फरवरी में थोक मुद्रास्फीति बढ़कर 2.38 प्रतिशत पर
पाण्डेय अजय
- 17 Mar 2025, 03:31 PM
- Updated: 03:31 PM
नयी दिल्ली, 17 मार्च (भाषा) इस साल फरवरी में थोक कीमतों पर आधारित मुद्रास्फीति मामूली रूप से बढ़कर 2.38 प्रतिशत हो गई। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई।
जनवरी में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति 2.31 प्रतिशत के स्तर पर थी। लगातार तीन माह की गिरावट के बाद डब्ल्यूपीआई में मामूली वृद्धि देखी गई।
सब्जी, तेल और पेय जैसे विनिर्मित खाद्य पदार्थ महंगे होने के कारण फरवरी, 2025 में महंगाई बढ़ी।
एक साल पहले फरवरी, 2024 में थोक कीमतों पर आधारित मुद्रास्फीति 0.2 प्रतिशत थी।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने बयान में कहा कि फरवरी, 2025 में मुद्रास्फीति की दर में हुई वृद्धि मुख्य रूप से खाद्य उत्पादों, खाद्य वस्तुओं, अन्य विनिर्मित वस्तुओं, गैर-खाद्य वस्तुओं और कपड़ा आदि के मूल्यों में वृद्धि के कारण है।
कुल मिलाकर विनिर्मित उत्पाद सूचकांक फरवरी में 0.42 प्रतिशत बढ़ा।
आंकड़ों के अनुसार, विनिर्मित खाद्य उत्पादों की मुद्रास्फीति बढ़कर 11.06 प्रतिशत हो गई, वनस्पति तेल में 33.59 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि पेय पदार्थों की मुद्रास्फीति महीने के दौरान मामूली रूप से बढ़कर 1.66 प्रतिशत हो गई।
हालांकि, सब्जियों की कीमतों में नरमी आई और आलू की मुद्रास्फीति 74.28 प्रतिशत से घटकर 27.54 प्रतिशत पर आ गईं। इसके अलावा, दूध की कीमतों में वृद्धि पिछले महीने के 5.40 प्रतिशत से घटकर 1.58 प्रतिशत पर आ गईं। फलों और प्याज की कीमतें क्रमशः 20 प्रतिशत और 48.05 प्रतिशत बढ़ीं।
ईंधन और बिजली श्रेणी में फरवरी में 0.71 प्रतिशत की गिरावट देखी गई, जबकि पिछले महीने इसमें 2.78 प्रतिशत की गिरावट आई थी।
इक्रा के वरिष्ठ अर्थशास्त्री राहुल अग्रवाल ने कहा कि आने वाले वक्त में अच्छी फसल और ऊंचे आधार प्रभाव से डब्ल्यूपीआई-खाद्य मुद्रास्फीति में और गिरावट आने की उम्मीद है। उन्होंने साथ ही जोड़ा कि सामान्य से अधिक तापमान खाद्य मुद्रास्फीति के लिए जोखिम पैदा करता है।
उन्होंने कहा कि इक्रा को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2025-26 में डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति औसतन 2.5-3 प्रतिशत रहेगी।
भाषा पाण्डेय