनील तटकरे, जनता दल (सेक्युलर) के मल्लेश बाबू, यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल की ज्योत्सना बासुमातरी और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राजेश वर्मा को भी समिति में शामिल किया गया है।
कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस समेत कई प्रमुख विपक्ष दलों ने इस समिति में शामिल नहीं होने का फैसला किया था, हालांकि ‘इंडिया’ गठबंधन की एक घटक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) ने इस समिति का हिस्सा बनने का निर्णय लिया। राकांपा (एसपी) की लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले को इस समिति में शामिल किया गया है।
‘इंडिया’ गठबंधन से बाहर के कुछ विपक्षी दलों के नेताओं को भी इस समिति में शामिल किया गया है।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता असदुद्दीन ओवैसी, शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के राज्यसभा सदस्य निरंजन रेड्डी को भी इस समिति का हिस्सा बनाया गया है।
राज्यसभा से जिन 10 सदस्यों को समिति में जगह मिली है, उनमें भाजपा के बृजलाल, उज्ज्वल निकम, नीरज शेखर, मनन कुमार मिश्रा और के. लक्ष्मण शामिल हैं।
इसके अलावा मनोनीत राज्यसभा सदस्य सुधा मूर्ति, असम गण परिषद के वीरेंद्र प्रसाद वैश्य, अन्नाद्रमुक के सीवी शनमुगम और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के निरंजन रेड्डी को भी संयुक्त समिति में जगह दी गई है।
गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले मानसून सत्र के आखिर में विपक्ष के विरोध और हंगामे के बीच सदन में ‘संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025’, ‘संघ राज्य क्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक, 2025’ और ‘जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025’ पेश किए थे।
बाद में उनके प्रस्ताव पर सदन ने तीनों विधेयकों को संसद की संयुक्त समिति को भेजने का निर्णय लिया था।
भाषा हक हक