लाल किला विस्फोट : अल-फलाह विश्वविद्यालय के शीर्ष अधिकारी के 'मूल निवास' को लेकर जांच में जुटी पुलिस
मनीषा
- 12 Nov 2025, 04:42 PM
- Updated: 04:42 PM
इंदौर (मध्यप्रदेश), 12 नवंबर (भाषा) ‘सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल’ के खुलासे और दिल्ली विस्फोट के बाद जांच के घेरे में आए फरीदाबाद के अल-फलाह विश्वविद्यालय के एक शीर्ष अधिकारी का मूल निवास इंदौर के पास महू कस्बे में होने की सूचना सामने आने से सतर्क पुलिस जांच में जुट गई है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
हरियाणा में फरीदाबाद जिले के मुस्लिम बहुल धौज गांव में अल-फलाह विश्वविद्यालय और उसका 76 एकड़ में फैला परिसर ‘सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल’ और दिल्ली के लाल किले के पास हुए उच्च तीव्रता वाले विस्फोट के सिलसिले में तीन चिकित्सकों की गिरफ्तारी के बाद जांच के घेरे में आ गया है।
इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी में जवाद अहमद सिद्दीकी को अल-फलाह विश्वविद्यालय का चांसलर (कुलाधिपति) और अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट का चेयरमैन व प्रबंध न्यासी (मैनेजिंग ट्रस्टी) बताया गया है।
दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया से केवल 30 किलोमीटर दूर स्थित इस विश्वविद्यालय का प्रबंधन अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा किया जाता है जिसकी स्थापना 1995 में हुई थी।
मीडिया के एक तबके की खबरों के साथ ही कुछ स्थानीय लोगों का दावा है कि सिद्दीकी मूलतः महू के कायस्थ मोहल्ले के रहने वाले हैं और लगभग दो दशक पहले उनका परिवार यह कस्बा छोड़कर चला गया था।
इंदौर से करीब 25 किलोमीटर दूर महू में सेना के कुछ अहम संस्थान हैं।
महू के कायस्थ मोहल्ले में कपड़े सिलने का काम करने वाले फैयाज अहमद ने संवाददाताओं को बताया कि सिद्दीकी एक जमाने में उनके पड़ोसी रहे हैं और बचपन में उनके साथ खेला करते थे।
उन्होंने कहा,‘‘सिद्दीकी के पिता शहर काजी थे। उनके पिता का इंतकाल हुए लम्बा अरसा गुजर चुका है। सिद्दीकी को महू छोड़े 20-21 साल हो गए होंगे। इसके बाद से हमने उन्हें नहीं देखा। इस बारे में हमें कोई भी जानकारी नहीं है कि वह महू छोड़कर कहां गए थे और क्या काम करते थे?’’
अहमद के मुताबिक, सिद्दीकी महू में रहने के दौरान शेयर बाजार में निवेश से जुड़ी एक फर्म चलाते थे और अचानक यह कस्बा छोड़कर चले गए थे जिसके बाद फर्म का दफ्तर बंद हो गया।
उन्होंने कहा कि सिद्दीकी का स्थानीय लोगों से 'अच्छा व्यवहार' था।
पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) यांगचेन डोलकर भूटिया ने बताया,‘‘हमें मीडिया की खबरों के माध्यम से सिद्दीकी के महू के कथित मूल निवास के बारे में जानकारी मिली है। इस सिलसिले में जांच की जा रही है। जांच पूरी होने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।’’
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि सिद्दीकी के कथित 'महू कनेक्शन' के बारे में जारी जांच के सिलसिले में स्थानीय पुलिस, खुफिया एजेंसियों के संपर्क में है।
उन्होंने बताया कि सिद्दीकी से जुड़ी सूचनाओं की तसदीक महू में रहने वाले बुजुर्गों से करने की कोशिश की जा रही है क्योंकि युवा पीढ़ी के लोग उनके बारे में नहीं जानते।
दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास विस्फोटकों से लदी एक कार में सोमवार शाम उच्च-तीव्रता वाले विस्फोट में 12 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए थे। पुलवामा का डॉक्टर मोहम्मद उमर नबी अल-फलाह विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर था। ऐसा संदेह है कि विस्फोटकों से लदी हुंदै आई20 वही चला रहा था।
यह विस्फोट विश्वविद्यालय से जुड़े तीन चिकित्सकों सहित आठ लोगों को गिरफ्तार करने और 2,900 किलोग्राम विस्फोटक जब्त करने के कुछ घंटों बाद हुआ जिसमें जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद से जुड़े उस ‘सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल’ का खुलासा हुआ जो कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश तक फैला हुआ था।
गिरफ्तार लोगों में शामिल डॉ. मुजम्मिल गनई अल-फलाह विश्वविद्यालय में पढ़ाता था।
भाषा हर्ष रवि कांत