उप्र: सपा ने गोरखपुर में वरिष्ठ नेताओं पर हमले का आरोप लगाया, सख्त कार्रवाई की मांग की
जफर सं जितेंद्र खारी
- 26 Jun 2025, 12:39 AM
- Updated: 12:39 AM
गोरखपुर/ लखनऊ, 25 जून (भाषा) समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय को बुधवार को गोरखपुर दौरे के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ताओं और व्यापारी समुदाय के सदस्यों के कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ा।
इस बीच, समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाया कि पांडेय पर असामाजिक तत्वों ने हमला किया।
पांडेय को विरासत कॉरिडोर से होकर तिवारी हाता में मीडिया को संबोधित करना था, लेकिन उन्हें बीच रास्ते में नरमल चौराहे पर भाजपा कार्यकर्ताओं और व्यापारियों के एक समूह ने रोक लिया और ‘‘एसपी वापस जाओ’’ जैसे नारे लगाने लगे।
इस दौरान मामूली झड़प हुई, जिसमें समाजवादी पार्टी के कुछ वाहनों को नुकसान पहुंचा और उनकी खिड़कियां भी टूट गईं।
इसके जवाब में, पांडेय और कई सपा कार्यकर्ताओं ने सड़क पर धरना दिया। इसके तुरंत बाद, भाजपा समर्थक और व्यापारी समुदाय के सदस्य भी उसी स्थान पर समानांतर विरोध प्रदर्शन पर बैठ गए।
पुलिस ने भाजपा की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हस्तक्षेप किया, जिससे पांडेय कुछ व्यापारियों से संक्षिप्त बातचीत करने के बाद आगे बढ़ सके।
बातचीत के बाद, सपा का काफिला विरासत कॉरिडोर से होते हुए तिवारी हाता के लिए अपने तय रास्ते पर चल पड़ा।
भाजपा विधायक विपिन सिंह ने कहा, ‘‘ऐसे समय में जब गोरखपुर और पूरे राज्य में तेजी से विकास हो रहा है, सपा राजनीतिक लाभ के लिए इस तरह की नौटंकी कर रही है। व्यापारी समुदाय अब उनके एजेंडे को समझ गया है और इसीलिए यह विरोध प्रदर्शन हुआ।’’
नेता प्रतिपक्ष पांडेय ने कहा, ‘‘व्यापारियों को जमीन का उचित मुआवजा नहीं मिल रहा है; जब हम उस जगह का निरीक्षण करने गए थे जहां सड़क चौड़ीकरण के लिए घरों को तोड़ा जा रहा था, तो हमें भाजपा कार्यकर्ताओं और एक विधायक ने बीच रास्ते में ही रोक दिया। हमारे वाहन का शीशा भी तोड़ दिया गया।’’
बाद में समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को आरोप लगाया कि पार्टी के वरिष्ठ नेता माता प्रसाद पांडेय और पूर्व विधायक लाल बिहारी यादव पर गोरखपुर दौरे के दौरान असामाजिक तत्वों ने हमला किया।
यादव ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में इस घटना को ‘अत्यंत निंदनीय’ करार दिया और कहा कि यह हमला सूबे में लोकतंत्र की स्थिति को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है।
अखिलेश यादव ने कहा, “गोरखपुर के दौरे के दौरान राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व समाजवादी पार्टीक के वरिष्ठ नेता माता प्रसाद पांडेय और लाल बिहारी यादव पर असामाजिक तत्वों का हमला घोर निंदनीय है।”
उन्होंने कहा, “अगर लोकतंत्र में राजनीतिक दलों के जन संपर्क एवं जन समस्याओं की सुनवाई पर सत्ता संरक्षित अराजकतत्वों तत्वों द्वारा प्राणघातक प्रहार होगा तो ये अराजकता का राज ही कहलाएगा।”
यादव ने आरोप लगाया, “आरोपियों के खिलाफ पक्षपातहीन कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए, नहीं तो ये माना जाएगा कि ये ‘हाता नहीं भाता और पीडीए नहीं लुभाता’ का एक ऐसा मामला है, जिसके पीछे सोची-समझी साजिश रची गयी थी।”
समाजवादी पार्टी ने भी ‘एक्स’ पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार पर अपराधियों को बचाने और प्रभावितों की आवाज दबाने का आरोप लगाया।
पार्टी ने एक पोस्ट में कहा, “सच को दबाने के लिए गुंडों का सहारा ले रही सरकार। मुख्यमंत्री ने गोरखपुर में अपने गोरख धंधे पर पर्दा डालने के लिए पीड़ित व्यापारियों से मिलने गए नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय और लाल बिहारी यादव पर अराजकतत्वों से हमला करवाया, जो शर्मनाक है।”
पार्टी ने कहा, “व्यापारी अपनी समस्या न बता सकें इसलिए भाजपा सरकार ऐसे कृत्य कर रही है।”
सपा ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
भाषा जफर सं जितेंद्र