जेएलएन स्टेडियम को स्पोर्ट्स सिटी में बदलने का प्रस्ताव
आनन्द पंत
- 10 Nov 2025, 04:16 PM
- Updated: 04:16 PM
नयी दिल्ली, 10 नवंबर (भाषा) खेल मंत्रालय के एक सूत्र ने सोमवार को बताया कि राष्ट्रीय राजधानी स्थित प्रतिष्ठित जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम को ‘ध्वस्त’ करके एक ‘स्पोर्ट्स सिटी’ बनाई जाएगी। इसमें सभी प्रमुख खेलों के अलावा खिलाड़ियों के लिए आवास की सुविधा भी होगी। ‘स्पोर्ट्स सिटी’ में मुख्य रूप से एक बहु-खेल सुविधा के साथ प्रशिक्षण, प्रमुख आयोजनों के संचालन के लिए विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा उपलब्ध होता है।
स्टेडियम के 102 एकड़ क्षेत्र का पूरी तरह से पुनर्निर्माण किया जाएगा, लेकिन अभी तक यह योजना केवल एक प्रस्ताव है और इसलिए परियोजना की समय-सीमा और इसमें आने वाली लागत को लेकर कुछ भी तय नहीं है।
मंत्रालय के सूत्र ने कहा, ‘‘ स्टेडियम को ध्वस्त कर दिया जाएगा। स्टेडियम के अंदर स्थित सभी कार्यालय, जिनमें राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) और राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला (एनडीटीएल) शामिल हैं, स्थानांतरित कर दिए जाएंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ वर्तमान में इसके अंतर्गत आने वाली 100 एकड़ से अधिक भूमि का उपयोग पूर्ण रूप से नहीं हो पा रहा है। स्पोर्ट्स सिटी यह सुनिश्चित करेगी कि हमारे पास प्रमुख खेलों के लिए मेजबानी की सुविधाएं, प्रशिक्षण सुविधाएं, प्रतिस्पर्धा करते समय एथलीटों के लिए आवास की व्यवस्था हो और यहां तक कि मनोरंजन जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध हों।’’
इस स्टेडियम में भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) का मुख्यालय भी है, जो इस स्थल का संचालक भी है। यहां सरकार की प्रमुख खेलो इंडिया परियोजना का कार्यालय भी है।
स्पोर्ट्स सिटी परियोजना के लिए शहरी विकास मंत्रालय सहित कई मंत्रालयों और विभागों के बीच तालमेल की आवश्यकता होगी। प्रक्रिया लंबी होने के कारण, इसकी तत्काल शुरुआत की संभावना कम है।
सूत्र ने कहा, ‘‘यह अभी एक विचार है, लेकिन देखते हैं कि व्यवहार्यता अध्ययन कैसे काम करता है। मंत्रालय हालांकि इसे आगे बढ़ाने को लेकर बहुत गंभीर है।’’
इसके तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने के लिए कतर और ऑस्ट्रेलिया स्थिति स्पोर्ट्स सिटी का मूल्यांकन किया जा रहा है। खेल मंत्री मनसुख मांडविया हाल ही में दोहा में थे और विश्वसनीय जानकारी के अनुसार उन्होंने वहां स्पोर्ट्स सिटी का दौरा किया था।
दोहा स्पोर्ट्स सिटी 617 एकड़ में फैली हुई है। इसमें एक अकादमी के अलावा फुटबॉल, जलक्रीडा और 13 विभिन्न इंडोर खेलों की सुविधाएं हैं। इसमें एक विशेष ऑर्थोपेडिक और स्पोर्ट्स मेडिसिन अस्पताल भी है।
ऑस्ट्रेलिया की बहुउद्देशीय सुविधाओं में मेलबर्न स्थित डॉकलैंड्स स्टेडियम शामिल है, जो क्रिकेट, ऑस्ट्रेलियाई फुटबॉल, रग्बी और फुटबॉल की मेजबानी कर सकता है।
अहमदाबाद का सरदार वल्लभभाई पटेल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स इसका एक उदाहरण है, जहां क्रिकेट, जलक्रीड़ा, टेनिस और एथलेटिक्स आदि के लिए सुविधाएं उपलब्ध हैं। यह लगभग 250 एकड़ में फैला हुआ है और इसके निर्माण में लगभग 4600 करोड़ रुपये की लागत आयी थी।
यह शहर वर्तमान में 2036 के ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए दावेदारी पेश कर रहा है और इसी महीने के अंत में 2030 के राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी भी इसी शहर को मिलने वाली है।
सूत्र ने बताया, ‘‘जेएलएन परियोजना भी बड़े पैमाने पर होगी। इस परियोजना से यह सुनिश्चित होगा कि जेएलएन के अंदर जो मौजूदा बुनियादी ढांचा जर्जर हो रहा है, उसका पुनर्निर्माण हो सके।’’
जेएलएन स्टेडियम का निर्माण 1982 में आयोजित एशियाई खेलों के लिए किया गया था। इसने बाद में 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी की, जिसके लिए इसे 900 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से पुनर्निर्मित किया गया था।
इस स्टेडियम ने हाल ही में विश्व पैरा-एथलेटिक्स चैंपियनशिप की मेजबानी की। इसके लिए इसमें मोंडो ट्रैक बिछा कर एक और नवीनीकरण किया गया। मोंडो ट्रैक एथलेटिक्स के लिए तेज सतह माना जाता है जो चोट के जोखिम को कम करता है।
इस स्टेडियम में एथलेटिक्स की सुविधाओं के साथ एक फुटबॉल पिच भी है जहां राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के मैच आयोजित किए गए हैं। इसने 1984 और 1991 में कुछ क्रिकेट एकदिवसीय मैचों की भी मेजबानी की है, लेकिन तकनीकी कारणों से आईसीसी ने इसे खेल के लिए अनुपयुक्त करार दिया था।
इस स्टेडियम का उपयोग गैर-खेल व्यावसायिक गतिविधियों के लिए भी किया जाता है और यहां नियमित रूप से भारतीय और अंतरराष्ट्रीय गायकों के संगीत कार्यक्रम आयोजित होते रहते हैं।
भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) ने हाल ही में ऐसे आयोजनों के लिए बुकिंग शुल्क में वृद्धि की है और ऐसे कार्यक्रमों के समापन पर स्टेडियम को अच्छी स्थिति में वापस न करने पर जुर्माने का प्रावधान भी रखा है।
भाषा आनन्द