शराब घोटाले को लेकर 39 स्थानों पर ईओडब्ल्यू का छापा
संजीव नोमान
- 20 May 2025, 08:51 PM
- Updated: 08:51 PM
रायपुर, 20 मई (भाषा) छत्तीसगढ़ में करोड़ों के रुपये के कथित शराब घोटाले की जांच कर रहे आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (ईओडब्ल्यू) ने मंगलवार को राज्य भर में 39 स्थानों पर एक साथ छापा मारा तथा 90 लाख रुपये से अधिक की नकदी बरामद की। एजेंसी के अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि संदिग्धों के विभिन्न जिलों में आवासों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों और अन्य परिसरों पर की गई छापेमारी के दौरान महत्वपूर्ण दस्तावेज, डिजिटल डेटा, मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, सोना-चांदी, अचल संपत्तियों में निवेश से संबंधित रिकॉर्ड और 90 लाख रुपये से अधिक की नकदी बरामद की गई है।
उन्होंने बताया कि ईओडब्ल्यू द्वारा राज्य में आबकारी घोटाले की जांच जारी है। जांच के दौरान जानकारी मिली कि मामले के प्रमुख संदिग्ध ने अपराध से अर्जित अवैध धनराशि को विभिन्न व्यक्तियों के माध्यम से अलग-अलग व्यवसायों और संपत्तियों में बड़े पैमाने पर निवेश किया है।
अधिकारियों ने बताया कि अवैध निवेश से संबंधित पुख्ता जानकारी मिलने के बाद आज राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो के दल ने राज्य के दुर्ग, धमतरी और महासमुंद जिले में स्थित 39 परिसरों पर एक साथ छापे की कार्रवाई की।
उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान संदिग्धों के निवास, व्यावसायिक परिसरों और अन्य संबंधित स्थलों पर की गई तलाशी में इस मामले से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज, डिजिटल डेटा, मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, सोना-चांदी, अचल संपत्तियों में निवेश से जुड़े अभिलेखों सहित 90 लाख से अधिक की नकद राशि बरामद की गई।
अधिकारियों ने बताया कि जब्त सामान का विश्लेषण किया जा रहा है तथा मामले की जांच की जा रही है।
इससे पहले 17 मई को ईओडब्ल्यू ने कांग्रेस विधायक और पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा से जुड़े लोगों के राज्य भर में 13 ठिकानों पर छापेमारी की थी। लखमा को इस वर्ष की शुरुआत में कथित शराब घोटाले को लेकर गिरफ्तार किया गया था।
कथित शराब घोटाला मामले में इस वर्ष जनवरी में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तारी के बाद से लखमा रायपुर केंद्रीय जेल में बंद हैं।
लखमा (71) कोंटा (सुकमा जिले) से छह बार के विधायक हैं तथा कांग्रेस की पिछली सरकार में आबकारी मंत्री थे।
ईओडब्ल्यू के अधिकारियों के अनुसार, पिछले वर्ष ईडी की एक रिपोर्ट के आधार पर कथित शराब घोटाले में दर्ज प्राथमिकी में कांग्रेस के कई नेताओं सहित 70 लोगों और कंपनियों के नाम हैं।
ईडी के अनुसार, राज्य में कथित शराब घोटाला 2019-22 के बीच हुआ था, जब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली सरकार थी।
केंद्रीय एजेंसी ने पहले दावा किया था कि छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले के कारण राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ और शराब सिंडिकेट को 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध आय हुई।
एजेंसी ने कहा था कि इस सिंडिकेट में राज्य के वरिष्ठ नौकरशाह, राजनीतिक नेता, उनके सहयोगी और आबकारी विभाग के अधिकारी शामिल हैं।
भाषा संजीव