नालंदा विश्वविद्यालय में बीते पांच वर्षों में छात्रों की संख्या लगातार बढ़ी
मनीषा माधव
- 24 Jul 2025, 05:04 PM
- Updated: 05:04 PM
नयी दिल्ली, 24 जुलाई (भाषा) नालंदा विश्वविद्यालय में बीते पांच वर्ष में कुल छात्रों की संख्या में निरंतर वृद्धि देखी गई है।
विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा को एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर, शोधकार्य (पीएचडी), और लघुकालिक कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। ये कार्यक्रम छह अध्ययन विद्यापीठों और चार अनुसंधान केंद्रों के अंतर्गत आते हैं।
विदेश राज्य मंत्री ने बताया कि वर्ष 2020-21 में कुल 460 छात्रों ने विभिन्न कार्यक्रमों में दाखिला लिया था और 2024-25 में यह संख्या बढ़कर 1,270 तक पहुँच गई, जिसमें 402 स्नातकोत्तर एवं पीएचडी छात्र तथा 868 लघुकालिक पाठ्यक्रमों के छात्र शामिल हैं।
सिंह ने बताया कि 2024-25 में भारतीय छात्रों की संख्या 178 और अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या 224 है।
उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय का परिसर पूर्ण रूप से क्रियाशील है और इसमें दो शैक्षणिक भवन, प्रशासनिक भवन, छात्रावास, स्टाफ व फैकल्टी आवास, गेस्ट हाउस, भोजनालय, एम्फीथिएटर, चिकित्सा केंद्र, योग केंद्र और खेल परिसर शामिल हैं।
सिंह ने बताया कि परिसर को नेट-ज़ीरो सुविधा के रूप में विकसित किया गया है, जिसमें 6.5 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र, जल पुनर्चक्रण प्रणाली, वर्षाजल संचयन प्रणाली और लगभग 100 एकड़ में फैला हरित एवं जल क्षेत्र शामिल है।
उन्होंने बताया कि कुछ निर्माण कार्य जैसे पुस्तकालय, ऑडिटोरियम, कैफेटेरिया, वेस्ट-टू-एनर्जी संयंत्र और लैंडस्केपिंग का कार्य अभी प्रगति पर है।
वित्तीय विवरण साझा करते हुए उन्होंने बताया कि 2014 में विश्वविद्यालय के लिए 10-वर्षीय व्यय योजना के तहत 2,727.10 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई थी, जिसमें 1,749.65 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय और 977.45 करोड़ रुपये राजस्व व्यय के रूप में निर्धारित थे।
उन्होंने बताया कि 31 मार्च, 2025 तक कुल 2,066.05 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं, जिनमें से 1,731.38 करोड़ रुपये पूंजीगत और 334.67 करोड़ रुपये राजस्व व्यय शामिल हैं।
नालंदा विश्वविद्यालय को नालंदा विश्वविद्यालय अधिनियम, 2010 के तहत स्थापित किया गया था। यह संस्थान बिहार के राजगीर स्थित अपने नए परिसर में संचालित हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 19 जून, 2024 को इस परिसर का उद्घाटन किया था।
भाषा मनीषा