शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 16 मार्च तक 13 प्रतिशत बढ़कर 21.26 लाख करोड़ रुपये पर
अनुराग अजय
- 17 Mar 2025, 06:10 PM
- Updated: 06:10 PM
नयी दिल्ली, 17 मार्च (भाषा) चालू वित्त वर्ष (2024-25) में अबतक शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 13.13 प्रतिशत बढ़कर 21.26 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इसमें अग्रिम कर संग्रह में वृद्धि का प्रमुख योगदान रहा।
वर्ष के दौरान, सरकार ने अग्रिम कर की चार किस्तों से 14.62 प्रतिशत वृद्धि के साथ 10.44 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 9.11 लाख करोड़ रुपये था।
चालू वित्त वर्ष के लिए अग्रिम कर भुगतान की अंतिम किस्त 15 मार्च, 2025 को देय थी।
कॉरपोरेट कर श्रेणी के तहत अग्रिम कर संग्रह 12.54 प्रतिशत बढ़कर 7.57 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि गैर-कॉरपोरेट श्रेणी में अग्रिम कर संग्रह 20.47 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 2.87 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।
आयकर अधिनियम की धारा 208 के अनुसार, जिस व्यक्ति की अनुमानित कर देयता 10,000 रुपये से अधिक होने की संभावना है (स्रोत पर कर कटौती और संग्रह - टीडीएस और टीसीएस पर विचार करने के बाद) उसे उस वर्ष अग्रिम कर का भुगतान करना आवश्यक है। इसमें वेतनभोगी करदाता भी शामिल हैं।
अग्रिम कर का भुगतान वित्त वर्ष की समाप्ति से पहले उस आय पर किया जाना चाहिए जो उस वर्ष अर्जित की गई होगी।
अग्रिम कर का भुगतान चार किस्तों- वित्त वर्ष के दौरान 15 जून, 15 सितंबर, 15 दिसंबर और 15 मार्च में किया जाता है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, शुद्ध गैर-कॉरपोरेट कर से संग्रह (मुख्य रूप से व्यक्तिगत आयकर समेत) सालाना आधार पर 17 प्रतिशत बढ़कर लगभग 11.01 लाख करोड़ रुपये हो गया।
हालांकि, एक अप्रैल, 2024 और 16 मार्च, 2025 के बीच शुद्ध कॉरपोरेट कर संग्रह एकल अंक में सात प्रतिशत बढ़कर 9.69 लाख करोड़ रुपये रहा है।
चालू वित्त वर्ष में अब तक प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) से शुद्ध संग्रह लगभग 56 प्रतिशत बढ़कर 53,095 करोड़ रुपये हो गया।
इस अवधि के दौरान 4.60 लाख करोड़ रुपये से अधिक के रिफंड जारी किए गए, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में 3.47 लाख करोड़ रुपये के रिफंड जारी किए गए थे।
सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 16 मार्च तक 16.15 प्रतिशत बढ़कर 25.86 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया।
चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमानों (आरई) में सरकार ने आयकर संग्रह 12.57 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया है, जो बजट अनुमान 11.87 लाख करोड़ रुपये से अधिक है।
भाषा अनुराग