गिसेले पेलिकॉट प्रकरण के बाद फ्रांस में सहमति-आधारित बलात्कार कानून लागू होने की उम्मीद
माधव
- 29 Oct 2025, 06:25 PM
- Updated: 06:25 PM
पेरिस, 29 अक्टूबर (एपी) फ्रांस की सीनेट बुधवार को बलात्कार और अन्य यौन हमलों को किसी भी गैर-सहमति वाले यौन कृत्य के रूप में परिभाषित करने वाले विधेयक को अंतिम मंजूरी दे सकती है। यह कदम नशीला पदार्थ दिए जाने एवं बलात्कार किए जाने के उस ऐतिहासिक मुकदमे के बाद उठाया गया है जिसने फ्रांस को हिलाकर रख दिया था और गिसेले पेलिकॉट को एक वैश्विक प्रतीक में बदल दिया था।
यह विधेयक जनवरी में प्रस्तुत किया गया था, जिसके कुछ ही सप्ताह पहले 51 लोगों को गिसेले पेलिकॉट के साथ बलात्कार और शोषण करने का दोषी ठहराया गया था। संबंधित फैसले के बाद फ्रांस में बलात्कार की संस्कृति पर राष्ट्रीय स्तर पर विमर्श शुरू हो गया था।
सांसद मैरी-शार्लोट गारिन और वेरोनिक रायटन ने इस विधेयक के लिए अभियान चलाया था। उन्होंने लिखा, ‘‘यौन हिंसा के खिलाफ लड़ाई में कार्रवाई करने और एक नया कदम आगे बढ़ाने का समय आ गया है।’’
विधेयक में कहा गया है कि “बिना सहमति के किया गया कोई भी यौन कृत्य यौन हमला माना जाएगा।”
इसमें यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि यौन कृत्य “हिंसा, जबरदस्ती, धमकी देकर या अचानक” किया जाता है तो इसमें सहमति नहीं मानी जाएगी।
पिछले हफ़्ते, फ़्रांस की संसद के निचले सदन नेशनल असेंबली में लगभग सभी सांसदों ने इसे व्यापक रूप से मंज़ूरी दे दी थी। धुर दक्षिणपंथी दलों ने इसके ख़िलाफ़ मतदान किया था।
उम्मीद है कि सीनेट बुधवार को इसे अंतिम मंजूरी दे देगी, जो कि आधिकारिक प्रकाशन के माध्यम से विधेयक के कानून बनने से पहले का अंतिम चरण होगा।
मंजूरी मिलने पर, फ्रांस कई अन्य यूरोपीय देशों में शामिल हो जाएगा, जिनके पास बलात्कार पर सहमति-आधारित कानून हैं, जिनमें पड़ोसी जर्मनी, बेल्जियम और स्पेन भी शामिल हैं।
दिसंबर में, पेलिकॉट के पूर्व पति और 50 अन्य पुरुषों को 2011 से 2020 के बीच यौन उत्पीड़न का दोषी ठहराया गया था। यह कृत्य तब किया गया था जब वह मादक द्रव्यों के प्रभाव में थी।
डोमिनिक पेलिकॉट को 20 साल की जेल की सजा सुनाई गई, जबकि अन्य दोषियों को तीन से 15 साल तक की सजा सुनाई गई। अपील अदालत ने इस महीने की शुरुआत में उस एकमात्र व्यक्ति को 10 साल की कड़ी सजा सुनाई जिसने अपनी दोषसिद्धि को चुनौती दी थी।
गिसेले पेलिकॉट तब से यौन हिंसा के खिलाफ लड़ाई का प्रतीक बन गई हैं।
एपी नेत्रपाल