तमिलनाडु के चिकित्सक को रूसी हवाई अड्डे पर रोका गया, पत्नी ने केंद्र और राज्य सरकार से मदद मांगी
राखी नरेश
- 09 Nov 2025, 04:54 PM
- Updated: 04:54 PM
चेन्नई, नौ नवंबर (भाषा) तमिलनाडु के तिरुवल्लूर जिले के एक चिकित्सक के लिए रूस की यात्रा रोचक अनुभव बनने के बजाय परेशानी में बदल गई, जब उसे इस साल सितंबर में सोची में रूसी अधिकारियों द्वारा कथित रूप से हिरासत में ले लिया गया।
डॉ. के. जगदीश्वरन की पत्नी ने केंद्र और राज्य सरकार से हस्तक्षेप करने और उनके पति को सुरक्षित भारत लाने में मदद की अपील की है।
रूस में जगदीश्वरन के साथ हुई घटना का ब्यौरा देते हुए, उनकी पत्नी यामिनी ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि उन्हें बिना वजह हिरासत में लेकर प्रताड़ित और अपमानित किया गया और उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया। हालांकि अब उन्हें हिरासत से रिहा कर दिया गया है लेकिन उनके पास मॉस्को जाने के लिए आवश्यक दस्तावेज नहीं हैं जिनकी सहायता से वह भारत लौट सकें।
उन्होंने बताया कि जगदीश्वरन ने 2022 में आर्मेनियाई विश्वविद्यालय से चिकित्सा में डिग्री प्राप्त की थी और तब से वे दोनों आर्मेनिया में रह रहे हैं।
उन्होंने बताया कि दोनों की एक बच्ची है और वे इस वर्ष अगस्त में तमिलनाडु में अपने परिवार से मिलने जाना चाहते थे।
उन्होंने रविवार को 'पीटीआई-भाषा' से एक संक्षिप्त बातचीत में कहा, "चूंकि मेरे पति आर्मेनिया के एक अस्पताल में कार्यरत हैं, इसलिए हम 2022 से वहीं रह रहे थे। हमारी शादी को तीन साल हो गए हैं। हम तमिलनाडु में अपने परिवारों से मिलना चाहते थे और अगस्त में यहां आ गए। मैं चेन्नई से हूं जबकि जगदीश्वरन तिरुवल्लूर से हैं। हमारी यात्रा के दौरान, मेरे पति के मित्र शेखर मणिकंडन ने जगदीश्वरन से अनुरोध किया कि वह उनके साथ रूस चलें क्योंकि वह रूसी भाषा में अच्छी तरह से बातचीत कर सकते हैं।"
उन्होंने बताया कि उनका मित्र रूस में एक शैक्षिक परामर्श कंपनी चलाता है और वह चाहता था कि जगदीश्वरन पर्यटक वीजा के तहत उसके साथ चलें।
उन्होंने कहा, "वे 15 सितंबर को चेन्नई से रवाना हुए और सोची हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद यह परेशानी शुरू हो गई।"
उन्होंने बताया कि आव्रजन अधिकारी उन्हें पूछताछ के लिए हवाई अड्डे से ले गए।
उन्होंने बताया कि मेरे पति का पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज देखने के बाद और यह पता चलने पर कि जगदीश्वरन रूसी भाषा में अच्छी तरह से बातचीत कर सकते हैं, आव्रजन अधिकारियों ने उन्हें और उनके मित्र को 16 सितंबर को सोची हवाई अड्डे पर हिरासत में ले लिया।
हालांकि, अधिकारियों ने शेखर मणिकंडन को एक हफ्ते बाद रिहा कर दिया और उसे वापस भारत भेज दिया गया, जबकि जगदीश्वरन को वापस नहीं आने दिया गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि बाद में पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया और कहा कि उन्होंने आव्रजन अधिकारियों के साथ सहयोग नहीं किया।
उन्होंने कहा, "आव्रजन अधिकारियों ने मुझे बताया है कि मेरे पति ने उनके आदेशों की अवहेलना की और उनके सवालों का जवाब नहीं दिया। इसीलिए उन्होंने मेरे पति को हिरासत में लिया लेकिन यह सच नहीं है।"
यामिनी ने बताया कि सोची में एक महिला वकील को उनके मुकदमें का प्रतिनिधित्व करने के लिए बुलाने के बाद जगदीश्वरन को रिहा कर दिया गया और उन्हें केवल उनका पासपोर्ट दिया गया।
उन्होंने कहा, "फिलहाल एक रूसी वकील उनका मामला देख रहे है जिन्हें हमने नियुक्त किया है। मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास ने हमें सूचित किया है कि उन्हें सुरक्षित भारत लौटने के लिए सोची से मॉस्को पहुंचना चाहिए लेकिन उचित दस्तावेज़ों के अभाव में वह मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास नहीं जा पा रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "उन्हें हिरासत में क्यों लिया गया, इसका उचित स्पष्टीकरण देने के बजाय, मेरे पति को अधिकारियों द्वारा प्रताड़ित और अपमानित किया गया। उन्हें उचित भोजन नहीं दिया गया और इसके कारण उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया। उनका शर्करा स्तर एक प्रतिशत तक गिर गया।"
उन्होंने बताया कि परिवार ने समाधान के लिए दिल्ली स्थित विदेश मंत्रालय से संपर्क किया लेकिन कोई अपेक्षित परिणाम नहीं निकला।
उन्होंने कहा, "मैंने यहां भारतीय जनता पार्टी के तमिलनाडु इकाई के कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी।"
उन्होंने कहा, "मीडिया के माध्यम से मैं केंद्र और राज्य सरकारों से रूस से मेरे पति की सुरक्षित और शीघ्र वापसी के लिए कदम उठाने का अनुरोध करती हूं।"
भाषा राखी