क्या बहुत ज्यादा सोना वाकई आपकी सेहत के लिए बुरा है? शोधकर्ताओं ने दिया जवाब
द कन्वरसेशन जितेंद्र नरेश
- 24 Jul 2025, 04:50 PM
- Updated: 04:50 PM
(शार्लेट गुप्ता एंड गेब्रियल रिग्ने, सीक्यूयूनिवर्सिटी ऑस्ट्रेलिया)
रॉकहैम्पटन, 24 जुलाई (द कन्वरसेशन) हम लोग पहले भी कई बार खबरों और सोशल मीडिया पोस्ट के जरिये इस बात से मुखातिब होते रहे हैं कि हमारे शरीर को पर्याप्त नींद की जरूरत होती है। कम नींद आपके मस्तिष्क, ह्रदय और संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
लेकिन बहुत ज्यादा सोने से क्या? हाल ही में कुछ खबरों में यह बताया गया कि नौ घंटे से ज्यादा नींद कम सोने के मुकाबले आपके स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डालती है।
हमारे शरीर को कितनी नींद की जरूरत है? और ज्यादा सोने से हमारे स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है? आइए इसके प्रमाणों पर गौर करें।
हमारे स्वास्थ्य के लिए नींद बेहद जरूरी पोषण और शारीरिक गतिविधि के साथ-साथ, नींद भी हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ज्यादा जरूरी है।
नींद के दौरान शारीरिक प्रक्रियाएं होती हैं, जो हमारे शरीर को जागते समय प्रभावी ढंग से काम करने में मदद करती हैं। इनमें मांसपेशियों को आराम मिलना, याददाश्त बेहतर होना और भावनाओं पर नियंत्रण रखने से जुड़ी प्रक्रियाएं शामिल हैं।
ऑस्ट्रेलिया का एक प्रमुख गैर-लाभकारी संगठन ‘स्लीप हेल्थ फाउंडेशन’ नींद से हमारे स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों की प्रमाण-आधारित जानकारी प्रदान करता है और वयस्कों को रात के समय सात से नौ घंटे की नींद लेने की सलाह देता है।
कुछ लोग स्वाभाविक रूप से कम सोते हैं और सात घंटे से कम नींद में भी ठीक से काम कर सकते हैं।
हालांकि, हममें से ज्यादातर लोगों के लिए सात घंटे से कम सोने के नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं।
ये प्रभाव अल्पकालिक हो सकते हैं; उदाहरण के लिए, रात में अच्छी नींद न लेने के कारण अगले दिन आपमें ऊर्जा की कमी हो सकती है, मूड खराब हो सकता है, आप ज्यादा तनाव महसूस कर सकते हैं और काम पर ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो सकता है।
लंबे समय तक पर्याप्त और अच्छी तरह से नहीं सोना आपकी स्वास्थ्य समस्याओं का एक प्रमुख जोखिम कारक है। यह दिल का दौरा व आघात जैसे हृदय संबंधी रोगों, मधुमेह जैसे चयापचय (मेटाबॉलिज्म) संबंधी विकार, अवसाद व चिंता जैसे खराब मानसिक स्वास्थ्य, कैंसर और मृत्यु के उच्च जोखिम से जुड़ा है।
यह स्पष्ट है कि पर्याप्त नींद न लेना हमारे लिए हानिकारक है। लेकिन बहुत ज्यादा नींद के बारे में क्या?
क्या बहुत ज्यादा नींद हानिकारक हो सकती है?
