भारत, न्यूजीलैंड ने एफटीए वार्ता बहाल करने की घोषणा की
अनुराग
- 16 Mar 2025, 07:44 PM
- Updated: 07:44 PM
नयी दिल्ली, 16 मार्च (भाषा) भारत और न्यूजीलैंड ने रविवार को प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के लिए वार्ता बहाल करने की घोषणा की, जो 2015 में स्थगित हो गई थी।
भारत और न्यूजीलैंड ने वस्तुओं, सेवाओं और निवेश में व्यापार को बढ़ावा देने के लिए अप्रैल, 2010 में व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (सीईसीए) पर बातचीत शुरू की थी। हालांकि, नौ दौर की चर्चाओं के बाद 2015 में वार्ता रुक गई थी।
वाणिज्य मंत्रालय ने कहा, “दोनों देश एक व्यापक और पारस्परिक रूप से लाभकारी भारत-न्यूजीलैंड मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) वार्ता के लिए बातचीत शुरू करने की घोषणा करते हुए खुश हैं।”
यह घोषणा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन 16 मार्च से चार दिवसीय यात्रा पर यहां आ रहे हैं।
मंत्रालय ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और न्यूजीलैंड के व्यापार एवं निवेश मंत्री टॉड मैक्ले के बीच बैठक के बाद यह घोषणा की।
बयान के अनुसार, “भारत-न्यूजीलैंड एफटीए वार्ता का उद्देश्य संतुलित परिणाम प्राप्त करना है, जिससे आपूर्ति शृंखला एकीकरण बढ़े और बाजार पहुंच में सुधार हो।”
गोयल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, “द्विपक्षीय व्यापार में लगातार वृद्धि जारी है, जो अप्रैल-जनवरी 2025 के दौरान एक अरब डॉलर को पार कर जाएगा। एफटीए वार्ता का उद्देश्य व्यवसायों और उपभोक्ताओं के लिए नए रास्ते खोलना, हमारे देशों की पारस्परिक वृद्धि और समृद्धि को बढ़ावा देना है।”
शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) के अनुसार, नए सिरे से होने वाली वार्ता में एक बड़ी चुनौती शुल्क संरचनाओं में असमानता होगी। न्यूजीलैंड का औसत आयात शुल्क केवल 2.3 प्रतिशत है, जबकि इसकी आधी से अधिक शुल्क लाइनें पहले से ही शुल्क-मुक्त हैं, जिसका अर्थ है कि भारतीय वस्तुओं की पहले से ही उसके बाजार में पर्याप्त पहुंच है।
इसके विपरीत, भारत का औसत शुल्क 17.8 प्रतिशत है, जिसका अर्थ है कि उसे महत्वपूर्ण कटौती करनी होगी, जिससे भारत के लिए पारंपरिक एफटीए कम आकर्षक हो जाएगा।
जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, “जब वार्ता बहाल होगी, तो दोनों देशों को सफलतापूर्वक आगे बढ़ने के लिए इन मुद्दों पर आम जमीन तलाशनी होगी।”
उन्होंने कहा कि इससे पहले न्यूजीलैंड भारत के डेयरी बाजार में अधिक पहुंच की मांग कर रहा था, जिसका भारत ने अपने घरेलू डेयरी उद्योग की रक्षा के लिए विरोध किया, जो लाखों किसानों का समर्थन करता है।
श्रीवास्तव ने कहा कि वर्तमान में, न्यूजीलैंड से भारत का डेयरी आयात न्यूनतम (लगभग 5.7 लाख डॉलर) है, और जबकि भारत मूल्यवर्धित डेयरी उत्पादों के सीमित आयात पर विचार कर सकता है, वह कच्चे डेयरी आयात की अनुमति देने के खिलाफ है।
भाषा