बिहार में भीड़ के हमले की तीन घटनाओं में सात पुलिसकर्मी घायल
रवि कांत रवि कांत पारुल
- 16 Mar 2025, 07:43 PM
- Updated: 07:43 PM
भागलपुर/मधुबनी/नवादा, 16 मार्च (भाषा) बिहार में भीड़ के हमले की तीन घटनाओं में सात पुलिसकर्मी घायल हो गए। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों के मुताबिक, ये हमले शनिवार को भागलपुर, मधुबनी और नवादा जिले में हुए और इनकी प्रकृति एक जैसी थी।
उन्होंने बताया कि झगड़े की सूचना मिलने पर पुलिस एक इलाके में गई और भीड़ ने उस पर हमला कर दिया।
पिछले पांच दिनों में राज्य में ऐसी दो और घटनाएं घटित हुईं। मुंगेर जिले में शुक्रवार को एक सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) की पिटाई के बाद मौत हो गई, जबकि अररिया जिले में बुधवार को इसी रैंक के एक अन्य पुलिसकर्मी की मौत हो गई।
अधिकारियों ने बताया कि भागलपुर के कहलगांव अनुमंडल के अंतीचक थाना क्षेत्र में भीड़ के हमले में पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए। घायलों में एक उप-निरीक्षक, तीन कांस्टेबल और एक चौकीदार शामिल हैं।
अंतीचक के थाना प्रभारी आशुतोष कुमार ने कहा, ‘‘यह घटना उस समय हुई, जब पुलिस का एक दल दो लड़कों के बीच झगड़े के मामले की जांच करने गया था। लड़कों में से एक ने पुलिस दल पर पत्थर फेंके। इसके बाद स्थानीय लोगों ने भी पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। इस हमले में पुलिस का एक वाहन क्षतिग्रस्त हो गया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अतिरिक्त बलों को तुरंत इलाके में भेजा गया और स्थिति को नियंत्रित किया गया।’’
अधिकारी ने बताया कि घायल पुलिसकर्मियों को इलाज के लिए नजदीकी सरकारी अस्पताल ले जाया गया।
कुमार ने कहा, ‘‘मुख्य आरोपी फरार हो गया। इस घटना के समय स्थानीय मजिस्ट्रेट संजीव चौधरी भी वहां मौजूद थे। चौधरी के बयान के आधार पर 24 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।’’
उन्होंने बताया कि इस सिलसिले में अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
मधुबनी जिले में पुलिस टीम पर उस समय हमला किया गया, जब वह दो समूहों के बीच झगड़े की सूचना मिलने पर परसाही इलाके में गई थी।
पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘शुरुआत में कुछ लोगों ने पुलिसकर्मियों के साथ हाथापाई की। इस हाथापाई के दौरान एक पुलिसकर्मी के सिर पर किसी धारदार हथियार से वार किया गया। उसे तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। फिलहाल वह खतरे से बाहर है। हमले में कुछ और पुलिसकर्मियों को मामूली चोटें आई हैं।’’
उन्होंने बताया कि 30 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
इसी तरह के हमले में एक अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गया, जब वह अपने कुछ सहयोगियों के साथ नवादा के कवाकोल थाना क्षेत्र के शेखोदौरा में दो समूहों के बीच पथराव की घटना की सूचना मिलने पर वहां गया था।
पुलिस ने एक बयान में कहा, ‘‘मामला दर्ज कर लिया गया है और आरोपियों की तलाश जारी है।’’
इस घटना से कुछ घंटे पहले मुंगेर जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के नंदलालपुर गांव में भीड़ द्वारा किए गए हमले में सहायक उपनिरीक्षक संतोष कुमार सिंह की मौत हो गई थी।
सिंह दो पक्षों के बीच विवाद से जुड़े एक मामले की जांच करने शुक्रवार को नंदलालपुर गांव गए पुलिस दल में शामिल थे। शराब के नशे में धुत कुछ लोगों ने उनके सिर पर धारदार हथियार से हमला किया, जिसके बाद शनिवार को पटना के एक अस्पताल में उनकी मौत हो गई।
बुधवार की रात जब पुलिस अररिया के फुलकाहा के लक्ष्मीपुर इलाके में गिरफ्तारी करने गई, तो पुलिसकर्मियों और उनका विरोध कर रहे कुछ स्थानीय लोगों के बीच हाथापाई हो गई। इसी बीच किसी ने एएसआई राजीव रंजन को धक्का दे दिया, जिससे वह गिर पड़े और बाद में उनकी मौत हो गई।
हमलों की बढ़ती घटनाओं के बाद डीजीपी विनय कुमार ने कहा कि सभी पुलिस थानों को छापेमारी करने से पहले स्थिति का आकलन करने का निर्देश दिया गया है।
उन्होंने कहा कि जांच स्थलों पर हमेशा पर्याप्त संख्या में कर्मियों के साथ जाने के निर्देश दिए गए हैं।
डीजीपी विनय कुमार ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘मैं यह भी कहना चाहूंगा कि लोगों को आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली (ईआरएसएस)डायल 112 को लेकर संयम बरतना चाहिए। इस नंबर पर कॉल आने के बाद मौके पर पहुंचने में समय बर्बाद नहीं किया जाता। डायल 112 की टीम में तीन से चार से ज्यादा लोग नहीं होते। लोगों को उनके साथ दुर्व्यवहार नहीं करना चाहिए। ’’
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने इन घटनाओं को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति चरमरा गई है।
तेजस्वी ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘अररिया और मुंगेर में दो एएसआई की हत्या के बाद भागलपुर, नवादा और राज्य के अन्य हिस्सों में पुलिसकर्मियों पर हुए हमलों में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए...। लेकिन, मुख्यमंत्री ने इन पुलिसकर्मियों की शहादत और साहस पर दो शब्द भी नहीं कहे हैं... बिहार की जनता वर्तमान असंवेदनशील सरकार के कारण त्रस्त है।’’
राजद नेता ने दावा किया, ‘‘मुख्यमंत्री के पास गृह विभाग भी है, लेकिन उन्हें राज्य की ध्वस्त हो रही कानून-व्यवस्था की जरा भी चिंता नहीं है। उनकी सरकार 20 साल से सत्ता में है। नीतीश कुमार के कार्यकाल में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों और अधिकारियों की हत्या हुई है। ’’
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