मंत्री ने सितंबर के बाद कर्नाटक में 'क्रांतिकारी' राजनीतिक घटनाक्रम होने की बात दोहराई
राजकुमार पारुल
- 24 Jul 2025, 07:21 PM
- Updated: 07:21 PM
बेंगलुरु, 24 जुलाई (भाषा) कर्नाटक में सितंबर के बाद ‘क्रांतिकारी’ राजनीतिक घटनाक्रम होने का संकेत दे चुके राज्य के सहकारिता मंत्री एनके राजन्ना ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह अपने बयान पर कायम हैं।
राजन्ना ने 26 जून को जब इस तरह की टिप्पणी की थी, तब साल के अंत तक नेतृत्व में संभावित बदलाव और मंत्रिमंडल में फेरबदल की अटकलों को हवा मिली थी।
आज जब राजन्ना से उनकी पिछली टिप्पणी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘यह (क्रांतिकारी राजनीतिक घटनाक्रम) होने वाला है... मैंने सितंबर की बात कही थी। मैं अब भी उस बयान पर कायम हूं।’’
जब राजन्ना से विस्तार से बताने का अनुरोध किया गया, तो उन्होंने कहा, ‘‘अगर मैं अभी सारा खुलासा कर दूंगा, तो कोई जिज्ञासा नहीं बचेगी। जिज्ञासा बनी रहने दीजिए।’’
वैसे, मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के समर्थक राजन्ना ने यह भी कहा कि सिद्धरमैया पहले ही नेतृत्व परिवर्तन के मुद्दे पर स्पष्टीकरण दे चुके हैं, ऐसे में इस विषय पर कोई भी चर्चा अप्रासंगिक है।
उन्होंने कहा, ‘‘सिद्धरमैया ने स्पष्ट कर दिया है कि वह आलाकमान के फैसले का पालन करेंगे, इसलिए यह शर्त भी लागू है। इस पर कोई भी फैसला आलाकमान के स्तर पर लिया जाएगा।’’
सिद्धरमैया ने जुलाई की शुरुआत में कहा था कि वह मुख्यमंत्री के रूप में पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा करेंगे। उन्होंने दोहराया था कि वह पार्टी आलाकमान के फैसले का पालन करेंगे।
राजनीतिक हलकों में--खासकर सत्तारूढ़ कांग्रेस के भीतर--इस साल के अंत तक नेतृत्व में संभावित बदलाव की अटकलें जोरों पर हैं, जो कथित तौर पर सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच सत्ता-साझाकरण समझौते से जुड़ा है।
कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के अध्यक्ष पद पर भी बदलाव की चर्चा है, जिस पर शिवकुमार अपने मूल कार्यकाल के बाद भी बने हुए हैं।
राजन्ना ने कहा कि वह अपनी आगामी दिल्ली यात्रा के दौरान कांग्रेस के कर्नाटक मामलों के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला से मिलने की योजना बना रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘कोई खास कारण नहीं है। वह हमारे प्रभारी महासचिव हैं, इसलिए मैं उनसे मिलकर मामलों पर चर्चा करूंगा।’’
जुलाई की शुरुआत में सुरजेवाला की मंत्रियों के साथ एक-एक कर हुई बैठक का ‘बहिष्कार’ करने की खबरों पर राजन्ना ने स्पष्ट किया, ‘‘मुझे उस बैठक के लिए नहीं बुलाया गया था। अगर मैं शहर में होता, तो उनसे मिलता। लेकिन मैंने निजी कारणों से पहले से ही अंतरराष्ट्रीय यात्रा तय कर रखी थी, इसलिए बैठक में शामिल नहीं हो सका।’’
भाषा राजकुमार