वर्ष 2025 अब तक का दूसरा या तीसरा सबसे गर्म वर्ष होगा : विश्व मौसम विज्ञान संगठन
सुभाष अविनाश
- 06 Nov 2025, 10:20 PM
- Updated: 10:20 PM
नयी दिल्ली, छह नवंबर (भाषा) विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्लूएमओ) ने बृहस्पतिवार को कहा कि 2025 रिकॉर्ड में दूसरा या तीसरा सबसे गर्म साल रहने वाला है तथा वर्ष भर असाधारण तापमान का खतरनाक दौर जारी रहा।
इसके साथ ही 2015 से 2025 तक के 11 वर्ष, 176 साल के अवलोकन रिकॉर्ड में सबसे गर्म अवधि बन जाएंगे, जिसमें पिछले तीन वर्ष सबसे गर्म साल रहे हैं।
डब्ल्यूएमओ की ‘‘वैश्विक जलवायु स्थिति अद्यतन 2025’’ रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी से अगस्त 2025 तक सतह के निकट का औसत तापमान पूर्व-औद्योगिक औसत से 1.42 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा।
वर्ष 2015 में लगभग 200 देशों द्वारा अपनाये गए पेरिस समझौते का उद्देश्य वैश्विक तापमान वृद्धि को 2 डिग्री सेल्सियस से नीचे रखना और इसे 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के प्रयास करना है। तापमान वृद्धि पहले ही 1.3 डिग्री सेल्सियस को पार कर चुकी है और वैश्विक उत्सर्जन में वृद्धि अब भी जारी है।
डब्ल्यूएमओ के अनुसार, 2024 अब तक का सबसे गर्म वर्ष था और ऐसा पहला साल था जब वैश्विक औसत तापमान पूर्व-औद्योगिक स्तर से 1.5 डिग्री सेल्सियस अधिक था।
बर्लिन स्थित जलवायु विज्ञान और नीति संस्थान, ‘क्लाइमेट एनालिटिक्स’ ने बृहस्पतिवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा कि 2030 के दशक की शुरुआत तक दुनिया के तापमान में 1.5 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने की पूरी आशंका है।
डब्ल्यूएमओ की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 और 2024 में वैश्विक तापमान को बढ़ाने वाली ‘अल नीनो’ स्थितियों के स्थान पर 2025 में तटस्थ या ‘ला नीना’ स्थितियां आएंगी।
इसमें कहा गया है कि जून 2023 से अगस्त 2025 तक की 26 महीने की अवधि में, फरवरी 2025 को छोड़कर, मासिक रिकॉर्ड तोड़ने वाले तापमान का एक लंबा सिलसिला देखा गया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ऊष्मा-अवरोधक ग्रीनहाउस गैसों और महासागरीय ऊष्मा की सांद्रता, जो 2024 में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी, 2025 में भी बढ़ती रहेगी।
अगस्त 2025 तक मौसम और जलवायु संबंधी चरम घटनाओं, जिनमें विनाशकारी वर्षा और बाढ़ से लेकर भीषण गर्मी और जंगल की आग तक शामिल हैं, का जीवन, आजीविका और खाद्य प्रणालियों पर व्यापक प्रभाव पड़ा। डब्ल्यूएमओ ने कहा कि इन घटनाओं ने कई क्षेत्रों में विस्थापन को बढ़ावा दिया और सतत विकास और आर्थिक प्रगति को कमज़ोर किया।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा, ‘‘प्रत्येक वर्ष 1.5 डिग्री से ऊपर का तापमान अर्थव्यवस्थाओं को नुकसान पहुंचाएगा, असमानताओं को बढ़ाएगा और अत्यधिक क्षति पहुंचाएगा। हमें अभी, बहुत तेजी से और बड़े पैमाने पर, इस अतिवृद्धि को यथासंभव कम, अल्प अवधि के लिए और सुरक्षित बनाने के लिए कार्य करना चाहिए और सदी के अंत से पहले तापमान को 1.5 डिग्री सेल्सियस से नीचे लाना चाहिए।’’
उन्होंने बेलेम जलवायु शिखर सम्मेलन में अपने वक्तव्य में डब्ल्यूएमओ की रिपोर्ट का हवाला देते हुए यह बात कही।
विश्व मौसम संगठन ने ब्राजील के बेलेम में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन, सीओपी 30 के शिखर सम्मेलन के लिए ‘‘वैश्विक जलवायु स्थिति अद्यतन 2025’’ रिपोर्ट जारी की।
भाषा सुभाष