हाल ही में हुए एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने 79 अन्य अध्ययनों के परिणामों की समीक्षा की। इनमें लोगों पर कम से कम एक वर्ष तक अध्ययन किया गया और यह पाया गया कि आपके सोने का समय खराब स्वास्थ्य या मौत के जोखिम को कैसे प्रभावित करता है।
उन्होंने पाया कि वे लोग जो रात में सात घंटे से भी कम समय तक सोते हैं, उनमें सात से आठ घंटे सोने वाले लोगों की तुलना में मौत का जोखिम 14 प्रतिशत अधिक था।
शोधकर्ताओं ने हालांकि यह भी पाया कि रात में नौ घंटे से अधिक समय तक सोने वाले लोगों में सात से आठ घंटे सोने वाले लोगों की तुलना में मौत का खतरा 34 प्रतिशत अधिक था।
यह शोध, 2018 के इसी तरह के अध्ययन का समर्थन करता है, जिसमें पिछले 74 अध्ययनों के परिणामों को मिलाया गया था। इन अध्ययनों में एक से 30 वर्षों की अवधि में प्रतिभागियों की नींद और स्वास्थ्य का अध्ययन किया गया था।
अध्ययन में पाया गया कि नौ घंटे से अधिक सोने से अध्ययन अवधि में मौत का जोखिम 14 प्रतिशत बढ़ गया।
शोध से यह भी पता चला कि बहुत ज्यादा सोना (मतलब आपकी उम्र के हिसाब से जरूरत से ज्यादा सोना) अवसाद, दर्द, वजन बढ़ने और चयापचय संबंधी विकारों जैसी स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ा है।
यह चिंताजनक लग सकता है लेकिन यह याद रखना जरूरी है कि इन अध्ययनों में सिर्फ बहुत ज्यादा सोने और खराब स्वास्थ्य के बीच संबंध पाया गया है। इसका मतलब यह नहीं है कि बहुत ज्यादा सोना स्वास्थ्य समस्याओं या मौत का कारण है।
आखिर क्या संबंध है?
बहुत ज्यादा सोने और खराब स्वास्थ्य के बीच संबंध को कई कारक प्रभावित कर सकते हैं।
पहले से स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित लोगों का लगातार लंबे समय तक सोना आम बात है। उनके शरीर को ठीक होने के लिए अतिरिक्त आराम की आवश्यकता हो सकती है या वे लक्षणों या फिर दवाओं के दुष्प्रभावों के कारण अधिक समय तक सोते हैं।
पहले से स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित लोग पर्याप्त नींद नहीं मिलती होगी इसलिए वे ज्यादा समय तक सो सकते हैं।
इसके अलावा हम जानते हैं कि धूम्रपान और अधिक वजन जैसे खराब स्वास्थ्य के जोखिम कारक खराब नींद से जुड़े हैं।
इसका मतलब यह है कि लोग मौजूदा स्वास्थ्य समस्याओं या जीवनशैली से जुड़ी आदतों के कारण इस समस्या का शिकार होते हैं न कि ज्यादा सोने से उनका स्वास्थ्य खराब हो रहा है।
सीधे शब्दों में कहें तो सोना, खराब स्वास्थ्य का लक्षण हो सकता है, कारण नहीं।
पर्याप्त नींद कितनी होती है?
कुछ लोगों के कम और कुछ के ज्यादा देर तक सोने के कारण व्यक्तिगत अंतर पर निर्भर करते हैं और हम अब तक इन्हें पूरी तरह से नहीं समझ पाए हैं।
हमारी नींद की जरूरतें उम्र से जुड़ी हो सकती हैं। नाबालिग अक्सर ज्यादा सोना चाहते हैं और उन्हें शारीरिक रूप से इसकी जरूरत भी हो सकती है, नाबालिगों के लिए आठ से दस घंटे की नींद की सलाह वयस्कों की तुलना में थोड़ी ज्यादा होती है।
नाबालिग देर से सोकर भी उठ सकते हैं।
वृद्ध भी ज्यादा देर तक सोना पसंद करते हैं। हालांकि, अगर उन्हें नींद की कोई बीमारी न हो तो उन्हें व्यस्कों जितनी ही नींद लेनी चाहिए।
लेकिन ज्यादातर वयस्कों को सात से नौ घंटे की नींद की जरूरत होती है, जो उन्हें स्वस्थ रहने में मदद कर सकता है।
यह सिर्फ इस बात पर निर्भर नहीं करता कि आप कितनी नींद लेते हैं। अच्छी नींद और सोने व जागने का एक निश्चित समय आपके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
द कन्वरसेशन जितेंद्र