जीएसटी में कटौती के बावजूद घरेलू यात्री वाहन खंड को गति दे रही है एसयूवी: हुंदै
निहारिका अजय
- 04 Nov 2025, 04:10 PM
- Updated: 04:10 PM
नयी दिल्ली, चार नवंबर (भाषा) स्पोर्ट्स यूटिलिटी वेहिकल (एसयूवी) घरेलू यात्री वाहन खंड की वृद्धि को गति दे रहे हैं क्योंकि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) दरों में की गई कटौती के बावजूद ग्राहक छोटी कारों का रुख करने के बजाय ऊंचे मॉडल और बेहतर ब्रांड की गाड़ियां खरीद रहे हैं। हुंदै मोटर इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह बात कही।
कंपनी ने अपनी कॉम्पैक्ट एसयूवी वेन्यू का बिल्कुल नया संस्करण मंगलवार को पेश करते हुए कहा कि हैचबैक एवं सेडान समग्र उत्पाद मिश्रण का हिस्सा हैं लेकिन अब ये 43 लाख इकाई प्रति वर्ष के घरेलू यात्री वाहन खंड के पीछे की प्रेरक शक्ति नहीं हैं।
हुंदै मोटर इंडिया के मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) तरुण गर्ग ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में बदलाव के बाद एसयूवी की बिक्री में वृद्धि हुई है।
गर्ग अगले वर्ष जनवरी से प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) का पदभार संभालेंगे।
उन्होंने बताया कि इस वर्ष जनवरी-अगस्त की अवधि में कुल यात्री वाहनों की बिक्री में हैचबैक की हिस्सेदारी 22.4 प्रतिशत रही। अक्टूबर में यह हिस्सेदारी घटकर 20 प्रतिशत रह गई।
गर्ग ने कहा कि इसी अवधि में कुल यात्री वाहन बिक्री में एसयूवी की हिस्सेदारी बढ़ी है।
उन्होंने कहा, ‘‘ इसलिए यह स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि जीएसटी दरों में कटौती के बाद भी एसयूवी देश में सबसे लोकप्रिय हैं। यही असली कहानी है। दरअसल, मझोले आकार की एसयूवी में सबसे अधिक वृद्धि देखी गई है।’’
गर्ग ने कहा कि भारतीय ग्राहक छोटी कारों की बजाय कॉम्पैक्ट एसयूवी की ओर बढ़ रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ ग्राहक के पास पहले जितना ही पैसा है और अब वह उतनी ही रकम में बड़ी कार खरीद सकता है।’’
गर्ग ने बताया कि हुंदै मोटर इंडिया की कुल बिक्री में एसयूवी की हिस्सेदारी अब 71 प्रतिशत है। 2030 तक यह योगदान 80 प्रतिशत तक पहुंच सकता है।
उन्होंने कहा कि कॉम्पैक्ट एसयूवी खंड जहां वेन्यू का मुकाबला मारुति ब्रेज़ा, टाटा नेक्सन और किआ सोनेट से है छोटी कारों से ‘अपग्रेड’ करने वाले ग्राहकों के साथ बढ़ रहा है।
गर्ग ने बताया कि कुल एसयूवी खंड में कॉम्पैक्ट एसयूवी का योगदान फिलहाल लगभग 41 प्रतिशत है। एसयूवी खंड की कुल यात्री वाहन बिक्री में 57 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
कंपनी की आगामी उत्पाद रणनीति के बारे में पूछे जाने पर गर्ग ने कहा कि हुंदै का लक्ष्य ‘मल्टी-पावरट्रेन’ कंपनी बनना है जिसके खंड में आईसीई, हाइब्रिड, सीएनजी व इलेक्ट्रिक मॉडल शामिल होंगे और जो विविध ग्राहक आवश्यकताओं को पूरा करेगी।
कंपनी के घरेलू कार बाजार में दूसरे स्थान से नीचे आने के बारे में गर्ग ने कहा कि क्षमता की कमी एक प्रमुख कारक रही। वाहन विनिर्माता कंपनी संतुलित वृद्धि चाहती है।
उन्होंने कहा, ‘‘ आंकड़े काफी मायने रखते हैं, रैंकिंग बहुत महत्वपूर्ण है...कंपनी का लक्ष्य लाभप्रद रूप से वृद्धि करना है। हम घरेलू एवं निर्यात और मात्रा एवं लाभ के बीच संतुलन बनाना चाहते हैं।’’
हुंदै मोटर इंडिया का लक्ष्य 2030 की विकास योजना के अनुसार घरेलू बाजार में 15 प्रतिशत से अधिक बाजार हिस्सेदारी हासिल करना है।
कंपनी की इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) रणनीति के बारे में पूछे जाने पर गर्ग ने कहा कि कंपनी 2032 तक 600 डीसी चार्जर लगाने की योजना के साथ सार्वजनिक चार्जिंग बुनियादी ढांचे को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
भाषा निहारिका