भाजपा ध्रुवीकरण और पाखंड के लिए ‘वंदे मातरम’ की वर्षगांठ का दुरुपयोग कर रही है: कांग्रेस
रंजन नरेश
- 07 Nov 2025, 05:10 PM
- Updated: 05:10 PM
मुंबई, सात नवंबर (भाषा) महाराष्ट्र कांग्रेस ने शुक्रवार को भाजपा पर राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ की 150 वीं वर्षगांठ के अवसर का ‘‘राजनीतिक ध्रुवीकरण’’ और ‘‘पाखंडी राष्ट्रवाद’’ के लिए ‘‘दुरुपयोग’’ करने का आरोप लगाया।
बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा रचित ‘वंदे मातरम’ पहली बार सात नवंबर, 1875 को साहित्यिक पत्रिका ‘बंगदर्शन’ में प्रकाशित हुआ था। बाद में, उन्होंने इस भजन को अपने उपन्यास ‘आनंदमठ’ में शामिल किया, जो 1882 में प्रकाशित हुआ था। 24 जनवरी 1950 को, भारत की संविधान सभा ने इसे राष्ट्रीय गीत के रूप में अपनाया।
कांग्रेस ने भाजपा के उन कथित आरोपों का खंडन किया है जिनमें यह कहा गया था कि उसके किसी विधायक ने ‘वंदे मातरम’ गाने का विरोध किया था। कांग्रेस ने पार्टी विधायकों असलम शेख और अमीन पटेल के खिलाफ भाजपा के ‘‘अभियान’’ को ‘झूठा, शर्मनाक और निंदनीय’ करार दिया।
कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि शेख और पटेल, दोनों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि उन्हें इस गीत पर कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने आगे कहा, ‘अगर भाजपा नेता वंदे मातरम गाना चाहते हैं, तो वे हमारे कार्यालयों में आकर गा सकते हैं, बाहर तमाशा करने के लिए नहीं।’
भाजपा पर जानबूझकर मुस्लिम विधायकों को निशाना बनाकर धार्मिक विभाजन भड़काने का आरोप लगाते हुए, कांग्रेस ने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा राष्ट्रीय गौरव से जुड़े मुद्दे को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रही है। यह उसकी विभाजनकारी राजनीति को उजागर करता है।’’
उन्होंने कहा कि जब देश ‘वंदे मातरम’ के 150 साल पूरे होने का जश्न मना रहा है, भाजपा ‘इस अवसर का दुरुपयोग राजनीतिक ध्रुवीकरण के लिए" कर रही है और ‘‘राष्ट्रवाद के ढोंग’’ में लिप्त है।
सावंत ने कहा, ‘‘वंदे मातरम कांग्रेस की आत्मा का हिस्सा है। हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ साहसपूर्वक इसे गाया था, जब स्वतंत्रता आंदोलन में आरएसएस की कोई उपस्थिति नहीं थी। जो लोग कभी संविधान का विरोध करते थे, तिरंगे को अशुभ कहते थे और 52 साल तक इसे फहराने से इनकार करते थे, वे अब खुद को एकमात्र देशभक्त बताते हैं।’’
उन्होंने आगे कहा कि ‘वंदे मातरम’ देश के स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक है, जबकि भाजपा इसे केवल एक चुनावी नारे के रूप में देखती है।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘हमारे लिए यह बलिदान और गौरव का गीत है। उनके लिए यह दिखावा मात्र है। वे सार्वजनिक रूप से 'वंदे मातरम' का नारा लगाते हैं, लेकिन अपने दिलों में वे संविधान विरोधी भजन 'नमस्ते सदा वत्सले' की पूजा करते हैं।’
मुंबई के मुंबादेवी से कांग्रेस विधायक अमीन पटेल ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि भाजपा ने उन्हें सूचित किया है कि उनके पार्टी कार्यकर्ता उनके कार्यालय के बाहर राष्ट्रगीत गायेंगे।
उन्होंने कहा, "अगर भाजपा कार्यकर्ता वंदे मातरम गाने के लिए मेरे कार्यालय आते हैं, तो मैं उनका जलपान के साथ स्वागत करना चाहूंगा... मैं उनका व्यक्तिगत रूप से स्वागत करता, लेकिन वे मेरे कार्यालय तब आयेंगे जब मैं वहां नहीं रहूंगा।"
पटेल ने कहा कि भाजपा को वंदे मातरम की याद तभी आती है जब चुनाव नजदीक होते हैं और उसे कांग्रेस और उसके कार्यकर्ताओं को देशभक्ति नहीं सिखानी चाहिए।
उन्होंने कहा, "देशभक्ति हमारे खून में है।"
भाषा रंजन