शुभेंदु ने जन्म प्रमाण-पत्र जारी करने में विसंगतियों का आरोप लगाते हुए सीईओ से शिकायत दर्ज कराई
सुरेश माधव
- 04 Nov 2025, 08:12 PM
- Updated: 08:12 PM
कोलकाता, चार नवंबर (भाषा) पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने मंगलवार को मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) से शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उन्होंने राज्य में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान जन्म प्रमाण-पत्र जारी करने में बड़े पैमाने पर विसंगतियों का आरोप लगाया।
अधिकारी ने भारतीय जनता पार्टी के दो अन्य नेताओं के साथ सीईओ मनोज कुमार अग्रवाल से मुलाकात की और एक लिखित शिकायत दर्ज कराई।
उन्होंने कहा, ‘‘चुनावी प्रक्रिया में गड़बड़ी करने के लिए तृणमूल कांग्रेस से जुड़ी एजेंसियां फर्जी जन्म प्रमाण-पत्र तैयार कर रही हैं।’’
उन्होंने दावा किया कि निर्वाचन आयोग के उस आदेश के बाद जिलों और नगरपालिका क्षेत्रों में देर से जन्म पंजीकरण कराने की घटना में बढ़ोतरी देखी गयी है, जिसमें जन्म प्रमाण-पत्र को नागरिकता सत्यापन के लिए वैध दस्तावेजों के रूप में सूचीबद्ध किया गया था।
अधिकारी ने आरोप लगाया, ‘‘नागरिकता के संदिग्ध दावों को मान्य करने के गुप्त उद्देश्य से देरी से जन्म पंजीकरण कराने संबंधी आवेदनों में तीव्र वृद्धि हुई है।’’
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ दल के कार्यकर्ता और स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी इस प्रक्रिया की निगरानी कर रहे हैं और उसे सुगम बना रहे हैं।
भाजपा नेता ने स्थानीय स्वशासी निकायों के एक वर्ग पर ‘‘प्रशासन के इशारे पर’’ गड़बड़ी करने का आरोप लगाया और आयोग से निष्पक्ष एवं पारदर्शी सत्यापन प्रक्रिया सुनिश्चित करने की मांग की।
अधिकारी ने यह भी आरोप लगाया कि अक्सर ‘‘खोए हुए दस्तावेजों’’ की आड़ में, पूर्वव्यापी प्रभाव से फर्जी प्रमाण-पत्र जारी किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कई मामलों में, लोगों ने स्थानीय पुलिस थानों में सामान्य डायरी प्रविष्टियां दर्ज कराईं, जिसमें दावा किया गया कि उनके जन्म प्रमाण-पत्र गुम हो गए हैं और बाद में "छेड़छाड़ किए गए रिकॉर्ड" के आधार पर नये प्रमाण-पत्र प्राप्त किए।
अधिकारी ने दावा किया कि आधिकारिक रिकॉर्ड में मृत मतदाताओं को जीवित दिखाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सत्यापन के दौरान किसी भी तरह की जालसाजी का पता चला, तो उनकी पार्टी सख्त कार्रवाई की मांग करेगी।
वरिष्ठ भाजपा नेता ने बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) की सूची उनके पदनामों के साथ 24 घंटे के भीतर सीईओ की वेबसाइट पर प्रकाशित करने और आधार से जुड़े दस्तावेज़ों के संबंध में उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का पालन करने की भी मांग की।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने मांग की है कि सीईओ बीएलओ की सूची उनके पदनामों के साथ प्रकाशित करें। ऐसे मामले हैं, जहां एक मध्याह्न भोजन बनाने वाले रसोइए को बीएलओ के रूप में नामित किया गया है। ऐसी रिपोर्ट दक्षिण 24 परगना, उत्तर 24 परगना और कूच बिहार जिलों से प्राप्त हुई हैं।’’
भाषा सुरेश